DUSU Election Result 2018: डूसू चुनाव में एबीवीपी ने 3 सीटों में बाजी मारी है, जबकि एनएसयूआई के खाते में 1 सीट गई है। ABVP ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद अपने नाम किया है। आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई छात्र युवा संघर्ष समिति (CYSS) को AISA के गठबंधन में कोई भी सीट हासिल नहीं हुई है। अंकिव बशोया को प्रेसिडेंट, शक्ति सिंह को वाइस प्रेसिडेंट, जबकि ज्योति चौधरी को ज्वाइंट सेक्रेटरी पद पर जीत मिली है। उनके अलावा NSUI के आकाश चौधरी सेक्रेटरी पद जीतने में सफल रहे हैं।
बता दें कि बुधवार (12 सितंबर) को हुए चुनाव में, केवल 45 प्रतिशत छात्रों ने छात्र संघ के गठन के लिए विभिन्न पदों पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को वोट दिया था। आम आदमी पार्टी की छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) ने इस वर्ष वाम छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आईसा) के साथ गठबंधन किया था।
वहीं, आॅल इंडिया स्डूटेंड्स एसोसिएशन (आइसा) और आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाइएसएस) का गठबंधन खाता नहीं खोल पाया। पिछले साल अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद एनएसयूआइ और सचिव व सह सचिव पद एबीवीपी के पास थे। बुधवार को हुए मतदान में 44.46 फीसद विद्यार्थियों ने मताधिकार का उपयोग किया था। चार पदों के लिए 23 उम्मीदवार मैदान में थे।
सचिव पद पर एनएसयूआइ के आकाश चौधरी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एबीवीपी के सुधीर को हराया। आकाश को 20198 मत मिले। वहीं, सह सचिव पद पर एबीवीपी की ज्योति चौधरी ने जीत दर्ज की। ज्योति को 19353 मत मिले।
डूसू चुनाव में एबीवीपी की जीत पर अमित शाह ने खुशी जाहिर करते हुए परिषद के सभी कार्यकर्ताओं को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि, यह जीत न सिर्फ युवाओं में राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रति आस्था की जीत है बल्कि यह विभाजनकारी और अवसरवादी राजनीति के विरुद्ध युवाओं का जनादेश भी है।
डूसू चुनाव में एबीवीपी ने तीन सीटों पर कब्जा जमाया है। इस जीत पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने खुशी जाहिर करते हुए इस चुनाव में मतदान करने वाले छात्रों का धन्यवाद किया है।
उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी के शक्ति सिंह ने एनएसयूआइ की उम्मीदवार लीना को हराकर उपाध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया। शक्ति को 23046 मत मिले।
डूसू चुनाव के परिणामों में एबीवीपी के अंकिव बैसोया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एनएसयूआइ के सन्नी छिल्लर को हराकर अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की। अंकिव को 20467 मत मिले।
अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर डूसू ने बाजी मार ली है। वहीं एनएसयूआई के खाते में एक सीट आई है।
फिलहाल अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के उम्मीदवार आगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक अरबिंदो कॉलेज में सबसे ज्यादा 58%, जबकि राजधानी कॉलेज में 51.92% वोटिंग हुई है।
मतगणना के 12 राउंड बाद फिलहाल एबीवीपी तीन, जबकि एनएसयूआई और छात्र युवा संघर्ष समिति एक सीट पर कड़ी टक्कर चल रही है।
प्रेसिडेंट पोस्ट के लिए अंकिव बिश्नोई, वाइस प्रेसिडेंट में शक्ति सिंह, ज्योति चौधरी ज्वाइंट सेक्रेटरी, आकाश चौधरी सेक्रेटरी फिलहाल आगे चल रहे हैं।
बुधवार को हुए चुनाव में, केवल 45 प्रतिशत छात्रों ने छात्र संघ के गठन के लिए विभिन्न पदों पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को वोट दिया था। परपरांगत रूप से, एनएसयूआई और एबीवीपी डीयूएसयू के चुनावों में जीत दर्ज करते रहे हैं। आम आदमी पार्टी की छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) ने इस वर्ष वाम छात्र संगठन आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आईसा) के साथ गठबंधन किया है।
चुनाव अधिकारियों के हवाले से पीटीआई की रिपोर्ट में दावा किया गया कि वोटों की गिनती ईवीएम में आई तकनीकी गड़बड़ियों के चलते स्थगित की गई थी। आधे घंटे बाद वोटों की गिनती जारी होगी।
