Lok Sabha Election 2019: राज ठाकरे की पार्टी नहीं लड़ेगी चुनाव, लोग बोले- ये तो शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया
Lok Sabha Election 2019 (लोकसभा चुनाव 2019): इन दिनों जमकर मोदी विरोध में जुटे राज ठाकरे की पार्टी मनसे आगामी चुनाव नहीं लड़ेगी। उनके इस फैसले पर लोगों ने चुटकी ली है।

Lok Sabha Election 2019 की जंग अब चरम पर है लेकिन राज ठाकरे की पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है। अरसे से मोदी विरोध का मोर्चा बुलंद कर रहे राज ठाकरे विपक्ष के साथ महागठबंधन की कोशिशों में भी नजर आए थे लेकिन अचानक उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने चुनावी मैदान से किनारा कर लिया। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र विधानसभा में उनकी पार्टी का सिर्फ एक विधायक है।तेजतर्रार नेताओं में शुमार किए जाने वाले राज ठाकरे के इस फैसले पर सोशल मीडिया पर लोगों ने चुटकी ली है। एक यूजर ने तंज कसते हुए कहा कि ये तो शुरू होते ही खत्म हो गया। पढ़िए प्रतिक्रियाएं…
नोटबंदी की सफलता का उदाहरण है येः चौकीदार दीपक नाम के एक यूजर ने लिखा है, ‘नोटबंदी कितनी सफल हुई, उसका एक उदाहरण ये भी है।’ चौकीदार मिहिर पटेल नाम के एक यूजर लिखा, ‘समझौता हो गया है इन भाईसाब का एनसीपी और कांग्रेस के साथ, ये अगर गठबंधन में शामिल होते ते कांग्रेस को यूपी-बिहार में धक्का लगता। खुद अपना वोट अब गठबंधन (कांग्रेस-एनसीपी) में शिफ्ट करवाएंगे। चौकीदार पद्मजा नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा है, ‘समझदारी वाला फैसला। वे जानते हैं कि एक सीट भी नहीं जीत सकते। पर्दे के पीछे एनसीपी से डील करेंगे? क्या अरविंद केजरीवाल भी राज ठाकरे का अनुसरण करेंगे? आगे-आगे देखो होता है क्या?’
अथर्व खांडवेः परीक्षा दोगे ही नहीं तो फेल भी नहीं होंगे
— atharva khandve (@atharva_khandve) March 17, 2019
बीजेपी ज्वाइन करने की मिली सलाहः चौकीदार रोहित काकाडे ने कहा, ‘राज ठाकरे एमएनएस में अपना समय खराब कर रहे हैं। वे बीजेपी में अच्छे नेता बन सकते हैं।’ वहीं चौकीदार अखिल भार्गव ने कहा, ‘मुझे लगता है कि उन्हें शिवसेना का नेतृत्व करना चाहिए था। वो बिलकुल बालासाहेब की तरह है। एक शेर जो चला गया।’
‘भ्रष्ट्रेटेड चौकीदार’ नाम के एक ट्विटर यूजर ने शेयर किया ये फोटो
— Bhrustrated Chowkidar (@AnupamUncl) March 17, 2019
कुछ यूजर्स ने इसे बीजेपी और शिवसेना के लिए फायदेमंद बताया। उनका कहना है कि उनके समर्थक ज्यादातर हिंदुत्व के समर्थक हैं जो अब शिवसेना या बीजेपी को ही वोट देंगे। वहीं कुछ ने कहा कि यह अच्छा फैसला है, इससे प्रत्याशियों की जमानत राशि बच जाएगी।