संजय मित्तल अपहरण कांड को 5 घंटे में सुलझाया, कई अपराधियों को एनकाउंटर में किया चित; IPS अजय कुमार की कहानी…
शामली में अपनी सेवा के दौरान आईपीएस अजय कुमार ने बड़े-बड़े कारनामे किये। बताया जाता है कि इस दौरान उन्होंने लुटेरों, डकैतों, गौकश और अपराधियों पर सख्त एक्शन लिया।

आज बात एक ऐसे बहादुर आईपीएस अफसर की जो ना सिर्फ अपहरण कांड को सुलझाने में माहिर हैं बल्कि वो कई बार एनकाउंटर में भी हिस्सा ले चुके हैं। आईपीएस अजय कुमार के बारे में कहा जाता है कि वो जहां कही भी पोस्टेड होते हैं, अपराधियों पर कहर बनकर टूटते हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बस्ती के एक छोटे से गांव देवापार में जन्मे और पले-बढ़े अजय कुमार के पिता किसान थे। बताया जाता है कि आर्थिक तंगी और कुछ अन्य कारणों की वजह से अजय कुमार को शुरुआती पढ़ाई में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। यूपी बोर्ड की परीक्षा में अजय कुमार ने पूरे जिले में टॉप किया था।
पढ़ाई-लिखाई में मेहनती अजय कुमार ने HBTI कानपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान कुशल इंजीनियर बनकर गोल्ड मेडल भी हासिल किया था। इसके बाद यूपीएससी की परीक्षा पास कर अजय कुमार आईपीएस बन गये। यूपी के फिरोजाबाद जिले में अजय कुमार की पहली पोस्टिंग हुई थी। इस दौरान उन्होंने चर्चित उद्योगपति संजय मित्तल अपहरण कांड को महज 5 घंटे के अंदर सुलझा कर सुर्खियां बटोरी थीं। यह खुलासा हुआ था कि इस कांड मं विक्की बॉक्सर गैंग के सदस्यों का हाथ था। साल 2017 में मई के महीने में संजय मित्तल का अपहरण दिनदहाड़े तमंचे के दम पर कर लिया गया था।
उस वक्त न्यूज एजेंसी ANI ने अपनी एक रिपोर्ट में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार के हवाले से बताया था कि अपहरण कांड की सूचना मिलते ही इस मामले को सुलझाने के लिए पुलिस ने पूरे जिले को सील कर दिया था। पुलिस ने बताया था कि अपराधियों ने मित्तल की गाड़ी को रोका था और फिर उन्हें किडनैप किया था। त्वरित एक्शन की वजह से महज 5 घंटे के अंदर मित्तल को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया गया था। इतना ही नहीं इस अपहरण कांड का मास्टरमाइंड पुलिस के साथ एनकाउंटर में घायल भी हो गया था।
शामली में अपनी सेवा के दौरान आईपीएस अजय कुमार ने बड़े-बड़े कारनामे किये। बताया जाता है कि इस दौरान उन्होंने लुटेरों, डकैतों, गौकश और अपराधियों पर सख्त एक्शन लिया। बदमाशों के साथ एनकाउंटर हुआ और कई बदमाश धरे भी गये।
कई अपराधियों को गोली लगी और वो घायल हुए। पकड़े गए दर्जनों अपराधी जेल में बंद कर दिये गये। मैनपुरी में भी पोस्टिंग के वक्त इस अफसर ने ना सिर्फ निडरता से काम किया बल्कि ईमानदारी और न्यायप्रियता का मिसाल भी बने।