भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने ऐलान किया है कि वह उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गोरखपुर सदर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि अभी तक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चंद्रशेखर को गोरखपुर सदर सीट पर समर्थन देने को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
गुरुवार को चंद्रशेखर आजाद के द्वारा गोरखपुर सदर से चुनाव लड़ने का ऐलान किए जाने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि कई लोगों ने उस सीट पर अपने दावेदारी जताई है। इसलिए गोरखपुर इकाई से विमर्श करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। हालांकि चंद्रशेखर आजाद ने सपा गठबंधन के प्रमुख नेताओं के खिलाफ अपने उम्मीदवार नहीं उतारने का ऐलान किया है।
गुरुवार को चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट कर गोरखपुर सदर से चुनाव लड़ने का ऐलान किया। चंद्रशेखर ने ट्वीट कर लिखा कि पिछले 5 साल भी लड़ा हूं। अब भी लड़ूंगा। जय भीम,जय मंडल। बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय। चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी पहले ही 33 विधानसभा क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर चुकी है। चंद्रशेखर आजाद ने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं होने के बाद अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और चंद्रशेखर आजाद के गोरखपुर सदर से विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद यह सीट काफी सुर्ख़ियों में आ गई है। हालांकि इस सीट पर बीजेपी का पलड़ा हमेशा से भारी रहा है। 1989 के बाद से अब तक हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सात बार इस सीट पर अपना कब्ज़ा जमाया है और एक बार यह सीट हिंदू महासभा के पास रही है। वर्तमान में राधा मोहनदास अग्रवाल इस सीट से विधायक हैं। राधा मोहनदास अग्रवाल साल 2007 से भाजपा के टिकट पर इस सीट से विधायक चुने जाते रहे हैं।
आंकड़ों के अनुसार गोरखपुर सदर सीट पर करीब 4.50 लाख वोटर हैं। जिनमे सबसे अधिक कायस्थ वोटर हैं। यहां कायस्थ 95 हजार, ब्राह्मण 55 हजार, मुस्लिम 50 हजार, क्षत्रिय 25 हजार, वैश्य 45 हजार, निषाद 25 हजार, यादव 25 हजार, दलित 20 हजार वोटर हैं। इसके अलावा पंजाबी, सिंधी और सैनी समुदायों को मिलाकर करीब 30 हजार वोटर हैं। हालांकि इस सीट पर हमेशा से गोरखनाथ मठ का ही कब्जा रहा है और उनके समर्थन वाले प्रत्याशी ही विधायक चुने जाते रहे हैं।