अगर आप ऐसे ही किसी विषय में अपना करिअर बनाने के बारे में सोच रहे हैं, तो ‘डेटा साइंस’ यानी आंकड़ा विज्ञान में बहुत संभावनाएं छिपी हुई हैं।
क्या है आंकड़ा विज्ञान
भारत में एक दशक से ‘डाटा’ शब्द ने व्यापक जगह बनाई है। ‘डाटा’ का अर्थ है आंकड़ा, सूचना या जानकारी। अगर हम कहें कि आंकड़े पूरे ब्रह्मांड में तैर रहे हैं तो यह गलत नहीं है। क्योंकि इलेक्ट्रानिक युग में आंकड़े बहुत बड़ी मात्रा में उत्पन्न हो रहे हैं। इन आंकड़ों में छिपी जानकारियों को बाहर लाना ही ‘आंकड़ा विज्ञान’ कहलाता है। इसमें आंकड़ों के पेशेवर गणित एवं अर्थशास्त्रीय अवधारणा का गहराई से अध्ययन करते हैं।
आंकड़ों के पेशेवर बनने के लिए यह जरूरी है कि उन्हें कलन-विधि, सांख्यिकी, मशीन लर्निंग, कृत्रिम बौद्धिमत्ता एवं डीप लर्निंग को गहराई से जानना या समझना। आंकड़ा विज्ञान तीन श्रेणियों में बंटा हुआ है। इसमें आंकड़ों को जमा करना, इनको विश्लेषण करना एवं उससे कुछ बेहतर जानकारी निकालना। इससे सामाजिक, आर्थिक, व्यवसायिक एवं अन्य समस्याओं का समाधान निकाला जा सके।
‘आंकड़ा विज्ञान’ का पाठ्यक्रम करने के बाद युवाओं को बहुत से क्षेत्रों में नौकरी के अवसर मिलते हैं। बतौर आंकड़ा वैज्ञानिक आप आंकड़ों के विश्लेषक, आंकड़ों के वरिष्ठ विश्लेषक, व्यापार विश्लेषक, वरिष्ठ सूचना अधिकारी और सहायक विश्लेषक के पदों पर कार्य कर सकते हैं। इसमें आपको एक बेहतर वेतन के साथ एक अच्छा करिअर मिलता है।
विश्लेषणात्मक और सांख्यिकीय सोच की आवश्यकता
अगर आप आंकड़ा विज्ञान को अपने भविष्य के रूप में देख रहे हैं तो यह समझना बहुत जरूरी है कि आपका दिमाग गणनात्मक होना चाहिए। अगर आपको सांख्यिकीय जानकारी पहले से हैं तो इसका मतलब है आपके लिए ज्यादा आसानी। अगर आपको मैट्रिक स्तर के गणित का अभ्यास है, जैसे माध्य, माध्यिका, बहुलक, मानक विचलन, विचरण गुणांक आदि तब करिअर के हिसाब से एवं आंकड़ों के साथ खेलने में आपको बहुत आसानी होगी। इससे आप दिए गए आंकड़ों को आसानी से समझ सकते हैं। क्योंकि इस विषय का मुख्य उद्देश ही गणित एवं सांख्यिकीय अवधारणाओं पर आधारित है।
प्रोग्रामिंग भाषाएं
इसमें कोई दोराय नहीं कि भविष्य में आंकड़ा विज्ञान के पेशेवरों की मांग और तेजी से बढ़ेगी, क्योंकि भारत एक उभरता बाजार है। बाजार की संभावनाओं को देखें तो नई चीजों को जानने के लिए बाजार लगातार संभावनाओं को ढूंढ़ता रहता है। आंकड़ा विज्ञान को आसान करती हैं प्रोग्रामिंग भाषाएं। आंकड़ा विज्ञान में करिअर की तलाश करने की चाह रखने वाले युवाओं को यह जान लेना बहुत जरूरी है कि बतौर विषय के रूप में आपको दो प्रोग्रामिग भाषाओं में से किसी एक को पढ़ना होगा। इसमें ‘पायथन’ एवं ‘आर’ प्रमुख हैं।
प्रोग्रामिंग भाषा ‘पायथन’ को आंकड़ों के पेशेवर ज्यादा अच्छा मानते हैं। इस भाषा में सीखने वाले को दो लाइब्रेरी जिनके नाम ‘पेड’ एवं ‘पांडास’ हैं जो आसानी से मिल जाती है जो डाटा को समझने में बहुत मदद करती है। दूसरी ओर, प्रोग्रामिंग भाषा ‘आर’ में विकल्प थोड़े कम हैं। मजेदार बात यह है कि ‘पायथन’ को यह जरूरी नहीं है कि आप पूरा सीखें, इस पर अगर आपकी बुनियादी पकड़ भी बन जाती है, तब भी आप आंकड़े की संरचनाओं को आसानी से समझ सकते हैं एवं उनका विश्लेषण कर सकते हैं।
आंकड़ों का मानस दर्शन एक चुनौती
अगर आप ने यह तय कर लिया है कि आपको आंकड़ा विज्ञानी बनना है, तब आपको आंकड़ों के मानस दर्शन के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। आंकड़ों का मानस दर्शन उसका एक अहम पड़ाव है जिसमें आंकड़ों को विभिन्न एक्सल-शीट एवं सारिणी के माध्यम से दिखाना होता है। यह एक चुनौतिपूर्ण कार्य है। क्योंकि आंकड़ा विश्लेषण के बाद इसकों विभिन्न सारिणी, ग्राफ, चार्ट के माध्यम से प्रदर्शित इस प्रक्रिया का अहम हिस्सा है।
लेकिन इसके लिए आपको परेशान होने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि ऐसे बहुत से साफ्टवेयर में मौजूद है जो आपके आंकड़ों का ग्राफ बनाकर देगा, लेकिन आपको यह तय करना होगा कि आखिकार कौन सा ग्राफ आपके आंकड़ों का मानस दर्शन के लिए बेहतर होगा।
- सुनील कुमार (शिक्षक, दिल्ली पत्रकारिता विद्यालय)