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Influenza And Corona Cases: संक्रमण को देखते हुए सरकार ने बढ़ाई सतर्कता, रोजाना मिल रहे 800-900 मामले

देश में अधिकतर जनता को कोरोना का टीका लग चुका है। इस नाते लोग खुद को सुरक्षित मानकर मास्क लगाने और आपस में दूरी बनाकर रखने से परहेज करने लगे हैं। विशेषज्ञों का कहना है ऐसा करना घातक हो सकता है।,

Influenza, Covid-19
पीएम मोदी ने लोगों से अपील की है कि वे ऐहतियातन उपायों का जरूर पालन करेंं।

सरकार इन्फ्लूएंजा और कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्क हो गई है। प्रधानमंत्री ने इसके लिए उच्चस्तरीय बैठक बुलाई और संबंधित महकमों को इस मामले में मुस्तैदी बरतने को कहा है। जांच बढ़ाने और कोरोना बहुरूपों पर नजर रखने की हिदायत दी है। अच्छी बात है कि सरकार ने समय रहते इस मामले में चौकसी बरतनी शुरू कर दी है। हालांकि भारत में अभी कोरोना संक्रमण की दर दूसरे देशों की तुलना में काफी कम है। हर दिन आठ से नौ सौ के बीच मामले दर्ज हो रहे हैं।

अस्पतालों में जांच शुरू होने से आने लगे हैं नए केस

मगर यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि कोरोना का प्रकोप अभी खत्म नहीं हुआ है और जरी-सी लापरवाही भी खतरनाक रूप ले सकती है। फिलहाल इसलिए भी कम मामले दर्ज हो रहे हैं कि कोरोना की लहर थम जाने के बाद अस्पतालों में जांच वगैरह में शिथिलता आ गई थी। जब इन्फ्लूएंजा का प्रकोप बढ़ना शुरू हुआ और जांचें होने लगीं तब कोरोना के भी मामले सामने आने लगे। हालांकि अभी इसके खतरनाक रूप लेने के प्रमाण सामने नहीं आए हैं, मगर स्वास्थ्य विभाग के लिए इस आधार पर किसी भी तरह की लापरवाही बरतने की छूट नहीं मिल सकती।

लोगों की आदतों में आए बदलाव की वजह से समस्या गहरा रही

भारत ने कोरोना की खतरनाक लहर के वक्त भी उस पर काबू पाने में सफलता हासिल की थी, जबकि तब कोरोना के टीके सभी के लिए उपलब्ध नहीं थे। देश एक त्रासद अनुभव से गुजर चुका है। अब इस पर काबू पाने के उपाय मौजूद हैं। दवाएं उपलब्ध हैं। ऐसे में कोरोना से निपटने में किसी तरह की अड़चन नजर नहीं आती। मगर समस्या लोगों की आदतों में आए बदलाव की जरूर है। कोरोना की लहर थमने के साथ ही लोग कोरोनोचित व्यवहार छोड़ कर फिर से पुराने ढर्रे पर लौट आए हैं। हाथ धोना, नाक-मुंह न ढंकना, भीड़भाड़ वाले और सार्वजनिक स्थानों पर लापरवाही बरतना आदि आदतें फिर अपना ली गई हैं। इसके चलते कोरोना और इन्फ्लुएंजा के तेजी से फैलने की आशंका बनी हुई है।

कोरोना से बचाव संबंधी उपायों पर अमल करने की प्रधानमंत्री ने की अपील

हालांकि प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे कोरोना से बचाव संबंधी उपायों पर अमल करें, मगर इस दिशा में लोग कितने सतर्क होंगे, कहना मुश्किल है। पहले नाक-मुंह न ढंकने पर जुर्माने का प्रावधान था, फिर भी लोग खुले मुंह घूमने से बाज नहीं आते थे। अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि लोग किस कदर अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी उपायों के पालन में भी लापरवाही बरतते हैं।

ऐसे में स्वाभाविक ही स्वास्थ्य कर्मियों और दूसरे संबंधित महकमों पर जिम्मेदारी आ जाती है कि वे लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक बनाएं। जिन समस्याओं पर सामान्य नागरिक बोध और निजी जागरूकता से काबू पाया जा सकता है, उनके लिए भी कड़े कानून लागू करने पड़ें तो उसे जागरूक और जिम्मेदार समाज की निशानी नहीं कहा जा सकता। इसलिए सरकारी महकमों की सतर्कता के साथ-साथ आम लोगों से भी अपेक्षा की जाती है कि वे इस बीमारी से पार पाने में निजी तौर पर सहयोग करें।

संक्रामक बीमारियों से बचाव का सबसे कारगर तरीका यही माना जाता है कि लोग खुद अपनी सुरक्षा करें। हालांकि देश की बहुसंख्य आबादी को कोरोना टीके की दोनों जरूरी खुराक दी जा चुकी हैं, बुजुर्ग और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले बहुत सारे लोगों ने एहतियाती खुराक भी ले ली है। इस तरह कोरोना का प्रभाव लोगों पर पहले की तरह खतरनाक रूप में न होने की उम्मीद की जाती है। मगर इस आधार पर लापरवाही बरतने की छूट नहीं मिल जाती।

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First published on: 24-03-2023 at 05:57 IST
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