UP Board 10th Result 2019: हाई स्कूल में इन तीन जिलों का सबसे बुरा प्रदर्शन
UP Board 10th Result 2019, UPMSP Highschool Result 2019: 10वीं बोर्ड के एग्जाम इस बार 7 फरवरी से लेकर 28 फरवरी तक चले थे। इस साल करीब 36 लाख स्टूडेंट्स ने बोर्ड के एग्जाम दिए थे।

UP Board UPMSP 10th Result 2019: UP Board 10th Result 2019, Uttar Pradesh Class 10 result, UPMSP, Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha Parishad, यूपी बोर्ड 10वीं का रिजल्ट जारी कर चुका है। UP Board Class 10 का रिजल्ट बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट्स पर जारी कर दिया है। इस साल करीब 36 लाख स्टूडेंट्स ने बोर्ड परिक्षाएं दी थीं। 10वीं बोर्ड के एग्जाम इस बार 7 फरवरी से लेकर 28 फरवरी तक चले थे। इस बार नकल होने से रोकने के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
UP Board 10th, 12th Result 2019: Check Your Marks Here
यूपी बोर्ड का रिजल्ट देखने के लिए स्टूडेंट्स को upmspresults.up.nic.in, upresults.nic.in, results.nic.in, upmsp.edu.in पर जाना होगा। इसके अलावा SMS से भी रिजल्ट चेक किया जा सकता है। SMS से रिजल्ट चेक करने के लिए स्टूडेंट्स को मैसेज का स्टेंडर्ड चार्ज देना होगा। वहीं यहां क्लिक करके ऐप में अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं।
UP BOARD HIGH SCHOOL RESULT 2019 ON SMS
SMS – UP10ROLLNUMBER – Send it to 56263
UP Board Class 10th, 12th Result 2019: Check Result Online Here
Highlights
हाई स्कूल में देवरिया में आधे से थोड़े ज्यादा स्टूडेंट्स ही पास हो पाए हैं। वहां सिर्फ (52.27%) स्टूडेंट्स ही पास हो पाए हैं। इसके अलावा चंदौली (51.58%) और हाथरस में (48.62%) स्टूडेंट्स ही पास हो पाए। यह तीनों जिले क्रमश: सबसे निचले स्थान पर रहे।
हाईस्कूल में कुल 80.07 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। इनमें लड़िकयों का प्रतिशत 83.98 रहा जबकि 76.66 प्रतिशत लड़के पास हुए। जाहिर है लड़कियां 7.32 प्रतिशत अधिक संख्या में पास हुईं।
स्टूडेंट्स किसी भी प्रकार सवाल के लिए नीचे दिए गए नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं.
क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज 0532-2423265 roallahabad@gmail.com
क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ 0121-2660742 romeerut@gmail.com
क्षेत्रीय कार्यालय बरेली 0581-2576494 robareilly@gmail.com
क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी 0542-2509990 rovaranasi@gmail.com
क्षेत्रीय कार्यालय गोरखपुर 0551-2205271 rogorakhpur@gmail.com
मुख्यालय प्रयागराज 0532-2623182 upmsp@rediffmail.com
यूपी बोर्ड के हाई स्कूल के नतीजों में पिछले साल के 75.16 प्रतिशत की तुलना में 4.91 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
हाईस्कूल की परीक्षा 14 दिन और इण्टर की परीक्षा 16 दिन में समाप्त हो गई थी। इस बार की परीक्षा में कुल 80.07% प्रतिशत छात्र सफल रहे।
यूपी बोर्ड द्वारा जारी सूचना के आधार पर, कक्षा 10 के छात्रों ने हिंदी विषय का पेपर काफी आसानी से लिखा। इस विषय में 80.54 प्रतिशत उत्तीर्ण हुए।
