PM का हेलिकॉप्टर चेक करने पर निलंबित हुआ था यह मुस्लिम IAS, कहा- नियम के हिसाब से कर रहा था ड्यूटी, फिर भी दी गई सजा
Lok Sabha Election 2019 (लोकसभा चुनाव 2019): कर्नाटक के एक आईएएस अधिकारी ने प्रधानमंत्री मोदी के हेलिकॉप्टर की जांच करने पर निलंबित किए जाने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वे केवल अपनी ड्यूटी कर रहे थे।

Lok Sabha Election 2019: कर्नाटक के एक आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन को नरेंद्र मोदी के हेलिकॉप्टर की जांच करने के सिलसिले में चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते निलंबित कर दिया था। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए आईएएस अधिकारी ने शुक्रवार (26 अप्रैल को कहा, ‘मैं अपना काम कर रहा था और आगे भी नियम के मुताबिक कर्तव्यों का पालन करता रहूंगा।’ बता दें चुनाव आयोग द्वारा निलंबित किए जाने के आदेश को उन्होंने गुरुवार (25 अप्रैल) केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सीएटी) में चुनौती दी थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने उनका निलंबन रद्द कर दिया लेकिन उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, ‘फिलहाल मुझे निलंबित कर दिया गया है। मुझे एक भी रिपोर्ट नहीं मिली है जिससे मुझे यह पता चल सके कि मेरी गलती क्या है? मैं अंधेरे में अपने लिए लड़ रहा हूं।’
कर्तव्य के अपमान का लगा आरोपः बता दें कि 1996 बैच के आईएएस अधिकारी मोहसिन पर चुनाव आयोग द्वारा ड्यूटी ठीक तरह से न करने का आरोप लगाया गया। दरअसल मोहसिन ओडिशा के संबलपुर में पर्यवेक्षक पद पर तैनात थे। उन्होंने मोदी के हेलिकॉप्टर की जांच की थी और वीडियोग्राफी के लिए कहा जिसमें कथित तौर पर 15 मिनट की देरी हुई थी।
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मोहसिन ने कहा, ‘मैंने चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन किया था। मुझे दंडित किया गया पर असल में जिसकी गलती थी उसे दंडित नहीं किया गया। मुझे मेरी ड्यूटी करने के लिए क्यों निलंबित किया गया? मेरा निलंबन अवैध था। मैं इस मामले में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में लड़ूंगा।’ बता दें कि एसपीजी के विशेष निर्देशों का पालन न करने के चलते चुनाव आयोग ने मोहम्मद मोहसिन को निलंबित कर दिया। हालांकि ऐसा कोई नियम नहीं है जो चुनावों के दौरान किसी को भी इस तरह की जांच से छूट देता हो। इस मामले को कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने भी उठाया था।
पहले नहीं जताई आपत्तिः आईएएस अधिकारी ने सवाल किया कि जब उन्होंने वीडियोग्राफी की मांग की थी तो उस समय एसपीजी ने कभी कोई आपत्ति नहीं जताई। उन्होंने कहा, मैंने एसपीजी से इस मामले में सलाह की थी। उस समय उन्होंने इन नियमों के बारे में क्यों नहीं बताया। मुझे मेरे सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं।’
क्या कहा केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण नेः बता दें गुरुवार (25 अप्रैल) को निलंबन रद्द करते हुए केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने कहा था कि यह नहीं कहा जा सकता कि एसपीजी द्वारा जारी नियम ही अंतिम है।’ साथ ही यह भी कहा कि इससे पहले चुनाव अधिकारियों द्वारा कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी वाहनों को बिना किसी कार्रवाई के चेक किया गया था।