जावेद अख्तर एक कवि, गीतकार, और स्क्रीन राइटर हैं। वे बॉलीवुड के सबसे सफल स्क्रीन राइटर में से एक हैं। जावेद अख्तर का जन्म 17 जनवरी 1945 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में हुआ था। उनके बचपन का नाम जादू था जो उनके पिता ने अपनी कविता ‘लम्हा, लम्हा किसी जादू का फसाना होगा’ से लिया था। जावेद अख्तर के पिता जानिसार अख्तर बॉलीवुड फिल्म गीतकार और कवि थे। उनकी मां, सफिया अख्तर एक गायिका, गीतकार और लेखिका थीं।
जावेद अख्तर के दादा, मुज़्तर खैराबादी और उनके बड़े भाई बिस्मिल खैराबादी कवि थे। उनके परदादा फजल-ए-हक खैराबादी ने 1857 में भारत के पहले स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जावेद के दो भाई हैं जिनका नाम सलमान अख्तर और शाहिद अख्तर है और दो बहनों का नाम अनीजा अख्तर और अलबिना है।
जावेद ने 1972 में हनी ईरानी से शादी की। हनी और जावेद के दो बच्चे फरहान अख्तर और जोया अख्तर हैं। जावेद और हनी ने 1985 में तलाक ले लिया और बाद में जावेद अभिनेत्री शबाना आजमी से शादी कर ली।
जब वे छह साल के थे तब उन्होंने कोल्विन तालुकदार कॉलेज, लखनऊ में पढ़ाई की। उसके बाद मिंटो सर्किल स्कूल, अलीगढ़ से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और भोपाल के सैफिया कॉलेज से आर्ट से ग्रेजुएशन किया।
जावेद अख्तर ने फिल्म “अंदाज” (1971) से सलीम खान के साथ स्क्रीनप्ले राइटर के रूप में अपना करियर शुरू किया। वर्ष 1971 से 1981 तक जावेद और सलीम खान ने कई फिल्मों में एक साथ काम किया। इस जोड़ी ने जंजीर (1973), देवर (1975), शोले (1975), डॉन (1978), दोस्ताना (1980) और क्रांति (1981) जैसी फिल्में बनाईं। 1983 में, जावेद ने फिल्म “बेटा” (1983) के साथ एक सोलो स्क्रीनराइटर के रूप में अपनी शुरुआत की। उन्होंने फिल्म “सिलसिला” (1981) के साथ गीतकार के रूप में अपनी शुरुआत की। जावेद को 2007 में पद्म भूषण, 1999 में पद्म श्री से नवाजा गया।