यूपीएससी पर पीएम मोदी का असर, परीक्षा में पूछे गए जीएसटी, बेनामी संपत्ति और सरकारी योजनाओं से जुड़े सवाल
उम्मीदवारों से 'नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क '(एनएसक्यूएफ), विद्यांजलि योजना और 'स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन' जैसी योजनाओं के बारे में सवाल पूछे गए।

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की गई सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), बेनामी लेनदेन और केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में सवाले पूछे गए। यूपीएससी द्वारा आज (18 जून को) देश भर में आयोजित की गई इस परीक्षा में लाखों उम्मीदवार शामिल हुए। प्रथम प्रश्न पत्र की परीक्षा सुबह साढ़े नौ बजे से, जबकि दूसरे प्रश्नपत्र (सीसैट) की परीक्षा दोपहर ढाई बजे से शुरू हुई। दोनों प्रश्न पत्रों के लिए दो-दो घंटे का समय निर्धारित था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दोनों प्रश्न पत्रों की परीक्षा बगैर किसी व्यवधान के संपन्न हुई। उम्मीदवारों से ‘नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क ‘(एनएसक्यूएफ), विद्यांजलि योजना और ‘स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन’ जैसी योजनाओं के बारे में सवाल पूछे गए। ये सभी राजग सरकार की शुरू की गई योजनाएं हैं। एक सवाल में पूछा गया, ”जीएसटी लागू करने के सबसे ज्यादा क्या फायदे होने की संभावना है।”
इसके अलावा उम्मीदवारों से बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधित अधिनियम, 2016 से जुड़ा सवाल भी पूछा गया। बहरहाल, यूपीएससी ने इस परीक्षा के लिए आवदेन करने वाले उम्मीदवारों की कुल संख्या या इस परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवारों की संख्या अभी सार्वजनिक नहीं की है। गौरतलब है कि पिछले साल सिविल सेवा परीक्षा के लिए करीब 11.35 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। इनमें से 4,59,659 उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुए थे। मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के बाद इसके नतीजे 31 मई को घोषित किए गए जिसमें कुल 1099 उम्मीदवार सफल घोषित किए गए थे।