Schools, Colleges Guidelines: किन राज्यों ने लिया है स्कूल बंद करने का फैसला, जानिए आपके यहां का क्या है स्टेटस
Unlock 5.0 Schools and Colleges Reopening Guidelines: राजधानी दिल्ली के सभी स्कूल 31 अक्टूबर तक बंद रहेंगे। राज्य के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कोरोना संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में भी इस माह स्कूल बंद ही रहेंगे।

सरकार ने Unlock 5.0 की घोषणा कर दी है और इस दौरान लागू होने वाले दिशानिर्देश भी जारी कर दिए हैं। केंद्र द्वारा जारी एसओपी के अनुसार, स्कूल, फिर से खोलने पर, एक दिन सभी ग्रेड के लिए कक्षाएं नहीं चलेंगी। उपस्थिति बारी-बारी से, या हर दो दिन में या फिर रोटेशनल हो सकती है। जिन दिनों एक छात्र घर पर होता है, ऐसे अध्याय जो “आवश्यक लेकिन वैचारिक रूप से समझने में आसान होते हैं” को कवर किया जाएगा। सरकार ने 15 अक्टूबर से स्कूल कॉलेज खोलने के बारे में निर्देश दिए हैं तथा साथ ही सभी राज्यों को अपने अनुसार फैसला लेने की आजादी भी दी है।
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शिक्षा मंत्रालय की गाडलाइन के मुताबिक सफाई, हाइजीन से जुड़ी तैयारी स्कूलों, शिक्षण संस्थानों के प्रबंधन को संस्थान खुलने से पहले ही सुनिश्चित करनी होगी, इसके अंतर्गत सैनेटाइजेशन, हाथ साफ करने की उचित व्यवस्था का ख़्याल रखना होगा। ऐसे स्कूल जिनमें स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा है वह स्कूल की समय सीमा कम करके दो शिफ्ट चला सकते हैं। शिफ्ट उतनी ही की जाए कि टीचर्स की संख्या नहीं बढ़ानी पड़े।
Highlights
उत्तर प्रदेश में अनलॉक 5 की गाइडलाइंस के मुताबिक 15 अक्टूबर से स्कूल और कोचिंग संस्थान खोले जा सकेंगे, लेकिन उसके लिए प्रशासन से मंजूरी लेना जरूरी होगा। छात्र स्कूल में अपने माता-पिता की लिखित सहमति के बाद ही स्कूल में उपस्थित हो सकते हैं। जिन स्कूलों को खोलने की अनुमति दी जाएगी, उन्हें शिक्षा विभाग के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 30 सितंबर, 2020 को राज्य में स्कूलों के फिर से खुलने की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार नवंबर के मध्य से पहले इस मुद्दे पर विचार करेगी।
शिक्षा मंत्रालय की सिफारिश है कि स्कूल फ्लेक्सिबल अटेंडेंस और सिक लीव पॉलिसी की व्यवस्था अपनाएं। पैरेंट्स की लिखित अनुमति लेकर ही स्टूडेंट्स स्कूल आ पाएंगे। स्कूल आने के बजाय स्टूडेंट्स ऑनलाइन क्लासेज भी कर सकते हैं। मंत्रालय ने कहा है कि स्कूल खुलने के शुरुआती 2-3 हफ्तों में कोई असेसमेंट नहीं होगा।
अधिकांश अभिभावकों का कहना है कि महामारी के बढ़ते प्रसार को देखते हुए वे स्कूल खुल जाने के बाद भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। अभिभावक ऑनलाइन पढाई कराने के पक्ष में तो हैं मगर अपने बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं।
उत्तर बंगाल में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि 14 नवंबर, 2020 को काली पूजा के बाद स्कूल फिर से खोलने के संबंध में एक निर्णय लिया जाएगा। 16 मार्च से बंगाल में सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। सीएम ममता बनर्जी ने कहा, "स्कूलों को फिर से खोलने पर कोई भी निर्णय होगा काली पूजा के बाद होगा।
सरकार ने बुधवार को कहा कि 15 अक्टूबर के बाद स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने का फैसला किया जा सकता है। देश में जब कोरोनोवायरस महामारी (Covid-19) के संक्रमण को रोकने के लिए मार्च महीने से लॉकडाउन लागू है जिसके चलते महीनों से स्कूल/ कॉलेज बंद हैं। ऐसे में एक बहुत लंबे गैप के बाद स्कूल दोबारा खोले जा रहे हैं।