उत्तर प्रदेश, यूपी बोर्ड की परीक्षा में शामिल हुए 58.6 लाख छात्रों का परिणाम आज शनिवार 27 अप्रैल को घोषित किया गया है। परिणाम अब सभी आधिकारिक वेबसाइटों- upmsp.edu.in, upresults.nic.in, upmspresults पर उपलब्ध हैं।
यूपी बोर्ड हाईस्कूल तथा इंटरमीडिएट की परीक्षा के नतीजे घोषित किये जा चुके हैं। जो छात्र इस वर्ष की यूपी बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित हुए थे वे आधिकारिक वेबसाइट upmsp.edu.in, upresults.nic.in, upmspresults.up.nic.in पर जाकर अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं।
इस साल कड़ी सुरक्षा के बीच परीक्षा आयोजित की गई थी। संवेदनशील परीक्षा केंद्रों और उसके आसपास की गतिविधियों में नकल माफिया पर भी विशेष नजर रखने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) लगी हुई है। परिणामस्वरूप, कई छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी। बोर्ड इस वर्ष नकल की खबर से दूरी बनाने में सफल रहा।
जीरो रिजल्ट देने वाले स्कूलों की संख्या कम नहीं है। 2017 में 183 जबकि 2016 में 50 स्कूल ऐसे थे जिनका परिणाम शून्य था। 2015 में 11 स्कूल का एक भी बच्चा पास नहीं हो सका था।
हाईस्कूल के प्रमुख विषयों, हिन्दी, अंग्रेजी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान व गणित और इंटर के मुख्य विषयों जैसे हिन्दी, अंग्रेजी, भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान व गणित आदि विषयों में सभी छात्रों के 5 से 8 नंबर तक बढ़ा दिये गये ताकि खराब परिणाम के कारण बोर्ड की बदनामी न हो पाए। पिछले साल भी मॉडरेशन की व्यवस्था लागू थी।
पिछले तीन साल के टॉपर्स की तुलना में इस वर्ष की यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट टॉपर तनु तोमर के अंक सबसे अधिक हैं। पिछले साल के टॉपर आकाश मौर्य ने 93.20% हासिल किए थे 2017 में, प्रियांशी तिवारी ने 96.20% अंकों के साथ टॉपर किया था।
यूपी बोर्ड रिजल्ट में इस बार हाईस्कूल में कानपुर नगर के गौतम रघुवंशी ने टॉप किया है वहीं इंटरमीडिएट में बागपत की तनु तोमर ने टॉप किया है। बागपत के तनु तोमर ने 12वी में 97.80 अंक हासिल किए। यूपी हाईस्कूल परीक्षा में 80.07% और इंटरमीडिएट में 70.06% छात्र पास हुए हैं।
यूपी बोर्ड ने इस बार 7 फरवरी से 28 फरवरी तक बोर्ड एग्जाम्स का आयोजन किया था। दसवीं की परीक्षा 28 फरवरी को खत्म हुई जबकि बारहवीं कक्षा की परीक्षा 2 मार्च को खत्म हुई।
हाईस्कूल में कुल 80.07 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। इनमें लड़िकयों का प्रतिशत 83.98 रहा जबकि 76.66 प्रतिशत लड़के पास हुए। जाहिर है लड़कियां 7.32 प्रतिशत अधिक संख्या में पास हुईं।
हाईस्कूल में सबसे खराब प्रदर्शन मिर्जापुर जिले का रहा जहां 67.64 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। इसी तरह, इंटरमीडिएट में सबसे खराब प्रदर्शन हाथरस जिले का रहा जहां महज 48.62 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए।
हाईस्कूल में छात्रों को सबसे तगड़ा झटका गणित में लगा है। अंग्रेजी और विज्ञान में भी काफी परीक्षार्थी मात खा गए। सबसे खराब रिजल्ट गणित का है, जिसमें 26 फीसदी परीक्षार्थी फेल हो गए हैं, वहीं प्रारंभिक गणित में तो 50 फीसदी को ही सफलता मिल सकी।
