लेकिन पिछले कुछ समय से उड़ान के दौरान जैसी घटनाएं सामने आई हैं, उससे यह सवाल उठा कि कोई यात्री क्या इस बात को लेकर पूरी तरह निश्चिंत हो सकता है कि उसके साथ अराजक या अनुचित बरताव नहीं होगा! खासतौर पर विमान में शराब पीने के बाद कुछ यात्रियों के अभद्र व्यवहार की वजह से जैसे हालात पैदा हुए, उसने स्वाभाविक ही उड़ान के दौरान प्रबंधन और व्यवस्था से संबंधित कुछ गहरे सवाल खड़े किए।
इसके बाद नागर विमानन महानिदेशालय यानी डीजीसीए की ओर से संबंधित विमान कंपनियों को नोटिस जारी किया गया। इस तरह की शिकायतों का एक जो मुख्य कारण उभर कर सामने आया, वह था शराब के सेवन के बाद किसी यात्री का बेकाबू व्यवहार। जाहिर है, व्यवस्था के स्तर पर ऐसी बाधा से निपटने के क्रम में इस प्रवृत्ति को रोकना विमान प्रबंधन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
शायद यही वजह है कि अब एअर इंडिया ने अपनी उड़ान के दौरान यात्रियों को शराब परोसे जाने की नीति में बदलाव करने का फैसला किया है। इसके तहत चालक दल के सदस्यों से कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों को उचित और सुरक्षित तरीके से परोसा जाना चाहिए। साथ ही, अपनी शराब का सेवन करने वाले यात्रियों की पहचान के लिए चालक दल के सदस्य चौकस रहेंगे।
दरअसल, बीते दिनों ऐसे कई वाकये सामने आए जिनमें शराब पीकर किसी यात्री ने विमान में अन्य मुसाफिर या फिर चालक दल के सदस्यों से अभद्र बर्ताव किया। निश्चित रूप से ऐसे बरताव पीड़ित यात्रियों के लिए परेशानी के सबब थे। मगर यह उस विमान और उड़ान से जुड़े प्रबंधन की व्यवस्था पर भी सवालिया निशान था, जिसकी जिम्मेदारी थी कि सभी यात्री बिना किसी बाधा और परेशानी के अपना सफर पूरा करें।
विडंबना यह भी है कि एअर इंडिया ने उड़ान के दौरान इस तरह के अनुचित व्यवहार की जानकारी समय पर नहीं दी थी। इसी के मद्देनजर डीजीसीए ने एअरलाइन पर दस लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। गौरतलब है कि इससे पहले भी एक यात्री के अभद्र व्यवहार की घटना के संदर्भ में एअर इंडिया पर तीस लाख का जुर्माना लगाया जा चुका है।
अब देर से सही, एअर इंडिया ने शराब परोसने की नीति को नियंत्रित करने का फैसला किया है तो यह एक सही कदम है, लेकिन यह सुनिश्चित करने की जरूरत होगी कि इसके बाद कोई व्यक्ति किसी भी बहाने से अन्य यात्रियों के लिए असुविधाजनक व्यवहार न करे। इसके अलावा, यह अपने आप में एक विचित्र स्थिति है कि कोई व्यक्ति अपनी शराब लेकर या फिर पीकर विमान में सवार हो जाता है!
अगर शराब के असर से उपजे नशे में कोई यात्री खुद पर से अपना नियंत्रण खो देता है तो ऐसे में किसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी? यों विमान में सफर करने वाले लोगों को अपने स्तर पर ही इस बात का खयाल रखना चाहिए कि जिस तरह वे अपने लिए सुरक्षित और सहज यात्रा की अपेक्षा करते हैं, उसी तरह उनकी वजह से किसी अन्य को कोई परेशानी न हो।
लेकिन कुछ यात्री अपने स्तर पर यह न्यूनतम सलीका भी बनाए नहीं रख पाते। ऐसी स्थिति में चालक दल के सदस्यों से यह अपेक्षा होती है कि वे ऐसे बेलगाम यात्रियों को नियमों के तहत नियंत्रित करें। व्यवस्था और सुरक्षा को लेकर उच्चस्तरीय मानकों के लिए मशहूर रही विमान यात्रा को अराजकता से बचाने की जरूरत है।