आगरा के फतेहाबाद विधानसभा क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी के विधायक जितेंद्र वर्मा ने रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उनका कहना है कि बीजेपी के दोहरे मानदंड हैं। एक तरफ पार्टी बातें युवाओं की करती है पर उनके चुनाव क्षेत्र में टिकट 75 साल के बुजुर्ग को दे दिया। उनका कहना है कि वो सपा में शामिल हो गए हैं। अब अखिलेश यादव को मजबूत करने के लिए काम करेंगे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को भेजे गए पत्र में जितेंद्र वर्मा ने कहा कि इस्तीफा देने की बहुत सी वजह है। भाजपा में किसी कार्यकर्ता और विधायक की बिल्कुल चलती नहीं है। आप सेवा भाव से सेवा करेंगे और किसी परेशान किसान को खाद भी नहीं दिलवा सकते तो किस बात के विधायक हैं। उन्होंने कहा कि लोग गांव में जा रहे हैं तो सवाल पूछे जा रहे हैं। यह स्थिति विधायकों ने तो की नहीं है। व्यवस्था खराब है। उन्होंने कहा कि सिर्फ वो ही नहीं उनके जैसे बहुत से विधायक हैं जो भाजपा छोड़कर चले जाएंगे।
पंजाब के मंत्री ने अपनी पार्टी के खिलाफ प्रचार किया
पंजाब में मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने अपने बेटे राणा इंदर प्रताप सिंह के लिए अपनी ही पार्टी के खिलाफ प्रचार किया। उनके बेटे कांग्रेस उम्मीदवार नवतेज सिंह चीमा के खिलाफ सुल्तानपुर लोधी विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
ध्यान रहे कि कांग्रेस के चार नेताओं ने मंगलवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख कर राणा गुरजीत को पार्टी से निलंबित किए जाने की मांग की। उनका आरोप था कि वह पार्टी को कमजोर कर रहे हैं। उधर, मंत्री ने कहा कि सोनिया को कांग्रेस के चार नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने के बाद उन्होंने अपने बेटे के पक्ष में चुनाव प्रचार करने का निर्णय किया। यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि वह बेटे का समर्थन करें।
गोवा के पूर्व डिप्टी सीएम नार्वेकर का आप को झटका
गोवा के पूर्व उप मुख्यमंत्री दयानंद नार्वेकर ने आम आदमी पार्टी को अलविदा कह दिया है। कुछ अर्सा पहले ही वो आप में शामिल हुए थे। तब उनका कहना था कि उनके पास कई पार्टियों के प्रस्ताव थे, लेकिन उन्होंने एक ऐसी पार्टी चुनने का फैसला किया जो गैर-भ्रष्ट, गैर-विवादास्पद और लोगों के मुद्दों को आगे ले जाए। हालांकि उनका खुद का अतीत भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा रहा है। धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था।