इंटरमीडिएट का उत्तीर्ण प्रतिशत कम होने की एक बड़ी वजह परीक्षार्थियों का हिन्दी में फेल होना भी रही। हाईस्कूल में हिन्दी और प्रारंभिक हिन्दी का पेपर होता है। हिन्दी में 574107, प्रारंभिक हिन्दी में 302 फेल हुए। वही इंटर हिन्दी में 193447 तथा सामान्य हिन्दी में 230394 परीक्षार्थी फेल हो गए।
प्रयागराज में यूपी बोर्ड का मुख्यालय है। जिस जिले में यूपी बोर्ड का मुख्यालय है उसके स्कूलों का परिणाम ही बहुत उत्साहजनक नहीं रहा है। हाईस्कूल में सात स्कूल ऐसे हैं जिनका एक भी छात्र पास नहीं हुआ। न्यू ब्राइट गर्ल्स इंटर कॉलेज करेली, एचएलपी हायर सेकेंडरी स्कूल मवैया, एसएस निकेतन हायर सेकेंडरी नैनी, लिटिल हार्ट्स हायर सेकेंडरी नैनी, जीपीवाईएस हाईस्कूल, जेडी मेमोरियर पब्लिक स्कूल नासिरपुर अंदावा झूंसी, आरजीएस कॉलेज हेतापट्टी झूंसी का परिणाम शून्य है। इंटर में तीन स्कूलों का परिणाम शून्य है। शारदा इंटर कॉलेज नौडिहा तरहार, बीएनडी मेमोरियल गर्ल्स इंटर कॉलेज उग्रसेनपुर, बीआर सिंह बालिका इंटर कॉलेज नैनी का रिजल्ट जीरो है।
इंटर में राजकीय व एडेड के क्रमश: 78.45 व 71.72 जबकि प्राइवेट स्कूलों के 68.77 प्रतिशत छात्र-छात्राएं सफल हुए। इस वर्ष 10वीं के 139 और 12वीं के 249 स्कूल ऐसे हैं जिनका परिणाम 20 प्रतिशत से कम रहा।
यूपी बोर्ड के 165 स्कूलों का परिणाम शून्य है। इनमें से 96 स्कूलों के 10वीं के सभी छात्र फेल हैं जबकि 69 स्कूल ऐसे हैं जिनका 12वीं का रिजल्ट जीरो है।
यूपी बोर्ड के नियम इतने लचीले हैं कि यदि किसी छात्र ने एक नंबर का भी सही सवाल किया है तो उसे 30-35 अंक तक मिल सकते हैं। असल में बोर्ड हाईस्कूल और इंटर में क्रमश: 20 व 18 नंबर तक ग्रेस मार्क्स देता है। लेकिन ग्रेस उसी को मिलते हैं जिसे लिखित परीक्षा में जीरो नंबर न मिले हों।
यूपी बोर्ड क्लास 10 परीक्षा 2019 का आयोजन 7 से 28 फरवरी के बीच हुआ था। इस परीक्षा में 30 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था।
हाईस्कूल का परिणाम इंटरमीडिएट से बेहतर रहा क्योंकि 80 प्रतिशत से ज्यादा ने कक्षा 10 की परीक्षा पास की। इसमें 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कक्षा 12 में 70.06 प्रतिशत ने एग्जाम पास किया। इस साल 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।
कार्यालय का नाम फोन नंबर ई-मेलक्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज 0532-2423265 roallahabad@gmail.comक्षेत्रीय कार्यालय मेरठ 0121-2660742 romeerut@gmail.comक्षेत्रीय कार्यालय बरेली 0581-2576494 robareilly@gmail.comक्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी 0542-2509990 rovaranasi@gmail.comक्षेत्रीय कार्यालय गोरखपुर 0551-2205271 rogorakhpur@gmail.comमुख्यालय प्रयागराज 0532-2623182 upmsp@rediffmail.com
इस बात का ध्यान रखते हुए बोर्ड ने परिणाम घोषित होने के दूसरे दिन यानी रविवार से ही ग्रीवांस सेल खोलने का निर्णय लिया है। सचिव नीना श्रीवास्तव ने कहा है कि संपूर्ण विवरण स्पष्ट रूप से उपलब्ध कराना अनिवार्य है। अन्यथा शिकायत पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई संभव नहीं होगी।
