एयर इंडिया की एक फ्लाइट पर सवार कम से कम 110 यात्रियों को बुधवार को करीब ढाई घंटे तक प्लेन में जबरन बैठे रहने पड़ा। इस फ्लाइट के कमांडर ने प्लेन उड़ाने के लिए ‘खास महिला’ को-पायलट की डिमांड की थी। मांग पूरी होने के बाद ही उसने उड़ान भरी।
सूत्रों के मुताबिक, चेन्नर्इ से तिरुअनंतपुरम के रास्ते माले जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट पर यह घटना हुई। कमांडर ने हाई ब्लड प्रेशर महसूस होने की शिकायत करते हुए इलाज की भी डिमांड की। दिलचस्प बात यह है कि इस कमांडर ने बीते हफ्ते ही इस्तीफा दिया है। वह छह महीने के नोटिस पीरियड पर है। सूत्रों के मुताबिक, कमांडर ने रूस्टर सेक्शन पर दबाव डाला कि एयर इंडिया की फ्लाइट AI 263/264 पर उसकी मनपंसद महिला फ्लाइट ऑफिसर के साथ ड्यूटी लगाई जाए। सूत्रों के मुताबिक, रूस्टर सेक्शन ने उसे बताया कि चूंकि उस महिला पायलट की दिल्ली की एक फ्लाइट पर ड्यूटी लग चुकी है, इसलिए ऐसा करना मुमकिन नहीं है। इसके बाद कमांडर ने रूस्टर सेक्शन को फोन किया और धमकी दी कि अगर उस महिला पायलट की ड्यूटी उसके साथ नहीं लगाई गई तो वो खुद को बीमार घोषित कर देगा।
सूत्रों ने बताया कि जब रूस्टर सेक्शन ने उसकी नहीं सुनी, उसने मंगलवार को खुद को बीमार घोषित कर दिया। बुधवार सुबह जब वह ड्यूटी पर आया तो उसने दोबारा से उसी महिला को-पायलट की डिमांड की। इसके बाद एयरलाइंस को उसकी मनपसंद को-पायलट की ड्यूटी उसके साथ लगानी पड़ी। हालांकि, इसकी वजह से फ्लाइट सुबह सात बजे की बजाए 9 बजकर 15 मिनट पर रवाना हो सकी। एयरलाइंस के प्रवक्ता की ओर से इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।