सरोगेसी (यानी किराए की कोख) पर बनाई फिल्म मिमी एक नैतिक उलझन पर आधारित है। उलझन ये कि सरोगेसी के तहत जन्मे बच्चे पर नैतिक अधिकार किसका है। जिसकी कोख से जन्मा है उसका या जिन्होंने किराए पर कोख ली है उनका। भारतीय पारंपरिक भाषा में कहें तो कृष्ण किसके देवकी के या यशोदा के। इसी को फिल्म में मुख्य पात्र मिमी (कीर्ति सैनन) की मां सुप्रिया पाठक एक संवाद में दूसरी तरह कहते हुए ये संवाद बोलती है, देवकी भी तू है और यशोदा भी तू।
कहानी कुल जमा के ये है कि एक विदेशी और पश्चिमी पति-पत्नी राजस्थान आते हैं किसी ऐसी लड़की की तलाश में जो उनके बच्चे की सरोगेट मां बन सके। ड्राइवर भानु (पंकज त्रिपाठी) उनको मिलवाता है मिमी से जो स्थानीय स्तर पर एक डांसर है और हीरोइन बनने मुंबई जाना चाहती है लेकिन जरूरी तैयारी के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं। शुरू में ना-नुकुर करने के बाद बहुत ज्यादा पैसे मिलने की बात सुन कर वह तैयार हो जाती है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान कुछ हालात ऐसे बनते हैं कि विदेशी दंपति वापस लौट जाते हैं और लोकलाज से घिरने के बावजूद मिमी उस बच्चे की मां बनती है। फिर हालत ऐसे बनते हैं कि विदेशी पति-पत्नी फिर वापस आते हैं और मिमी से बच्चा वापस चाहते हैं। अब सवाल है कि बच्चे किसका है? पूरी फिल्म इसी बात पर केंद्रित है।
सरोगेसी यानी किराए की कोख का मामला कुछ ऐसा है कि आम भारतीयों के मन को यह अभी पूरी तरह स्वीकार्य नहीं है। कई लोगों के मन में नैतिक ऊहापोह है कि ये सब सही है या गलत। इसीलिए इस फिल्म के सुपरहिट होने के आसार कम है। शायद इसी कारण निर्देशक ने इसके बड़े हिस्से को कॉमेडी जैसा रखा है और यह कुछ हद तक सफल भी है। और ऐसा होने में बड़ी भूमिका पंकज त्रिपाठी की है जो अपने अंदाज में इसे हल्का फुल्का बनाए रखते हैं। वे लोगों को सायास हंसाने की कोशिश नहीं करते लेकिन हंसी छूटती रहती है।
कीर्ति सैनन ने भी बहुत अच्छा अभिनय किया है। बॉलीवुड के अभिनेता रणबीर सिंह के फोटो के सामने बतियाने वाले उनके सीन जोरदार हैं। पर ये भी सच है कि दर्शक को मिमी सहानुभूति की पात्र तो लगती है पर उससे जजबाती जुड़ाव नहीं हो पाता। दूसरे कीर्ति की एक बड़ी कमी यह है कि वे अपनी बोलचाल और रंगढंग में राजस्थानी नहीं लगतीं। ये चरित्र उत्तर भारत के किसी शहरी इलाके का हो सकता है। फिल्म में गाने भी हैं। लेकिन कोई ऐसा नहीं है जो याद हो सके। मिमी एक मराठी फिल्म का हिंदी रिमेक है।