हाईस्कूल के प्रमुख विषयों, हिन्दी, अंग्रेजी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान व गणित और इंटर के मुख्य विषयों जैसे हिन्दी, अंग्रेजी, भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान व गणित आदि विषयों में सभी छात्रों के 5 से 8 नंबर तक बढ़ा दिये गये ताकि खराब परिणाम के कारण बोर्ड की बदनामी न हो पाए। पिछले साल भी मॉडरेशन की व्यवस्था लागू थी।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की इंटरमीडिएट की परीक्षा में फेल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस बार यूपी बोर्ड 2019 की इंटरमीडिएट की परीक्षा में कुल 23,52,049 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इनमें से कुल 16,47,919 परीक्षार्थियों ने ही यह परीक्षा पास की है। इस तरह से 30 प्रतिशत छात्र परीक्षा में फेल हो गए हैं।
जीरो रिजल्ट देने वाले स्कूलों की संख्या कम नहीं है। 2017 में 183 जबकि 2016 में 50 स्कूल ऐसे थे जिनका परिणाम शून्य था। 2015 में 11 स्कूल का एक भी बच्चा पास नहीं हो सका था।
यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट की परीक्षा में इस वर्ष 70 फीसदी से अधिक छात्र-छात्राएं पास हुए हैं। पिछले वर्ष पास होने वाले स्टूडेंट्स की गिनती 72 फीसदी थी मगर इस वर्ष के रिजल्ट में 2प्रतिशत की गिरावट आई है।
परीक्षा में पास होने के लिए उम्मीदवारों को न्यूनतम 35 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे। यदि छात्र एक विषय या दो में फेल होते हैं वे कंपार्टमेंटल परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। एक से अधिक विषय में फेल होने वाले छात्रों को वर्ष दोहराना होगा।
बागपत की तनु तोमर ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में टॉप किया है। वहीं हाईस्कूल की परीक्षा में गौतम रघुवंशी ने टॉप किया है। इस वर्ष 12वीं की परीक्षा का रिजल्ट 70 प्रतिशत रहा जबकि 10वीं का रिजल्ट 80 फीसदी रहा।
यूपी बोर्ड कक्षा 10 की परीक्षा के लिए जेल से कुल 119 अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन किया था जिसमें से 72 उत्तीर्ण हुए। 10वीं में जेल से परीक्षा दे रहे छात्रों का रिजल्ट 77.42% रहा।
पिछले तीन साल के टॉपर्स की तुलना में इस वर्ष की यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट टॉपर तनु तोमर के अंक सबसे अधिक हैं। पिछले साल के टॉपर आकाश मौर्य ने 93.20% हासिल किए थे 2017 में, प्रियांशी तिवारी ने 96.20% अंकों के साथ टॉपर किया था।
यूपी बोर्ड की परीक्षाओं का रिजल्ट (UP Board 10th,12th Result) ऑफिशियल वेबसाइट upmsp.edu.in पर जारी किया गया है। यूपी बोर्ड इंटर में 76.46 प्रतिशत लड़कियां पास हुई हैं और 64.40 प्रतिशत लड़के पास हुए हैं।
67.64 पास प्रतिशत रिजल्ट के साथ मिर्जापुर जिले का रिजल्ट सबसे कम रहा। मिर्जापुर सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला जिला रहा। मुजफ्फरनगर जिले ने 91.8 प्रतिशत रिजल्ट के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है।
इस साल कड़ी सुरक्षा के बीच परीक्षा आयोजित की गई थी। संवेदनशील परीक्षा केंद्रों और उसके आसपास की गतिविधियों में नकल माफिया पर भी विशेष नजर रखने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) लगी हुई है। परिणामस्वरूप, कई छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी। बोर्ड इस वर्ष नकल की खबर से दूरी बनाने में सफल रहा।
संस्कृत में 67.63 फीसदी परीक्षार्थी पास हो सके तो सामाजिक विज्ञान में 80.52, कम्प्यूटर में 87.79, वाणिज्य में 77.26, गृह विज्ञान में 94.46 तथा मानव विज्ञान में 81.62 फीसदी छात्र पास हो सके।
