Lok Sabha Election 2019: टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर गांव वालों को धमकी देने का आरोप, कहा- BJP को नहीं दे सकते वोट
Lok Sabha Election 2019 (लोकसभा चुनाव 2019): तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा आदिवासी बहुल क्षेत्रों में रहने वाले गांव वालों को धमकी दिए जाने का मामला सामने आया है। गांव वालों का कहना है कि टीएमसी के कार्यकर्ता रात में आते हैं और उन्हें धमकी देते हैं।

Lok Sabha Election 2019: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं पर आदिवासी वोटर्स को धमकाने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि उन्होंने वोटर्स को धमकी दी कि वे बीजेपी को वोट नहीं डाल सकते हैं। उन्हें सिर्फ टीएमसी को ही वोट देने होंगे।
गांव वालों को दी धमकीः टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के बीरभूम लोकसभा क्षेत्र में आदिवासी वोटर्स को प्रभावित किया जा रहा है। दावे के मुताबिक, यह काम टीएमसी के कार्यकर्ता कर रहे हैं, जिससे चुनाव में पार्टी की स्थिति को मजबूत किया जा सके। टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने भरतपुर गांव के लोगों को धमकी दी है कि अगर उन्होंने भाजपा को वोट दिया तो इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे। गांव वालों ने बताया कि वे पुलिस के पास जाने से भी डरते हैं, क्योंकि धमकी मिलने के बाद भी पुलिस ने उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई। बता दें कि टीएमसी कार्यकर्ताओं से धमकी मिलने के मामले मोरलपुर गांव में भी सामने आए हैं। वहीं, परूई में भाजपा के एक कार्यकर्ता को बंदूक की नोक पर धमकी दी गई थी।
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मतदाताओं को पीटा गया: मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने आदिवासी इलाकों में रहने वाले कई मतदाताओं को दो दिन पहले पीटा भी था। उनका कसूर यह था कि वे बीरभूम में पीएम मोदी की सार्वजनिक बैठक में शामिल हुए थे।
मास्क पहन कर आए थेः गांव वालों ने टाउम्स नाऊ को बताया कि 26 अप्रैल की रात कुछ लोग मास्क पहनकर उनके गांव में घुस आए और उनके साथ मारपीट की। उन्होंने खुद को टीएमसी कार्यकर्ता बताते हुए गांव-गांव जाकर लोगों को धमकी दी कि वे टीएमसी को ही वोट दें, भाजपा को नहीं। बता दें कि भारतीय संविधान विभिन्न राज्यों में आदिवासी क्षेत्रों में विशेष प्रावधान है। बीरभूम में जनसंख्या का एक बड़ा वर्ग आदिवासी समुदायों मुंडा, कोल, हो, उराव, पहाड़िया, महाली, लोहार से संबंधित है। गौरतलब है कि राज्य में बीते एक साल में कई भाजपा कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं। वहीं, दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर कई बार हिंसा भड़काने का आरोप लगा चुकी हैं।