UP Board Exam Results 2023: यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा 2022-23 (UP Board Exam) के परिणाम समय से पहले ही घोषित किए जा सकते हैं। इस बार यूपी बोर्ड ने कॉपियां का मूल्यांकन वक्त से पहले करके इतिहास रचा है। बोर्ड ने एक दिन पहले ही सभी 3.19 करोड़ कॉपियों का मूल्यांकन कर लिया है, जो खुद में एक रिकॉर्ड है। इसके बाद बोर्ड ने जल्द ही 10वीं और 12वीं का रिजल्ट घोषित किए जाने की तैयारी शुरू कर दी है।
बोर्ड के सचिव ने दी यह जानकारी-
यूपी बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं का वक्त से पहले मूल्यांकन हो गया है। इसके बाद अब रिजल्ट की घोषणा की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि इस बार यूपी बोर्ड के रिजल्ट समय से पहले ही घोषित किए जाने की तैयारी की जा रही है। इस बार यूपी बोर्ड के नतीजे अप्रैल माह के अंत तक घोषित किए जाने की की तैयारी की जा रही है।
शुक्ल ने कहा कि इस बार बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन पर बोर्ड और क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर गहन निगरानी की गई थी, जिसकी वजह से पहली बार यूपी बोर्ड का मूल्यांकन तय समय से एक दिन पहले 31 मार्च को पूरा कर लिया गया। उत्तर पुस्तिकाओं की बिना किसी गलती के जांच हो सके, इसके लिए पहली बार उपनियंत्रकों की क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर ऑडियो-वीडियो ट्रेनिंग कराई गई थी। उन्होंने कहा कि पिछले 30 सालों में ये पहली बार है, जब किसी भी केंद्र पर प्रश्नपत्र खोलने में कोई गड़बड़ी या अनियमितता सामने नहीं आई है।
18 मार्च से शुरू हुआ था उत्तर-पुस्तिकाओं का मूल्यांकन
यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 18 मार्च से शुरू हुआ था। मूल्यांकन की अंतिम तिथि 1 अप्रैल निर्धारित थी। जिसे बोर्ड ने एक दिन पहले यानी 31 मार्च, 2023 को ही पूरा कर लिया। बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का जांचने के लिए प्रदेश में 258 केंद्र बनाए थे, जिनमें हाई स्कूल की 1.86 करोड़ और इंटरमीडिएट की 1.33 करोड़ उत्तर पुस्तिकाएं यानी कुल 3.19 करोड़ पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाना था। इसके लिए 1,43,933 परीक्षक लगाए गए थे, जिनमें 89,698 परीक्षक हाई स्कूल और 54,235 परीक्षकों ने इंटर की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की। बोर्ड सचिव ने कहा कि बोर्ड अब समय से पहले रिजल्ट की घोषणा करने की तैयारी में जुट गया है। नतीजे अप्रैल महीने के अंत में घोषित करने की तैयारी है।
इस वर्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बोर्ड को स्टेटिक मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त करने का आदेश दिया था, जिन्हें जिला मजिस्ट्रेट के साथ स्कूलों के जिला निरीक्षक को दैनिक कार्यवाही की रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था। साथ ही परीक्षा पत्रों की कड़ी निगरानी के लिए प्राचार्य कक्ष के अलावा एक अलग कक्ष भी बनाया गया था।