(पार्थसारथी बिस्वास)

महाराष्ट्र के पुणे में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मुर्गियों की खपत में अचानक बढ़ोतरी का मामला सामने आया है। गर्मियों में अक्सर देखा जाता है कि इनकी खपत में काफी कमी रहती है, लेकिन इस साल इनकी मांग में जबर्दस्त उछाल देखी गई है। बता दें कि अचानक बढ़ती मांग के चलते दामों में भी 7 से 10 फीसदी का उछाल आया है।

क्या है पूरा मामलाः बारामती में मुर्गियों का व्यापार करने वाले एक पोल्ट्री मालिक ने कहा, ‘इस साल चुनाव की वजह से मांग अधिक है।’ बता दें कि पुणे में हर रोज करीब 1-1.5 लाख किलो मुर्गियों की खपत होती है। वहीं उन्होंने यह भी बताया कि हर साल गर्मियों में मुर्गियों की खपत में 10 से 12 फीसदी की कमी रहती है क्योंकि गर्मियों में लोग मांस खाना पसंद नहीं करते। लेकिन इस बार उल्टा हुआ है। इसके थोक और खुदरा बाजार दोनों के दामों में इजाफा हुआ है।

चुनाव में खूब हो रहा मुर्गियों का इस्तेमालः बता जा रहा है कि राजनीतिक दलों ने चुनावी रैलियों के दौरान जमकर चिकन खिलाया। मुर्गियों से बने व्यंजन बांटने के चलन में खासा इजाफा दर्ज किया गया है।  यही कारण है कि मुर्गियों की मांग में उछाल देखने को मिला है।

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मांग में और बढ़ोतरी की उम्मीदः वेंकटेश हैचरीज लिमिटेड के डिप्टी जनरल मैनेजर प्रसन्ना पडगांवकर ने भविष्य में मुर्गियों की डिमांड और बढ़ने की उम्मीद जताई है। वहीं पोल्ट्री मालिक ने यह भी बताया कि दो से ढाई किलो की मुर्गियों को वे थोक बाजार में करीब 110 रुपए में बेचते हैं, वहीं विक्रेता इसे 200 प्रति किलो की दर तक के दाम पर बेच रहे हैं।