पुरुषों के भारतीय प्रीमियर लीग की तरह महिला क्रिकेट का प्रीमियर लीग भी शुरू करने का फैसला किया गया है। इसके लिए बोलियां मंगाई गर्इं। इसकी कोई आधार राशि तय नहीं थी। मगर इसमें जिस तरह कंपनियों ने उत्साह के साथ बोली लगाई, वह हैरान करने वाली थी।
महिला प्रीमियर लीग की पांच टीमों की बिक्री से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ को चार हजार छह सौ सत्तर करोड़ रुपए की कमाई हो गई। चौदह साल पहले जब भारतीय प्रीमियर लीग की शुरुआत हुई थी, तब पुरुष आइपीएल की आठ फ्रेंचाइजी बहत्तर करोड़ पैंतीस लाख नब्बे हजार डालर में बिकी थी। उसकी तुलना में यह काफी उत्साहजनक शुरुआत है। निस्संदेह इससे महिला क्रिकेट खिलाड़ियों का मनोबल भी बढ़ा है।
भारत में महिला क्रिकेट अभी बिल्कुल नया है। इस खेल को खुद महिला खिलाड़ियों ने अपने दम पर खड़ा किया और लंबे संघर्ष के बाद अपनी पहचान बनाई। जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय क्रिकेट टीम ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवा दिया, तब इसकी तरफ गया और इन खिलाड़ियों की सुविधाओं का ध्यान रखा जाने लगा। कुछ महीने पहले ही बीसीसीआइ ने महिला और पुरुष खिलाड़ियों में फीस को लेकर बरते जा रहे भेदभाव को समाप्त करने की घोषणा की।
महिला प्रीमियर लीग शुरू होने से माना जा रहा है कि न सिर्फ बीसीसीआइ की कमाई कई गुना बढ़ जाएगी, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी कमाई के मामले में दूसरे कई देशों के पुरुष खिलाड़ियों को पीछे छोड़ सकती हैं। फिर इससे दूर-दराज के इलाकों से प्रतिभावान महिला क्रिकेट खिलाड़ियों को खेलने का व्यापक मंच उपलब्ध हो सकेगा।
इसलिए कि भारतीय क्रिकेट टीम में तो कुछ खिलाड़ियों का ही चयन होता है, मगर प्रीमियर लीग में टीमें कई होती हैं, इसलिए उनमें बहुत सारे खिलाड़ियों को खेलने का अवसर उपलब्ध होता है। बीसीसीआइ ने खिलाड़ियों और टीमों के इनामों की घोषणा भी कर दी है। जो खिलाड़ी खरीदे जाएंगे, उनकी भी बोली लगेगी और फिर हर मैच के लिए उनकी फीस तय होगी।
इस तरह जो महिला खिलाड़ी पुरुष खिलाड़ियों की तुलना में अधिक संघर्ष करते हुए खेल रही थीं, उन्हें अब कमाई का नया अवसर मिलने जा रहा है। जाहिर है, इससे छोटे-छोटे कस्बों और गांवों तक में खेल रही लड़कियों का उत्साह बढ़ेगा और वे बेहतर प्रदर्शन कर महिला प्रीमियर लीग में प्रवेश पाने की प्रतिस्पर्धा कर सकेंगी। इस तरह सचमुच आधी आबादी को बराबरी की जगह बनाने का अवसर मिल सकता है।
क्रिकेट को लेकर हमारे देश में विशेष प्रेम देखा जाता है। प्रीमियर लीग चूंकि कम ओवरों का, तेजी से खेला जाने वाला खेल है, इसलिए उसमें अधिक रोमांच होता है और क्रिकेट प्रेमियों में इसे लेकर उत्साह बना रहता है। जाहिर सी बात है, जिस खेल को लेकर ज्यादा दर्शक उत्साहित और उत्सुक होते हैं, उससे कमाई भी अधिक होती है। इसलिए इसके लिए टीमें खरीदने को लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियां भी बोली लगाती हैं।
महिला प्रीमियम लीग की टीमें खरीदने में अडानी और अंबानी समूह ने भी बोली लगाई और ऊंची दरों पर टीमें खरीदने में कामयाबी हासिल की। निस्संदेह बीसीसीआइ के लिए यह एक नया कीर्तिमान बना, पर इस उत्साह में फिर एक टीस उभरी कि भारतीय हाकी और दूसरे खेलों में संघर्ष कर रही लड़कियों को कब ऐसे प्रोत्साहन देने वाले सामने आएंगे।