West Bengal News: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Minister Mamata Banerjee) और तत्कालीन तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल रॉय (Mukul Roy) से संबंधित एक कार्टून सोशल मीडिया पर फॉरवर्ड करने के आरोप में गिरफ्तार जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अंबिकेश महापात्रा को 11 साल की कानूनी लड़ाई के बाद कोर्ट से राहत मिली है।
पश्चिम बंगाल की जादवपुर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अंबिकेश (Jadavpur University Professor Ambikesh Mahapatra) के खिलाफ 12 अप्रैल 2012 में केस दर्ज हुआ था। जिसके बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार शुक्रवार (20 जनवरी, 2023) को कोलकाता की एक निचली अदालत से उनको क्लीन चिट मिल गई।
मेरी लड़ाई हर अत्याचार के खिलाफ: अंबिकेश महापात्रा
इंडिया टुडे से बात करते हुए महापात्रा ने कहा कि उनकी लड़ाई हर तरह के अत्याचार के खिलाफ है। अलीपुर जिला न्यायालय ने निचली अदालत से प्रोफेसर को आपराधिक मामले से मुक्त करने के लिए कहा। प्रोफेसर अंबिकेश महापात्रा ने कहा, ‘बंगाल सरकार, पुलिस प्रशासन और सत्ताधारी पार्टी द्वारा सरकार के खिलाफ किसी भी तरह की आवाज को रोकने के लिए एक तरह की साजिश थी।’
12 अप्रैल, 2012 को प्रोफेसर महापात्रा को किया गया था गिरफ्तार
12 अप्रैल 2012 में महापात्रा ने उस कार्टून को कोलकाता के दक्षिणी बाहरी इलाके में एक हाउसिंग सोसाइटी के सदस्यों के एक ईमेल ग्रुप को भेज दिया था। ग्रुप में से किसी ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद महापात्रा और हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के तत्कालीन सचिव सुब्रत सेनगुप्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी ऐक्ट), 2000 की धारा 66ए के तहत मामला दर्ज किया।
प्रोफेसर अंबिकेश महापात्रा और सेनगुप्ता दोनों को जमानत पर रिहा कर दिया गया, फिर भी केस चलता रहा। 2016 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से आईटी अधिनियम की धारा 66ए को रद्द करने और सभी राज्य सरकारों को इस अधिनियम के तहत सभी मामलों को बंद करने और छोड़ने के लिए कहने के बाद भी पुलिस ने महापात्रा के खिलाफ केस जारी रखा।