UP: गांव से शहर में नहीं हो सकेंगे सहायक शिक्षकों के तबादले, 25 हजार से ज्यादा टीचर्स होंगे प्रभावित
सहायक शिक्षकों के शहरी क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्र के स्कूलों में ट्रांसफर नहीं किया जाएगा।

Uttar Pradesh: बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत सहायक अध्यापकों के लिए दूसरों जिलों में (अंतर्जनपदीय) तबादलों के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 15 से 22 जुलाई तक पूरी होगी। बताया जा रहा है कि नई तबादला नीति के तहत उत्तर प्रदेश में 25 हजार से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं के तबादले इस वर्ष किए जाएंगे। खास बात यह है कि आदेशानुसार ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्र के स्कूलों में और शहरी क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में स्थानांतरण नहीं किया जाएगा। बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापकों के लिए अंतर्जनपदीय तबादला नीति 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रुकी हुई थी।
दरअसल, बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने ऑनलाइन तबादला नीति 2019 प्रस्तावित करते हुए कुछ मानक तय किए हैं। जिसके मुताबिक सामान्य जिलों में 15 प्रतिशत से अधिक रिक्त पद होने और आठ महत्वाकांक्षी जिलों में दस प्रतिशत से अधिक रिक्त पद होने पर वहां कार्यरत शिक्षकों – शिक्षिकाओं का दूसरे जिलों में तबादला नहीं किया जाएगा। बता दें कि तबादले की यह प्रक्रिया 31 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन 15 से 22 जुलाई तक लिए जाएंगे। जिनकी समीक्षा का काम ऑनलाइन होगा। खास बात यह है कि तबादलों में शिक्षिकाओं, विधवा एवं तलाकशुदा, दिव्यांगों, जिनके पति या पत्नी सेना और राजकीय सेवा में हैं, उन्हें कुछ रियायत दी जाएगी।
बीएसए की मनमानी पर लगेगी रोक: नई तबादला नीति के मुताबिक बेसिक शिक्षा अधिकारियों की मनमानी पर भी शिकंजा कस सकता है। नीति के अनुसार बीएसए को आवेदन पत्र भरने की तिथि से एक सप्ताह के भीतर ही इसका परीक्षण कर उसे सत्यापित या निरस्त करना होगा। ऐसे में अगर सत्यापित करते हैं तो उस आवेदन पत्र की एक प्रति दस्तावेजों के साथ खुद के पास और एक प्रति बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव कार्यालय में जमा करानी होगी। इसके साथ बीएसए को यह प्रमाण पत्र भी देना होगा कि उनके पास कितने प्रिटेंड आवेदन पत्र प्राप्त हुए और उनमें कितने सत्यापित और कितने निरस्त हुए। इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में इसे एक कदम के तौर देखा जा रहा है।
बता दें कि तबादला नीति के मुताबिक आवेदक के पति या पत्नी यदि उत्तर प्रदेश सरकार की नौकरी में कर रहें हो तो उन्हें रिक्त पद उपलब्ध होने पर एक ही जिले में तैनात किया जा सक सकता है। साथ ही शहरी क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्र के स्कूलों में तबदला नहीं किया जाएगा।
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