हाईस्कूल में छात्रों को सबसे तगड़ा झटका गणित में लगा है। अंग्रेजी और विज्ञान में भी काफी परीक्षार्थी मात खा गए। सबसे खराब रिजल्ट गणित का है, जिसमें 26 फीसदी परीक्षार्थी फेल हो गए हैं, वहीं प्रारंभिक गणित में तो 50 फीसदी को ही सफलता मिल सकी।
लखनऊ पब्लिक स्कूल की छात्रा अंकिता 93.40 प्रतिशत अंकों के साथ प्रदेश में पांचवें और लखनऊ में पहले स्थान पर रही हैं। वहीं, इसी स्कूल की अतिथि कुमार 92.60 प्रतिशत अंकों के साथ प्रदेश में 9वें और लखनऊ में दूसरे स्थान पर रहे हैं। यूपी बोर्ड परीक्षा में राजधानी से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में करीब एक लाख छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे।
2019 की इंटरमीडिएट परीक्षा में व्यावसायिक वर्ग के कुल 41 ट्रेड्स विषयों एवं कृषि वर्ग को छोड़कर बाकी के सभी वर्गों एवं सभी विषयों में दो प्रश्नपत्र के स्थान पर एक प्रश्नपत्र से परीक्षा आयोजित कराई गई। लिहाजा इंटर 2018 के 308 प्रश्नपत्रों की तुलना में 2019 में 269 प्रश्नपत्रों में परीक्षा हुई।
दूसरे नंबर पर मौजूद शिवम को 97 फीसद और तीसरे स्थान पर मौजूद तनुजा विश्वकर्मा को 96.83 फीसद अंक प्राप्त हुए हैं।
हाईस्कूल में 80.07 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। लड़िकयां 83.98 प्रतिशत पास हुई हैं और लड़के 76.66 प्रतिशत पास हुए हैं। लड़कियां 7.32 प्रतिशत अधिक संख्या में पास हुईं।
यूपी बोर्ड की परीक्षाओं का रिजल्ट आज 27 अप्रैल को आधिकारिक वेबसाइट upmsp.edu.in पर जारी किया गया है। यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट की परीक्षा में लड़कियों का रिजल्ट 76.46 प्रतिशत रहा जबकि लड़कों का रिजल्ट 64.40 प्रतिशत रहा।
हाईस्कूल का परिणाम इंटरमीडिएट से बेहतर रहा क्योंकि 80 प्रतिशत से ज्यादा ने कक्षा 10 की परीक्षा पास की। इसमें 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कक्षा 12 में 70.06 प्रतिशत ने एग्जाम पास किया। इस साल 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।
यूपी बोर्ड 10वीं के रिजल्ट के मुताबिक हिंदी का एग्जाम छात्रों को सबसे आसान लगा। दरअसल इसी विषय में सबसे ज्यादा छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। हिंदी का पास पर्सेंटेज 80.54 प्रतिशत रहा।
परीक्षा में पास होने के लिए विद्यार्थियों को न्यूनतम 35 प्रतिशत अंक प्राप्त करने की आवश्यकता थी। यदि कोई छात्र एक विषय या दो विषय में फेल हो जाता है तो उसे निराश होने की बिल्कुल जरुरत नहीं है। बोर्ड कंपार्टमेंटल परीक्षा आयोजित करेगा।
10वीं कक्षा के टॉप 10 में कुल 21 छात्र हैं। जिनमें से सबसे ज्यादा 6 छात्र कानपुर से। बता दें कि टॉपर गौतम रघुवंशी भी कानपुर के ही हैं।
2018 में हाईस्कूल में 75.16 प्रतिशत परीक्षार्थी पास हुए थे जबकि इंटरमीडिएट में 72.43 प्रतिशत परीक्षार्थियों को सफलता मिली थी।
1. गौतम रघुवंशी- 583/600- 97.17% (कानपुर)2. शिवम- 582/600- 97.00% (बाराबंकी)3. तनुजा विश्वकर्मा- 581/600- 96.83% (बाराबंकी)4. अपूर्वा वैश्य- 577/600- 96.17% (बांदा)4. शुभांगी- 577/600- 96.17% (बाराबंकी)5.शिखा सिंह- 572/600- 95.33% (उन्नाव)5. निखिल चौरसिया- 572/600- 95.33% (श्रावस्ती)