2019 Lok Sabha Election: बीजेपी में शामिल हुए बाहुबली विनीत सिंह, कहा- मोदी जी की झोली में डालनी है चंदौली सीट
पूर्व एमएलसी व बसपा नेता विनीत सिंह द्वारा लगातार भाजपा ज्वाइन करने की चर्चाओं पर मंगलवार (14 मई) को उस वक़्त विराम लग गया जब उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया।

लोकसभा चुनाव भले ही अब अंतिम चरण में है पर पूर्वांचल में सियासी पारा चढा हुआ है। पूर्व एमएलसी व बसपा नेता विनीत सिंह द्वारा लगातार भाजपा ज्वाइन करने की चर्चाओं पर मंगलवार (14 मई) को उस वक़्त विराम लग गया जब उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। माफिया से माननीय बने बसपा नेता व पूर्व एमएलसी विनीत सिंह ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। बता दें कि मूलरूप से गोला गांव रहने वाले पूर्व एमएलसी श्याम नारायण उर्फ़ विनीत सिंह के आवास पर समर्थन सभा का आयोजन किया गया। सभा में सैयदराजा के विधायक सुशिल सिंह, चंदौली के प्रत्यशी डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। जहां उनकी मौजूदगी में विनीत ने बीजेपी ज्वाइन किया। माफिया राजन तिवारी के बाद अब विनीत सिंह द्वारा भाजपा ज्वाइन करने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। गौरतलब है कि चंदौली सीट से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्रनाथ पांडेय एक बार फिर से चुनावी मैदान में हैं। गठबंधन की तरफ से समाजवादी पार्टी ने जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय चौहान को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस के चुनाव निशान पर पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की पत्नी शिवकन्या कुशवाहा जन अधिकार पार्टी की उम्मीदवार हैं।
गठबंधन का नहीं चलेगा पता: विधायक सुशील सिंह ने कहा कि पीएम मोदी की उपलब्धियों को गिनाते हुए डॉ. महेंद्र पांडेय को जिताने की अपील की। विनीत सिंह ने बीजेपी प्रत्यशी को अपना समर्थन देने की बात करते हुए कहा कि मैं फायदे-नुकसान के लिए नहीं शामिल हुआ हूं। बस यह सीट मोदी जी के झोली में जाय इसीलिए शामिल हुआ हूं। इसके साथ ही गठबंधन का क्या हुए किसी को पता नहीं चलेगा।
2017 विधानसभा में करना पड़ा था हार का सामना: बता दें कि विनीत सिंह सोनभद्र-मिर्जापुर से बसपा के एमएलसी रह चुके हैं और बनारस से सोनभद्र तक विनीत की बादशाहत अभी बरकरार है। विधानसभा चुनाव 2017 में सैयदराजा विधानसभा सीट से वह चुनाव भी लड़े थे पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट से भाजपा से सुशील ने जीत हासिल की थी।
National Hindi News, 15 May 2019 LIVE Updates: दिनभर की हर बड़ी खबर सिर्फ एक क्लिक में
गठबंधन को लग सकता है झटका: विनीत सिंह के भाजपा ज्वाइन करने के बाद चंदौली सीट से भाजपा की जीत अब लगभग तय मानी जा रही है। विनीत सिंह ने निर्दल चुनाव लड़ने के लिए चंदौली के लोकसभा सीट से पर्चा दाखिल किया था, लेकिन विनीत सिंह ने नामांकन नहीं किया। बताया जा रहा है की अगर विनीत सिंह चंदौली सीट से चुनाव लड़ते तो भाजपा को नुकसान हो सकता था। कयास लगाया जा रहा है कि विनीत सिंह गठबंधन से टिकट की उम्मीद लगा रहे थे पर टिकट सपा के खाते में चला गया। वही विनीत द्वारा भाजपा में शामिल होने के बाद गठबंधन को इसका तगड़ा झटका लग सकता है और पूरा फायदा बीजेपी को मिल सकता है।
जेल के अंदर से लड़े थे चुनाव: 2010 में ये मिर्जापुर जिले से बसपा के टिकट पर एमएलसी चुने गए थे। 2017 में रांची जेल में निरुद्ध रहते हुए यूपी विधानसभा चुनाव लड़ा, जिसमें वह 65000 वोट पाने के बाद भी बीजेपी प्रत्याशी से पराजित हुए ।
कौन हैं विनीत सिंह: विनीत सिंह वाराणसी के चोलापुर विकासखंड के गोला गांव के रहने वाले हैं। इनके पिता स्व. शिवमूरत सिंह राजस्व विभाग में कर्मचारी थे। इन्होंने विद्यापीठ से ग्रेजुएशन किया है। विनीत बचपन से ही वॉलीबॉल और क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी रहे। साथ ही मार्शल आर्ट्स में ब्लैक बेल्ट तक हासिल कर चुके हैं।
पत्नी रह चुकी है जिला पंचायत अध्य्क्ष: 2011 में विनीत सिंह ने अपनी पत्नी को जिलापंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ाया था। जिसमे वह भारी मतों से विजयी रहीं । 2016 में फिर से जिलापंचायत अक्ष्यक्ष पद के चुनाव थे। उस समय सपा की सरकार थी। मिर्जापुर से एक बार फिर विनीत सिंह की पत्नी प्रमिला सिंह मैदान में उतरी और विजयी हुई।
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