Lok Sabha Election 2019: चुनावी मैदान में मालेगांव धमाके के आरोपी मेजर उपाध्याय, बोले- आतंकियों के हाथों मरना करकरे की नालायकी का सबूत
Lok Sabha Election 2019 (लोकसभा चुनाव 2019): मालेगांव धमाके के आरोपी मेजर रमेश उपाध्याय ने शहीद हेमंत करकरे पर साध्वी प्रज्ञा के बयान पर सहमति जताई है। मेजर उपाध्याय ने कहा कि आतंकियों के हाथों मरना करकरे की नालायकी का सबूत था।

Lok Sabha Election 2019: भोपाल से भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बाद अब मालेगांव धमाके के एक और आरोपी ने शहीद हेमंत करकरे के खिलाफ विवादित बयान दिया है। इस मामले के एक अन्य आरोपी रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय ने कहा कि हेमंत करकरे आतंकियों के हाथों मारे गए, यह उनकी नालायकी का सबसे बड़ा सबूत था।
मालेगांव धमाके के इस आरोपी मेजर उपाध्याय ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की बलिया सीट से नामांकन किया है। मेजर उपाध्याय ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा की तरफ से नामांकन दाखिल करने के बाद साध्वी प्रज्ञा के बयान पर सहमति जताई।
उपाध्याय ने कहा कि कोई भी पुलिसकर्मी कहीं भी मरे वह शहीद नहीं कहलाता है। शहीद केवल स्वतंत्रता सेनानी, सैनिक होते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिसवाला कभी शहीद नहीं होता है। मेजर उपाध्याय ने यह भी कहा कि हेमंत करकरे ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को निर्वस्त्र करके पीटा था। हम सभी को टॉर्चर किया था। मामले में 12 में से 11 अभियुक्त ठीक से चल भी नहीं पा रहे हैं। प्रज्ञा ठाकुर भी व्हीलचेयर पर चलती हैं। यह इस बात का सबूत है कि हेमंत करकरे ने उन्हें बहुत टॉर्चर किया था।
आरोपी उपाध्याय ने इस सब के लिए पूर्व की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि हम लोगों पर जो कार्रवाई हुई वह कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी, अहमद पटेल, पी. चिदंबरम, सुशील कुमार शिंदे व अन्य नेताओं के निर्देश पर हो रही थी।
उन्होंने कहा कि उस समय ब्यूरोक्रेसी यूपीए सरकार का तोता बन गई थी। वहीं 71 पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने भोपाल से भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह के चुनाव लड़ने पर आपत्ति जताई है। इन अफसरों ने साध्वी प्रज्ञा सिंह की उम्मीदवारी वापस लेने की मांग की है।
इन सभी पूर्व अधिकारियों ने ओपन लेटर लिखकर साध्वी प्रज्ञा के उस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसमें कहा गया था कि उनके ही श्राप से ही एटीएस चीफ हेमंत करकरे की आतंकियों से लड़ने के दौरान मौत हुई थी। साध्वी ने जेल में करकरे द्वारा प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया था।