Election 2019: पिछले लोकसभा चुनाव में इन 10 राज्यों ने किया सबसे ज्यादा NOTA का इस्तेमाल, मेघालय नंबर वन
Lok Sabha Election: 2014 लोकसभा चुनाव में NOTA के तहत कुल 60 लाख से भी ज्यादा वोट पड़े थे। इस दौरान मेघालय में सबसे ज्यादा 2.98 फीसदी NOTA का इस्तेमाल हुआ था।

Lok Sabha Election 2019: भारतीय लोकतंत्र को और अधिक व्यापक और मज़बूत बनाने के लिए चुनावों में उम्मीदवारों के अलावा नोटा (NOTA) का भी विकल्प दिया गया। पहली बार 2014 लोकसभा चुनाव में नोटा को मतदान प्रणाली में शामिल किया गया। उस दौरान लोगों ने इस अधिकार का अच्छा-खासा इस्तेमाल किया। नोटा से तात्पर्य यह है कि वोटर इसका प्रयोग करके सभी उम्मीदवारों को खारिज कर सकता है। इसका साफ मतलब है कि चुनाव में खड़े सभी प्रत्याशियों को मतदाता पसंद नहीं कर रहा है। हालांकि, इससे चुनावी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता। क्योंकि, नोटा से भी कम वोट हासिल करने वाला प्रत्याशी विजयी घोषित हो सकता है।
2014 लोकसभा चुनाव में वैसे तो सभी राज्यों में नोटा का इस्तेमाल देखने को मिला। लेकिन, 10 राज्य ऐसे थे जहां पर नोटा का बटन अच्छी-खासी संख्या में दबाया गया। इन राज्यों में सबसे पहले नंबर रहा उत्तर-पूर्व का राज्य मेघालय। मेघालय में करीब 30,145 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया, जो कुल पोल हुए वोट का 2.98 फीसदी था। दूसरे पायदान पर रहा छत्तीसगढ़। यहां 1.94 फीसदी वोट नोटा पर पड़े। वहीं, तीसरे नंबर पर गुजरात रहा जहां नोटा के तहत 1.94 फीसदी वोट पड़े। इनके अलावा बिहार में 1.63 फीसदी (5,80,964 वोट), झारखंड में 1.56 फीसदी (1,90,927), ओडिशा 1.55 फीसदी (3,32,766), तमिलनाडु 1.44 फीसदी (4,33), मिजोरम 1.49 फीसदी (6,495), सिक्किम 1.40 फीसदी (4,332), मध्य प्रदेश ,1.31 फीसदी (3,91,837) वोट नोटा के तहत पड़े थे।
इन राज्यों के अलावा उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 7 लाख वोट नोटा के तहत पड़े थे। लेकिन, वहां पर मतदाताओं की संख्या के हिसाब से कुल वोटिंग का यह सिर्फ 0.7 फीसदी था। 2014 लोकसभा चुनाव में नोटा के तहत पूरे देश से 60 लाख से ज्यादा वोट पड़े थे। यह कुल वोटिंग का 1.08 प्रतिशत था। जिन लोकसभा सीटों पर सबसे ज्यादा NOTA का इस्तेमाल किया गया उनमें छत्तीसगढ़ का बस्तर (5.04%) रहा। इसके अलावा नोटा का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करने वालों में तमिलनाडु का नीलगिरी (4.99%), ओडिशा का नबरंगपुर (4.34%),मेघालय का तूरा ( 4.19%), गुजरात का दोहाब (3.58%), झारखंड का सिंघभूम (3.40%), बिहार का समस्तीपुर (3.38%), ओडिशा का कोरापुट (3.23%) और छत्तीसगढ़ का कांकेर (3.14%) लोकसभा क्षेत्र शामिल हैं।
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