वोटों की गिनती के बीच छह ईवीएम में गड़बड़ी आने पर हुए हंगामे के बाद मतदान केंद्र के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। एनएसयूआई ने मतगणना के दौरान एबीवीपी पर ईवीएम संग छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। चुनाव अधिकारी वीके कौल बोले कि गिनती स्थगित कर दी गई है। शाम में एक बैठक के बाद इस मसले पर अंतिम फैसले का ऐलान किया जाएगा।
एनएसयूआई ने दोबारा से वोटों की गिनती कराने की मांग उठाई। हालांकि, एबीवीपी ने काउंटिंग जारी रहने देने की बात पर बल दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, डूसू में सचिव पद पर खड़े हुए सुधीर ढेड़ा ने शीशा तोड़कर मतदान केंद्र के भीतर घुसने का प्रयास किया था।
डूसू चुनाव परिणाम में वोटों की गिनती दो बार रोकी गई। वजह- अचानक से एक और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में तकनीकी गड़बड़ी आ गई। एएनआई के मुताबिक, वोटों की गिनती के बीच अभी तक कुल छह ईवीएम खराब हो चुकी हैं। आम आदमी पार्टी (आप) ने इसी मसले पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
डूसू के शुरुआती चुनावी रुझानों में अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के सुनील छिल्लर एबीवीपी के अनकिव बैसोया से आगे चल रहे हैं। हालांकि, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पदों पर एबीवीपी के उम्मीदवार ही बढ़त बनाए हुए हैं। पर कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि रुझानों में सचिव पदों पर भी एनएसयूआई ही आगे चल रही है। वहीं, डीयू आईसा की सचिव मधुरिमा कुंडू ने इन रुझानों को गलत बताया है। एक चैनल से बातचीत में वह बोलीं, “हम इस तरह के अपडेट्स में यकीन नहीं रखते हैं। हमें यकीन है कि हम अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल करेंगे।”
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की वकालत करने वाली सरकार, एक छात्र संघ का चुनाव सही से नहीं करा पा रही है।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक कार्यकर्ता का कहना है कि इन चुनावों के जरिए आम लोगों और मीडिया को मतदाताओं का मूड समझने में मदद मिलेगी। डूसू चुनाव इसके साथ ही लोगों को इस बात के संकेत देगा कि राष्ट्रीय राजनीति में क्या ट्रेंड कर रहा है।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक कार्यकर्ता ने इससे पहले पत्रकारों को बताया कि इन चुनावों के जरिए आम लोगों और मीडिया को मतदाताओं का मूड समझने में मदद मिलेगी। डूसू चुनाव इसके साथ ही लोगों को इस बात के संकेत देगा कि राष्ट्रीय राजनीति में क्या ट्रेंड कर रहा है।
एनएसयूआई के कार्यकर्ता इसी को लेकर भड़क गए। एकजुट होकर मतगणना केंद्र के बाहर उन्होंने नारेबाजी और प्रदर्शन किया। बता दें कि वोटों की गिनती इससे पहले भी लगभग 50 मिनट तक एक मशीन के खराब होने पर थम गई थी। उस ईवीएम में डिसप्ले जवाब दे गया था। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, कुल चार ईवीएम में तकनीकी समस्या सामने आई।
कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के एक सदस्य ने डूसू चुनाव को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का सेमिफाइनल मुकाबला बताया है। पीटीआई के अनुसार, कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के एक सदस्य ने कहा है, “डूसू चुनाव ‘लोकसभा चुनाव के सेमिफाइनल’ जैसा है। यह चुनाव बताएगा कि युवा, पढ़ा लिखा वोटर क्या चाहता है।”
एबीवीपी, एनएसयूआई या फिर आईसा-सीवाईएसएस? डूसू चुनाव 2018 में कौन जीतेगा, यह कुछ ही देर में पता लग जाएगा। सुबह साढ़े आठ बजे से मतगणना चल रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव में इस साल तकरीबन दो लाख छात्र-छात्राओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। चुनाव में करीब 44.46 फीसदी वोटिंग हुई है, जबकि मैदान में कुल 23 उम्मीदवार एक-दूसरे को कांटे की टक्कर दे रहे हैं।
