Lok Sabha Election 2019: तीसरे चरण के रण में यादव परिवार से ये दिग्गज मैदान में, सपा का होगा ‘टेस्ट’
Lok Sabha Election 2019 (लोकसभा चुनाव 2019): तीसरे चरण के मतदान में मुलायम सिंह यादव के परिवार से चार दिग्गज मैदान में हैं। इनमें एक सीट पर चाचा और भतीजा भी आमने-सामने हैं। 2014 में सपा ने जो पांच सीटें जीती थीं उनमें से तीन सीटों पर आज मतदान हो रहा है।

Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव में तीसरे चरण के लिए आज (23 अप्रैल) को मतदान जारी है। इस दौरान उत्तर प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों पर भी वोटिंग हो रही है। वैसे तो प्रत्येक चरण का चुनाव राजीनितिक पार्टियों के लिए खास होता है लेकिन तीसरे चरण का मतदान समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए काफी अहम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस चरण में जिन 10 सीटों पर वोटिंग जारी है उनमें से 9 सीटों पर सपा के उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, भतीजे धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव, सपा सरकार में मंत्री रहे कद्दावर नेता आजम खान सरीखे नाम शामिल हैं। ऐसे में तीसरे चरण के रण में यादव परिवार के कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला होगा। इनमें सपा से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले मुलायम के भाई शिवपाल यादव भी भतीजे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
मैनपुरी से यादव परिवार के मुखिया की किस्मत का होगा फैसला: बता दें कि तीसरे चरण के तहत जिन सीटों पर वोटिंग जारी है, उनमें मैनपुरी को सपा सबसे सुरक्षित सीट मानकर चल रही है। इसका एक अहम कारण यहां से मुलायम सिंह यादव का मैदान में होना है। इस सीट से मुलायम तीन बार चुनाव जीत चुके हैं और ये सीट 1996 से ही लगातार सपा के कब्जे में है। 2014 में मुलायम ने आजमगढ़ और मैनपुरी से चुनाव लड़ा था लेकिन बाद में मैनपुरी सीट छोड़ दी थी। हालांकि इसके बाद हुए चुनाव में मुलायम के भतीजे और सपा प्रत्याशी तेज प्रताप यादव ने जीत हासिल की थी। इस बार मैनपुरी में मुलायम के सामने बीजेपी के प्रेम सिंह शाक्य फिर से मैदान में हैं तो कांग्रेस ने उनके सामने अपना उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा। ये सीट सपा के लिए कितनी अहम है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां 24 साल की कड़वाहट भुलाकर मुलायम और मायावती ने मंच साझा किया था। हालांकि बीजेपी प्रत्याशी इस सीट से मुलायम को कड़ी चुनौती पेश करने की कोशिश में है लेकिन पुराने इतिहास को देखते हुए पलड़ा सपा की ओर झुका नजर आता है खास बात ये है कि इस बार बसपा के साथ आने से उसका वोट भी मुलायम के खाते में जाने की संभावना है।
फिरोजाबाद से चाचा-भतीजा आमने-सामने: इस बार के चुनाव में फिरोजाबाद की लड़ाई बड़ी ही दिलचस्प है। यहां यादव परिवार के दो शख्स एक दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। सपा उम्मीदवार अक्षय यादव के सामने उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव (प्रगतिशील समाजवादी पार्टी) चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि इस सीट पर 2009 में मौजूदा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव जीता था, इसके बाद 2014 में मोदी लहर के बीच अक्षय यादव ने यहां से जीत हासिल की। लेकिन इस बार उनके सामने इस सीट को बचाने की दोहरी चुनौती हैं। पहली चुनौती स्वयं चाचा शिवपाल हैं तो दूसरी बीजेपी प्रत्याशी चन्द्रसेन जादौन हैं। इस क्षेत्र में बीजेपी की उम्मीदें वोट बंटवारे पर भी टिकी हुई हैं। हालांकि आज मतदान के बाद ऊंट किस करवट बैठेगा, यह देखने वाली बात होगी। इस सीट पर बीजेपी का काफी फोकस रहा है इसका अंदाजा इस बात लगाया जा सकता है कि यहां खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह चुनावी रैली संबोधित करने आए थे।
बदायूं से मुलायम के भतीजे धर्मेंद्र हैं मैदान में: बता दें कि बदायूं से मुलायम यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव मैदान में हैं। उनके सामने योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य चुनाव लड़ रही हैं। वहीं कांग्रेस ने यहां से कभी यादव परिवार के करीबी माने जाने वाले सलीम इकबाल शेरवानी को मैदान में उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय करने की कोशिश की। ओबीसी बहुल इस सीट पर करीब 4 लाख मुस्लिम मतदाता भी हैं। ऐसे में सपा जातिगत समीकरणों के लिहाज से खुद को मजबूत स्थिति में मानकर चल रही हैं। हालांकि ये देखना दिलचस्प होगा कि इस बार यादव परिवार का इस सीट पर फिर से परचम लहराएगा या नहीं।
आजम और जयाप्रदा के बीच पुरानी है अदावत: तीसरे चरण के तहत रामपुर सीट पर भी वोटिंग जारी है। इस सीट पर राजनीतिक पंडितों समेत सभी की निगाहें जमी हुई हैं। इसके पीछे रामपुर से सपा के कद्दावर नेता आजम खान और उनकी प्रतिद्वंदी बीजेपी उम्मीदवार जयाप्रदा का मैदान में होना है। वैसे तो रामपुर को सपा का गढ़ माना जाता है लेकिन इस बार के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी से आजम को कड़ी टक्कर मिलती दिखाई दे रही है। इस बार यहां की चुनावी बयानबाजी राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रही है। मतदान से दो दिन पहले ही सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने जयाप्रदा के पक्ष में रैली कर आजम को हराने की अपील की थी। हाल ही में जयप्रदा के खिलाफ आजम द्वारा दिए अमर्यादित बयान को बीजेपी ने चुनाव में भुनाने की कोशिश भी की। कई लोगों का मानना है इसका फायदा बीजेपी को चुनाव में मिल सकता है। हालांकि इस सीट पर आजम की खासी पकड़ मानी जाती है ऐसे में जयाप्रदा की राह आसान नहीं होगी।
बता दें कि इस चरण में सपा के दिग्गजों के अलावा दूसरी पार्टियों के कई बड़े नेता मैदान में हैं। बात अगर पीलीभीत की करें तो यहां से केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी बेटे वरुण गांधी मैदान में है, जबकि मुरादाबाद से कांग्रेस के टिकट पर शायर इमरान प्रतापगढ़ी चुनाव लड़ रहे हैं जहां उनका मुकाबला बीजेपी के मौजूदा सांसद कुंवर सर्वेश सिंह से है। एटा से प्रदेश के पूर्व सीएम और वर्तमान राज्यपाल कल्याण सिंह के बेटे फिर से मैदान में हैं।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, टेलीग्राम पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App। Online game में रुचि है तो यहां क्लिक कर सकते हैं।