स्कूल मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOP) की प्रतीक्षा कर रहे हैं और अंतिम निर्णय लेने से पहले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के अधिकारियों के साथ एक बैठक भी करेंगे। स्कूल नए नियमों के अनुसार ही खुलेंगे और महामारी से बचाव के सभी निर्दशों का सख्ती से पालन किया जाएगा।
सरकार ने बुधवार को कहा कि 15 अक्टूबर के बाद स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने का फैसला किया जा सकता है, जब कोरोनोवायरस महामारी (Covid-19) के संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च को देश के लॉकडाउन में चले गए, फिर से शुरू होने वाली गतिविधियों के 5वें चरण की घोषणा की।
कंटेनमेंट जोन्स से में रहने वाले छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को कैंपस के अंदर आने की की अनुमति नहीं होगी। जो कर्मचारी बुजुर्ग हैं, गर्भवती माताएं और बीमार लोग समेत उन सभी की भी एंट्री पर बैन होगी जो कोरोना संक्रमण के संदिग्ध हैं। उन्हें परिसर में नहीं बुलाया जा सकता है।
गृह मंत्रालय ने बुधवार को Unlock 5.0 के दिशा-निर्देश जारी किए थे, जहां उसने सिनेमाघरों, थियेटर और मल्टीप्लेक्सों को खोलने की अनुमति दी थी, जिसमें 15 अक्टूबर, 2020 से केवल 50 प्रतिशत बैठने की क्षमता वाले मल्टीप्लेक्स शामिल थे।
उत्तर बंगाल में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि 14 नवंबर, 2020 को काली पूजा के बाद स्कूल फिर से खोलने के संबंध में एक निर्णय लिया जाएगा। 16 मार्च से बंगाल में सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। सीएम ममता बनर्जी ने कहा, "स्कूलों को फिर से खोलने पर कोई भी निर्णय होगा काली पूजा के बाद होगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 30 सितंबर, 2020 को राज्य में स्कूलों के फिर से खुलने की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार नवंबर के मध्य से पहले इस मुद्दे पर विचार करेगी।
स्कूल मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOP) की प्रतीक्षा कर रहे हैं और अंतिम निर्णय लेने से पहले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के अधिकारियों के साथ एक बैठक भी करेंगे। स्कूल नए नियमों के अनुसार ही खुलेंगे और महामारी से बचाव के सभी निर्दशों का सख्ती से पालन किया जाएगा।
अधिकांश अभिभावकों का कहना है कि महामारी के बढ़ते प्रसार को देखते हुए वे स्कूल खुल जाने के बाद भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। अभिभावक ऑनलाइन पढाई कराने के पक्ष में तो हैं मगर अपने बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं।
21 सितंबर को, गाजियाबाद जिला प्रशासन ने शैक्षणिक मार्गदर्शन मांगने के लिए कक्षा 9 से 12 के छात्रों को स्वैच्छिक आधार पर स्कूल आने की अनुमति देने के निर्णय को टाल दिया है। राज्य के स्कूलों के लिए निर्देश जारी होने के बाद ही स्कूलों में छात्रों और अन्य स्टाफ को आने की इजाज़त दी जाएगी।