डीयू नॉर्थ कैंपस से लेकर मतगणना केंद्रों के बाहर छात्र-छात्राओं की भीड़ जुटी है। सुरक्षा कारणों से जगह-जगह भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया है। 12 सितंबर को वोटिंग हुई थी। इस बार का छात्र संघ चुनाव काफी दिलचस्प है। बीजेपी से जुड़ी एबीवीपी और कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के अलावा आइसा और सीवाईएसएस भी जोरदार टक्कर दे सकती है।
वाममोर्चा और आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई ने इस बार के डूसू चुनावों में गठजोड़ किया है। ऐसे में एबीवीपी और एनएसयूआई को जोरदार टक्कर मिलने की संभावना है। छात्र नेता को चुनने के लिए डाले गए मतों की गिनती कुछ ही देर में शुरू हो जाएगी।
डूसू का चुनाव हमेशा से बीजेपी और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल रहा है। माना जाता है कि डूसू चुनाव में जीत हासिल करने वाली पार्टी की दिल्ली की जनता पर अच्छी पकड़ होती है। लेकिन, इस बार यूनिवर्सिटी का राजनीतिक समीकरण बदल गया है। आइसा और सीवाईएसएस के हाथ मिलाने से डूसू में तीसरे धड़े के सामने आने की संभावना भी बढ़ गई है।
जाकिर हुसैन कॉलेज (ईवनिंग) में कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने अध्यक्ष पद पर कब्जा जमा लिया। यहां एनएसयूआई ने 250 वोटों के अंतर से चुनाव जीता, जबकि कॉलेज में सेंट्रल काउंसलर पद पर आईएसा के नबिया आलम जीते। वहीं, जाकिर हुसैन कॉलेज (मॉर्निंग) में भगवा परचम लहराया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने यहां अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है।
डूसू चुनाव की वोटों की गिनती किंग्स वे कैंप स्थित कम्युनिटी सेंटर पर हो रही है। दिल्ली पुलिस ने यहां पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर रखी है। जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है, जबकि भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। मतदान केंद्रों पर जो लोग भी जा रहे हैं, उनकी तलाशी मेटल डिटेक्टर के जरिए की जा रही है।
एबीवीपी के शक्ति सिंह और अंकिव बैसोया किंग्सवे कैंप स्थित कम्युनिटी सेंटर पहुंचे हैं। शक्ति उपाध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि अंकिव अध्यक्ष पद पर खड़े हुए हैं।
जाकिर हुसैन कॉलेज (मॉर्निंग) में भगवा लहरा गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने यहां अध्यक्ष पद का चुनाव जीत लिया। हालांकि, मतदान के दौरान हिंसा की घटनाओं की वजह से संगठन विवादों में घिरा रहा था।
शुरुआती रुझानों में एबीवीपी ने एनएसयूआई और आइसा-सीवाईएसएस पर बढ़त बना ली है। एबीवीपी ने 19 कॉलेजों की 71 सीटों पर कब्जा कर लिया है। एबीवीपी को हिंदू कॉलेज, श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, किरोड़ी मल कॉलेज, भगत सिंह कॉलेज (मॉर्निंग), जाकिर हुसैन (मॉर्निंग) आदि कॉलेजों में सफलता मिली है।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ का इस बार का चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है। अब तक डूसू चुनाव में बीजेपी के छात्र संगठन एबीवीपी और कांग्रेस से जुड़े एनएसयूआई का ही दबदबा रहा है। लेकिन, इस बार के छात्र संघ चुनाव में वाममोर्चा की छात्र इकाई आइसा और आम आदमी पार्टी के स्टूडेंट विंग सीवाईएसएस ने हाथ मिला लिए हैं। दोनों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा है। ऐसे में एबीवीपी और एनएसयूआई को कड़ी टक्कर मिल सकती है।
डूसू चुनावों में इस बार छात्रों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है। चुनाव के बाद जारी आंकड़ों के मुताबिक, 44.5 फीसद छात्रों ने स्टूडेंट लीडर चुनने के लिए मतदान किया। पिछले 11 वर्षों में यह सबसे ज्यादा मतदान है। दिल्ली विश्वविद्यालय चुनाव आयोग कार्यालय ने बताया कि यूनिवर्सिटी के 42 मॉर्निंग कॉलेजों में 43.8 प्रतिशत तक वोटिंग हुई। इवनिंग कॉलेजों में देर शाम साढ़े सात बजे तक मतदान हुआ। पिछले साल के मुकाबले इस बार के डूसू चुनाव में 2 फीसद ज्यादा मतदान हुआ।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के लिए 12 सितंबर को वोट डाले गए थे। मतदान प्रक्रिया में बड़ी तादाद में छात्रों ने हिस्सा लिया। यूनिवर्सिटी के चुनाव अधिकारी 8:30 बजे से वोटों की गिनती शुरू करेंगे। दोपहर तक विजेता छात्र संगठन की तस्वीर काफी हद तक स्पष्ट हो जाएगी।