राजस्थान में सियासत का तवा गरम है और हर कोई उस पर अपनी रोटियां सेंक रहा है। हर प्रत्याशी और पार्टी जीत की चाह में दौड़ लगा रही है। जनता के सामने कई वादे और दावे पेश किए जा रहे हैं। ऐसे में किसी भी विधानसभा में युवाओं का कितना प्रतिनिधित्व है ? उनकी औसत आयु कितनी है ? ये बातें बेहद अहम हो जाती हैं।
क्या कहती है रिपोर्ट
दरअसल एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान के 18 प्रतिशत (35 विधायकों) ने अपनी उम्र 25-40 वर्ष के बीच घोषित की है। जबकि 61 प्रतिशत (121 विधायकों) विधायकों ने अपनी आयु 41-60 वर्ष के बीच बताई है। इसके साथ ही 20 प्रतिशत (40 विधायक) ने अपनी आयु 61-80 के बीच घोषित की है। वहीं एक विधायक ने अपनी उम्र को 80 से अधिक का बताया है।
आयु वर्ग – विधायकों की संख्या
25-30 8
31-40 27
41-50 52
51-60 69
61-70 25
71-80 15
81-100 1
जानें कितने पढ़े लिखे हैं प्रत्याशी
भाजपा और कांग्रेस दोनों के प्रत्याशियों को लेकर हुए एक अध्ययन में सामने आया कि विधानसभा चुनाव लड़ रहे 10 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्हें सिर्फ हस्ताक्षर करना आता है। वहीं अगर पंचायत चुनाव के पैमाने को लागू कर दिया जाए तो 19 प्रत्याशी अयोग्य घोषित हो जाएंगे। दरअसल राजस्थान में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए कम से कम आठवीं पास होना जरूरी है यानी विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे 19 प्रत्याशी आठवीं तक भी नहीं पढ़े हैं।
ये पांचवीं पास भी नहींः
गुरदीप सिंह (संगरिया), ताराचंद (डूंगरपुर), प्रेम सिंह बाजौर (नीम का थाना), गोलमा देवी (सपोटरा), सांग सिंह भाटी (जैसलमेर) और जब्बर सिंह (आसींद)
ये आठवीं पास भी नहींः
सूर्यकांता व्यास (सूरसागर), गौतम लाल (धरियावद), प्रताप पुरी (पोखरण), भंवराराम (मेड़ता), संदीप दायमा (तिजारा) और जोरा राम कुमावत (सुमेरपुर), मंगलाराम (डूंगरगढ़)
गौरतलब है कि 200 सीटों के लिए राजस्थान में कुल 2294 प्रत्याशी मैदान में हैं। प्रदेश में 7 दिसंबर को वोटिंग होगी जबकि 11 दिसंबर को नतीजे सबके सामने होंगे।