सोमवार को अबू धाबी से मुंबई के लिए चले एक विमान में चालक दल के सदस्यों की ओर से अनधिकृत गतिविधि से रोके जाने पर एक महिला यात्री ने एक कर्मी के चेहरे पर घूंसा जड़ दिया और अशिष्ट व्यवहार किया।
यह न केवल उसके अपने स्तर पर की गई अराजकता है, बल्कि विमान अधिनियमों का उल्लंघन होने के साथ-साथ सबसे ज्यादा इस लिहाज से गलत है कि ऐसी हरकतों की वजह से नाहक खतरा भी पैदा हो सकता है। यह छिपा नहीं है कि विमान की उड़ान हर स्तर पर बेहद संवेदनशील होती है और उसमें कोई मामूली चूक एक त्रासद नतीजे का कारण बन सकती है।
उड़ान के दौरान न केवल सुरक्षा की कसौटी पर हवाई जहाज में तकनीकी स्तर पर सौ फीसद परिणाम सुनिश्चित किए जाते हैं, बल्कि उसमें सवार चालक दल सहित हर व्यक्ति की गतिविधि यात्रा का पूरी तरह सुरक्षित होना तय करती है। इन पहलुओं की जानकारी होने के बावजूद कुछ यात्रियों को अपने व्यवहार पर नियंत्रण रखना जरूरी नहीं लगता है, जबकि उससे पैदा जोखिम की जद में वह खुद भी होता है।
दरअसल, यह उम्मीद की जाती है कि विमान के यात्री सफर के इस माध्यम की संवेदनशीलता की समझ रखते हैं। इसके अलावा, नए यात्रियों के लिए भी विमान के भीतर हर गतिविधि के लिए लिखित निर्देश होते हैं, चालक दल के सदस्यों की ओर से घोषणाएं की जाती हैं और जरूरत पड़ने पर किसी बात को समझने में मदद भी की जाती है। अगर चालक दल से कार्य-दायित्व में कोई कोताही होती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है।
विडंबना यह है कि कई बार खुद किसी यात्री की हरकतें न केवल अवांछित होती हैं, बल्कि उससे समूचे विमान की सुरक्षा खतरे में पड़ जा सकती है। सिर्फ जनवरी में शराब पीकर हंगामा करने, लापरवाही में आपातकालीन दरवाजा खोल देने या किसी विमान परिचारिका से छेड़खानी करने की ऐसी कुछ घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जो विमान यात्रा में जोखिम की वजह मानी जा सकती हैं।
विमान कंपनी या चालक दल के सदस्यों की ओर से प्रबंधन के स्तर पर हुई चूक या लापरवाही के कारण नागर विमानन महानिदेशालय ने एक कंपनी को नोटिस जारी किया और जुर्माना भी लगाया। मगर कुछ यात्री न अपना सलीका सभ्य और नियंत्रित रख पाते हैं और न ही उन्हें विमान अधिनियमों का पालन करना जरूरी लगता है। नतीजतन, उन्हें तो कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ ही सकता है, उनके बेलगाम बर्ताव की वजह से समूची उड़ान भी खतरे में पड़ सकती है।
विमान यात्रा के दौरान व्यक्ति को सभ्यता के सलीकों का ध्यान रखने की जरूरत इसलिए भी होती है कि न केवल उसे अपनी गतिविधियों पर संतोष हो, बल्कि अन्य यात्रियों को भी अपनी यात्रा सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से पूरा करने में मदद मिले। खासतौर पर उड़ान की संवेदनशीलता के मद्देनजर यात्रा के दौरान यात्रियों का संयमित और नियमबद्ध व्यवहार अनिवार्य बनाया जाना चाहिए।