Lok Sabha Election 2019: मिजोरम में पहली बार कोई महिला लड़ेगी लोकसभा चुनाव, कहा- ईश्वर के इशारे पर उठाया ये कदम
Lok Sabha Election 2019: मिजोरम के इतिहास में पहली बार एक महिला उम्मीदवार लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रही है। महिला के मुताबिक उसने यह कदम ईश्वर के इशारे पर उठाया है।

Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मिजोरम की इकलौती संसदीय सीट से पहली बार कोई महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ने जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि चुनाव लड़ने जा रही महिला लालथलामौनी का कहना है कि उसने ये कदम ईश्वर के इशारे पर उठाया है। लालथलामौनी के मुताबिक 9 दिन पहले उन्हें ईश्वर की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला किया है और अब वह इस फैसले से पीछे नहीं हट सकती हैं।
ईश्वर के कहने पर लड़ रही हूं चुनाव: बकौल 63 वर्षीय लालथलामौनी, मुझे ईश्वरीय संदेश ने आगामी लोकसभा चुनाव 2019 में पांच पुरुष उम्मीदवारों के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया है। बता दें कि मिजोरम की इकलौती लोकसभा सीट से कांग्रेस के 83 वर्षीय सीएल रुआला मौजूदा सांसद हैं और लगातार दो बार से चुनाव जीत रहे हैं।
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विधानसभा चुनाव में मिली थी हार: बता दें कि इसके पहले लालथलामौनी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में भाग लिया था। 2018 में मिजोरम की 40 विधानसभा सीटों में 15 महिला उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी। लालथलामौनी ने आइजोल- दक्षिण-1 सीट से चुनाव लड़ा था, तब उन्हें मात्र 69 वोट ही मिले थे। बता दें कि लालथलामौनी कक्षा 10 पास हैं। मिजोरम के राजनीतिक इतिहास में दिलचस्प बात ये है कि यहां से अभी तक कोई भी महिला संसद नहीं पहुंची है, जबकि विधानसभा में सिर्फ तीन महिलाओं को जीत हासिल हुई है।

क्या बोलीं लालथलामौनी: मिजोरम में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही लालथलामौनी ने कहा, “हम दुनिया के सामने अपनी पहचान के बारे में बात करते रहते हैं। लेकिन अब समय आ गया है कि संसद को हमारी पहचान का ऐलान करने के लिए एक मंच के रूप में उपयोग किया जाए। हमें जरूरत है कि कोई हमारे लिए खड़ा हो और सुनिश्चित करे कि हमारी आवाज सुनी जाए।” बता दें कि राज्य में लगभग 20,000 यहूदियों के साथ, लालथलामौनी का संगठन (CIPC) यहूदी समुदाय के कल्याण के लिए काम करता है जबकि करीब 20,000 दूसरे यहूदी धीरे-धीरे इजरायल चले गए। आगे उन्होंने कहा कि यह एक पवित्र लड़ाई है, जो मिजोरम में महिलाओं के लिए है। लालथलामौनी ने कहा कि मेरी चुनौती मिजोरम की महिलाओं के लिए भी है। जबकि हमारे पास किसी तरह का राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं है।
यहूदी समुदाय को चाहती हैं आवाज देना: बता दें कि लालथलामौनी ने बताया कि वो मिजोरम के यहूदी समुदाय को एक आवाज देना चाहती हैं। वो 2008 के बाद से अपने दिवंगत पति लालचन्हिमा सेलो द्वारा स्थापित एक गैर सरकारी संगठन, चिनलुंग इजराइल पीपुल कन्वेंशन (CIPC) को चला रही हैं। यह संगठन मिजोरम के यहूदियों के कल्याण के लिए काम करता है। माना जाता है कि वे इजराइल की 10 विलुप्त यहूदी जनजातियों से आते हैं।
कौन- कौन है उम्मीदवार: बता दें कि राज्य की अकेली लोकसभा सीट के लिए छह उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी, मिजो से नेशनल फ्रंट ने दूरदर्शन के पूर्व महानिदेशक सी लालरोसांगा को अपना उम्मीदवार बनाया, जबकि पत्रकार लालनघिंगलोवा को कांग्रेस और जोरम पीपुल्स ने मैदान में उतारा है। बीजेपी ने अनुभवी और पूर्व विधायक निरुपम चकमा को अपना उम्मीदवार बनाया तो पीआरआईएसएम पार्टी ने टीबीसी लालवेंचुंगा को मैदान में उतारा है। बता दें कि मिजो खनन अभियंता लालहरित्रेंग एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे।
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