सरकार ने बुधवार को कहा कि 15 अक्टूबर के बाद स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने का फैसला किया जा सकता है, जब कोरोनोवायरस महामारी (Covid-19) के संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च को देश के लॉकडाउन में चले गए, फिर से शुरू होने वाली गतिविधियों के 5वें चरण की घोषणा की।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कंटेनमेंट जोन के बाहर के क्षेत्रों में अधिक गतिविधियों को खोले जाने को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। नए दिशानिर्देश 01 अक्टूबर से प्रभावी हो गए हैं।
गृह मंत्रालय ने बुधवार को Unlock 5.0 के दिशा-निर्देश जारी किए थे, जहां उसने सिनेमाघरों, थियेटर और मल्टीप्लेक्सों को खोलने की अनुमति दी थी, जिसमें 15 अक्टूबर, 2020 से केवल 50 प्रतिशत बैठने की क्षमता वाले मल्टीप्लेक्स शामिल थे।
उत्तर बंगाल में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि 14 नवंबर, 2020 को काली पूजा के बाद स्कूल फिर से खोलने के संबंध में एक निर्णय लिया जाएगा। 16 मार्च से बंगाल में सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। सीएम ममता बनर्जी ने कहा, "स्कूलों को फिर से खोलने पर कोई भी निर्णय होगा काली पूजा के बाद होगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 30 सितंबर, 2020 को राज्य में स्कूलों के फिर से खुलने की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार नवंबर के मध्य से पहले इस मुद्दे पर विचार करेगी।
CBSE के अधिकारियों के साथ विभिन्न प्रिंसिपलों की बैठक 10 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी। मीटिंग के बाद बोर्ड SOP तैयार करेगा जिसे बाद में सभी राज्यों को भेजा जाएगा। निर्देशों के अनुसार ही स्कूल और कॉलेज दोबारा खोले जाएंगे।
स्कूल मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOP) की प्रतीक्षा कर रहे हैं और अंतिम निर्णय लेने से पहले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के अधिकारियों के साथ एक बैठक भी करेंगे। स्कूल नए नियमों के अनुसार ही खुलेंगे और महामारी से बचाव के सभी निर्दशों का सख्ती से पालन किया जाएगा।
अधिकांश अभिभावकों का कहना है कि महामारी के बढ़ते प्रसार को देखते हुए वे स्कूल खुल जाने के बाद भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। अभिभावक ऑनलाइन पढाई कराने के पक्ष में तो हैं मगर अपने बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं।
21 सितंबर को, गाजियाबाद जिला प्रशासन ने शैक्षणिक मार्गदर्शन मांगने के लिए कक्षा 9 से 12 के छात्रों को स्वैच्छिक आधार पर स्कूल आने की अनुमति देने के निर्णय को टाल दिया है। राज्य के स्कूलों के लिए निर्देश जारी होने के बाद ही स्कूलों में छात्रों और अन्य स्टाफ को आने की इजाज़त दी जाएगी।
सरकार ने बुधवार को कहा कि 15 अक्टूबर के बाद स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने का फैसला किया जा सकता है। देश में जब कोरोनोवायरस महामारी (Covid-19) के संक्रमण को रोकने के लिए मार्च महीने से लॉकडाउन लागू है जिसके चलते महीनों से स्कूल/ कॉलेज बंद हैं। ऐसे में एक बहुत लंबे गैप के बाद स्कूल दोबारा खोले जा रहे हैं।
फिलहाल केवल रिसर्च स्कॉलर्स (Ph.D) और पीजी के वो स्टूडेंट्स जिन्हे लैब में काम करना पड़ता है, उनके लिए ही संस्थान खुलेंगे। इसमें भी केंद्र से सहायता पाने वाले संस्थानों में, उसका हेड तय करेगा कि लैब वर्क की जरूरत है या नहीं। राज्यों की यूनिवर्सिटीज या प्राइवेट यूनिवर्सिटीज अपने यहां की स्थानीय गाइडलाइंस के हिसाब से खुल सकती हैं।
स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए शिक्षा विभाग की SOP के आधार पर राज्य अपनी SOP तैयार करेंगे।जो भी स्कूल खुलेंगे, उन्हें अनिवार्य रूप से राज्य के शिक्षा विभागों की SOPs का पालन करना होगा
ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा दिया जाएगा।अगर स्टूडेंट्स ऑनलाइन क्लास अटेंड करना चाहते हैं तो उन्हें इसकी इजाजत दी जाए।स्टूडेंट्स केवल पैरेंट्स की लिखित अनुमति के बाद ही स्कूल/कोचिंग आ सकते हैं। उनपर अटेंडेंस का कोई दबाव न डाला जाए।
मिनिस्ट्री ने तो अपने सुझाव सामने रख दिए हैं। अब राज्यों पर निर्भर करता है कि वे 15 अक्टूबर से स्कूल खोलने का फैसला करते हैं या नहीं। देशभर में 16 मार्च के बाद से ही स्कूल बंद हैं। चुनिंदा राज्यों ने ही अनलॉक-4 के तहत 21 सितंबर से कक्षा 9-12 तक के स्कूल खोले थे। 15 अक्टूबर के बाद कंटेनमेंट जोन में स्कूल खोलने पर आखिरी फैसला राज्यों को ही करना है।
शिक्षा मंत्रालय की सिफारिश है कि स्कूल फ्लेक्सिबल अटेंडेंस और सिक लीव पॉलिसी की व्यवस्था अपनाएं। पैरेंट्स की लिखित अनुमति लेकर ही स्टूडेंट्स स्कूल आ पाएंगे। स्कूल आने के बजाय स्टूडेंट्स ऑनलाइन क्लासेज भी कर सकते हैं। मंत्रालय ने कहा है कि स्कूल खुलने के शुरुआती 2-3 हफ्तों में कोई असेसमेंट नहीं होगा।
गाइडलाइंस के अनुसार, स्कूलों को पूरे परिसर, फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, स्टोरेज, पानी की टंकी, किचन, वॉशरूम, लैब, लाइब्रेरी वगैरह की सफाई और डिसइन्फेक्शन सुनिश्चित करना होगा। इनडोर जगहों पर पर्याप्त हवा की उपलब्धता भी तय करनी होगी। स्कूलों को अपनी एसओपी तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करने का सुझाव मंत्रालय ने राज्य सरकारों को दिया है।
कोरोनावायरस लॉकडाउन लागू होने से पहले ही देश भर में स्कूलों को मध्य मार्च से बंद कर दिया गया था। पिछले महीने, गृह मंत्रालय के अनलॉक 4 दिशानिर्देशों ने राज्यों को कक्षा 9 से 12 के छात्रों को “स्वैच्छिक आधार” पर वापस स्कूल जाने की अनुमति दी थी। राज्यों द्वारा चरणबद्ध तरीके से जूनियर छात्रों सहित सभी ग्रेड के लिए स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला करने के मामले में दिशानिर्देशों में केंद्र सरकार की स्वीकृति है।
क्लास में बैठने के दौरान छह फीट की न्यूनतम शारीरिक दूरी बनाए रखना, छात्रों द्वारा नियमित रूप से हाथ साफ करना दिनचर्या का पालन करना और स्कूल में बार-बार छूने वाली सतहों को साफ करना, स्कूल खोलने के दिशा-निर्देशों का हिस्सा है।
स्टूडेंट्स के लिए अटेंडेंस जरूरी नहीं होगी और पूरी तरह से माता-पिता की सहमति पर निर्भर करती है। छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों द्वारा मास्क पहनना अनिवार्य होगा। वृद्ध शिक्षकों और कर्मचारियों और कंटेनमेंट जोन में रहने वालों को काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
शिक्षा मंत्रालय का एसओपी सांकेतिक है, और राज्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के भीतर अपने दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार करें। केंद्र द्वारा जारी एसओपी के अनुसार, स्कूल, फिर से खोलने पर, एक दिन सभी ग्रेड के लिए कक्षाएं नहीं चलेंगी। उपस्थिति बारी-बारी से, या हर दो दिन में या फिर रोटेशनल हो सकती है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिलहाल दिल्ली के सभी स्कूल 31 अक्टूबर तक बंद रहेंगे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि एक अभिभावक होने के नाते वे परिस्थिति की गम्भीरता को समझते हैं. इस समय बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर कोई जोखिम लिया जाना उचित नहीं होगा.
आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, दिल्ली समेत कई राज्य सरकारों ने 31 अक्टूबर तक स्कूल बंद रखने का फैसला किया है. उत्तराखंड के इस हफ्ते अपना फैसला लेने की उम्मीद है।
उत्तर प्रदेश में अनलॉक 5 की गाइडलाइंस के मुताबिक 15 अक्टूबर से स्कूल और कोचिंग संस्थान खोले जा सकेंगे, लेकिन उसके लिए प्रशासन से मंजूरी लेना जरूरी होगा। छात्र स्कूल में अपने माता-पिता की लिखित सहमति के बाद ही स्कूल में उपस्थित हो सकते हैं। जिन स्कूलों को खोलने की अनुमति दी जाएगी, उन्हें शिक्षा विभाग के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
गृह मंत्रालय ने बुधवार को Unlock 5.0 के दिशा-निर्देश जारी किए थे, जहां उसने सिनेमाघरों, थियेटर और मल्टीप्लेक्सों को खोलने की अनुमति दी थी, जिसमें 15 अक्टूबर, 2020 से केवल 50 प्रतिशत बैठने की क्षमता वाले मल्टीप्लेक्स शामिल थे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 30 सितंबर, 2020 को राज्य में स्कूलों के फिर से खुलने की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार नवंबर के मध्य से पहले इस मुद्दे पर विचार करेगी।
पश्चिमी बंगाल में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि 14 नवंबर, 2020 को काली पूजा के बाद स्कूल फिर से खोलने के संबंध में एक निर्णय लिया जाएगा। 16 मार्च से बंगाल में सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। सीएम ममता बनर्जी ने कहा, 'स्कूलों को फिर से खोलने पर कोई भी निर्णय होगा काली पूजा के बाद होगा।
संस्थानों को अपने परिसरों को एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट समाधान वाले पदार्थों से साफ करना होगा।फिर से खोलने वाले संस्थानों को फेस कवर, मास्क, वीज़र्स, हैंड सैनिटाइज़र आदि सहित व्यक्तिगत सुरक्षा का एक बैकअप स्टॉक रखने के लिए कहा गया है।कैंपस को नकद लेनदेन से बचने के लिए भी कहा जाता है और ई-वॉलेट आदि को बढ़ावा दिया जा सकता है।
संक्रमण के बचाव के लिए छात्रों को क्लासेज़ के भीतर मास्क पहनना भी अनिवार्य हो सकता है। जल्द ही स्कूलों के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।
सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए स्कूलों में मार्निंग असेंबली पर रोक लग सकती है। इसके अलावा स्कूल में ऐसे और कोई भी आयोजन किए जाने पर पाबंदी होगी जिसमें छात्रों को एकसाथ एकट्ठा होना जरूरी हो।
गाइडलाइंस के मुताबिक, जो छात्र ऑनलाइन माध्यम से ही पढ़ाई करना चाहते हैं, वे अपनी पढ़ाई इसी तरह जारी रख सकते हैं तथा उन्हें स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
सरकार ने बुधवार को कहा कि 15 अक्टूबर के बाद स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने का फैसला किया जा सकता है, जब कोरोनोवायरस महामारी (Covid-19) के संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च को देश के लॉकडाउन में चले गए, फिर से शुरू होने वाली गतिविधियों के 5वें चरण की घोषणा की।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कंटेनमेंट जोन के बाहर के क्षेत्रों में अधिक गतिविधियों को खोले जाने को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। नए दिशानिर्देश 01 अक्टूबर से प्रभावी हो गए हैं।
गृह मंत्रालय ने बुधवार को Unlock 5.0 के दिशा-निर्देश जारी किए थे, जहां उसने सिनेमाघरों, थियेटर और मल्टीप्लेक्सों को खोलने की अनुमति दी थी, जिसमें 15 अक्टूबर, 2020 से केवल 50 प्रतिशत बैठने की क्षमता वाले मल्टीप्लेक्स शामिल थे।
उत्तर बंगाल में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि 14 नवंबर, 2020 को काली पूजा के बाद स्कूल फिर से खोलने के संबंध में एक निर्णय लिया जाएगा। 16 मार्च से बंगाल में सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। सीएम ममता बनर्जी ने कहा, "स्कूलों को फिर से खोलने पर कोई भी निर्णय होगा काली पूजा के बाद होगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 30 सितंबर, 2020 को राज्य में स्कूलों के फिर से खुलने की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार नवंबर के मध्य से पहले इस मुद्दे पर विचार करेगी।