इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 (IC-814) को हाइजैक करने वाले आतंकियों में से एक मिस्त्री जहूर इब्राहिम की खबर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कराची के अकबर कॉलोनी में एक फर्नीचर की दुकान के अंदर दो अज्ञात हमलावरों ने जहूर को गोली मार दी। जहूर इब्राहिम कराची में जहूर जाहिद अखुंद की पहचान के साथ रह रहा था।
कंधार विमान हाईजैक में शामिल जहूर इब्राहिम ने कराची में एक क्रिसेंट फर्नीचर की दुकान खोल रखी थी। वह यहां जहूर जाहिद अखुंद नाम के व्यापारी के रूप में रहता था। घटना के सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, बाइक सवार दो बदमाशों ने वारदात से पहले इलाके की रेकी की थी। वहीं, उन्होंने पहचान छुपाने के लिए हेलमेट और मास्क का उपयोग किया था।
मिस्त्री जहूर इब्राहिम ने चार अन्य आतंकियों के साथ 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 को हाईजैक कर लिया था। जब यह विमान काठमांडू से दिल्ली के रास्ते में था, तभी आतंकियों ने हाइजैक कर लिया था। इसके बाद विमान को अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था। उस वक्त अफगानिस्तान में तालिबान का राज था और इन आतंकियों को पूरा संरक्षण मिला था।
अधिकारियों के मुताबिक, विमान हाइजैक के बाद जहूर इब्राहिम ने ही रुपिन कात्याल नाम के भारतीय की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। यह अपहरण कांड सात दिनों तक जारी रहा, जिसमें यात्रियों को बंधक बनाया गया था। यात्रियों को सकुशल छोड़ने के बदले मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद और उमर सईद शेख जैसे आतंकियों को रिहा करना पड़ा था।
कंधार विमान हाईजैक का मास्टरमाइंड जैश-ए-मोहम्मद का शीर्ष नेता युसूफ अजहर उर्फ मोहम्मद सलीम था। जिसे युसूफ अजहर को फरवरी 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक में मार गिराया गया था। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, युसूफ अजहर देश में हुए कई आतंकी हमलों में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से शामिल था।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जहूर इब्राहिम कंधार कांड के बाद कई सालों तक छिपा रहा था। वहीं, मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के भाई समेत कई आतंकी शामिल हुए। साथ ही कराची में बीच बाजार इतनी बड़ी घटना के बाद हड़कंप मचा हुआ है।