VIDEO: कांग्रेस प्रत्याशी पर भड़का किरन खेर का गुस्सा, बोलीं- घूंसा मारने का दिल करता है
Lok Sabha Election 2019 (लोकसभा चुनाव 2019): चंडीगढ़ से भाजपा प्रत्याशी किरण खेर ने अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी पर रोष जताया है। किरन ने कांग्रेस उम्मीदरवार झूठा प्रचार का हवाला देते हुए कहा कि उनका घूंसा मारने का मन करता है।

Lok Sabha Election 2019: चंडीगढ़ में लोकसभा चुनाव के मतदान से पहले कांग्रेस और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। चंडीगढ़ से भाजपा प्रत्याशी अपने विरोधी दल के नेता और कांग्रेस उम्मीदवार पवन कुमार बंसल की तरफ से झूठे पर्चाे बंटवाने को लेकर गुस्सा हो गईं। किरन ने पंजाबी में कहा, मैंनू इना गुस्सा चढ़दा है, इक मारा घूंसा अगले ते। (मुझे इतना गुस्सा आता है कि अगले को एक घूंसा मारूं।)
पवन कुमार बंसल ने किरन खेर के ‘घूंसा’ वाले बयान पर हंसते हुए कहा, मैं इस पर हंसने के अलावा कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। अगली बार उनका सामना करने से पहले मुझे दो बार सोचना होगा। इससे पहले उन्होंने एक वीडियो सर्कुलेट किया था जिसमें वह उस पर्चे को फाड़ती हुई दिख रही हैं, जिसे पूरे शहर में शुक्रवार सुबह न्यूजपेपर के साथ बंटवाया गया था।
किरन खेर ने इसे ‘गिरी हुई हरकत’ बताया। कांग्रेस की तरफ से बंटवाए गए इस पर्चे में किरन खेर की तरफ से किए गए 18 दावे और उनकी 25 असफलताएं और जो वादे उन्होंने पूरे नहीं किए वो लिखे हुए थे।
बंसल साब चाहे जितना मर्ज़ी करलो झूठा प्रचार,
जीतगी किरण और बनेगी फिरसे एक बार मोदी सरकार। #AbkiBaar300Paar pic.twitter.com/pzs25CQhmA— Chowkidar Kirron Kher (@KirronKherBJP) May 17, 2019
पर्चे में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनावाए गए घरों के बारे में किरन के दावों को झूठा बताया गया है। इसमें कहा गया है कि प्रशासन ने इसके लिए तो अभी तक जमीन भी चिह्नित नहीं की है। यूटी कर्मचारियों के लिए आवास योजना 2008 के संबंध में भी किरन खेर के दावे को खारिज किया गया है।
पर्चे में इस बारे में कहा गया है कि यह सिर्फ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए भारत सरकार को जमीन का आवंटन करने का निर्देश जारी किया है। हालांकि, फ्लैट की कुल लागत फिक्स है जो बाजार मूल्य से कहीं ज्यादा है।
इसमें किरण खेर के रिहायशी संपत्ति को लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड कराने का क्रेडिट लेने का भी मजाक उड़ाया गया है। पर्चे के अनुसार यह पूरी तरह से गलत बात है। रिहायशी संपत्ति को लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड कराने की योजना 1996 में ही लागू हो गई थी। पर्चे में किरण खेर को शहर के स्वच्छता रैंकिंग में तीसरे स्थान से इस साल 20 स्थान पर खिसकने के लिए भी जिम्मेदार ठहराया गया है।