जब भी कोई व्यक्ति जेल शब्द को कहता है तो एक अजीब सी तस्वीर मन में कौंध जाती है। अक्सर हमने फिल्मों में देखा होता है कि एक छोटा सा कमरा होता है, जिसमें कैदी को बैठने या लेटने के लिए दीवार से सटी कंक्रीट की एक बेंच बनी होती है। इसी कड़ी में आज उस जेल की कहानी बताने जा रहे हैं जिसे दुनिया की सबसे मनहूस और खतरनाक जेल कहा गया।
इस जेल को साल 1934 में अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित सैन फ्रांसिस्को में बनाया गया। दुनिया की सबसे खतरनाक जेल यह इसलिए भी थी, क्योंकि यहां के नियम-क़ानून इतने सख्त थे कि अपराधी सजा झेलने के बजाय आत्महत्या कर लेते थे। खाड़ी के ठंडे पानी के बीचो-बीच बने टापू पर स्थित इस जेल का नाम ‘अलकाट्राज’ (Alcatraz) है। इस जेल में देश के सबसे खतरनाक अपराधियों को रखा जाता था, ताकि वो यहां से भाग न सके।
लेकिन साल 1963 आते-आते इस जेल को सरकार की तरफ से बंद कर दिया गया। कहा गया कि इस जेल के रखरखाव पर औसत से ज्यादा पैसा खर्च हो रहा था, इसलिए जेल को म्यूजियम में तब्दील कर दिया गया। बाद में इसे ‘द रॉक’ के नाम से जाना जाने लगा। जेल इतिहास में केवल 36 कैदी ही ऐसे थे, जिन्होंने यहां से भागने का प्रयास किया था। हालांकि बाद में करीब 14 लोगों को पकड़ लिया गया था तो कुछ पानी में डूब गए थे।
इसके अलावा कई रिपोर्ट्स में कहा जाता है कि साल 1962 में तीन कैदी ऐसे थे, जो भागने में सफल रहे थे। इनके नाम जॉन एंगलिन, फ्रैंक मॉरिस और क्लेरेंस एंगलिन थे। जहां एक तरफ जेल प्रशासन की काफी छानबीन के बाद भी ये तीनों कैदी नहीं मिले तो वहीं जॉन व क्लेरेंस एंगलिन के परिजनों ने दावा किया कि वे दोनों भाई जिंदा है, लेकिन कभी सामने नहीं आये।
बता दें कि इस खतरनाक जेल को सबसे ज्यादा डरावनी जेल भी कहा गया, क्योंकि यहां कैदियों की आत्महत्या के चलते कई बार डरावनी गतिविधियो के मामले भी सामने आ चुके है। इतने साल बीत जाने के बाद भी अलकाट्राज आइलैंड पर बसी यह जेल आज ही दुनिया की सबसे खतरनाक जेलों की सूची में शामिल है।