हाथरस कांड: पूर्व BJP विधायक ने आरोपियों के समर्थन में बुलाई बैठक, CBI जांच और नारको टेस्ट का किया स्वागत
राजवीर सिंह पहलवान ने दावा किया कि इस मामले के आरोपी संदीप, रवि, लव कुश और रामू को गलत तरीके से फंसाया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने साफ किया है कि हाथरस कांड की जांच सीबीआई के द्वारा कराई जाएगी। कथित गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद उनके गांव में राजनीतिक दलों का आना-जाना लगा हुआ है और राज्य में लगातार इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन भी हो रहे हैं। अब इस मामले में हाथरस के पूर्व बीजेपी विधायक राजवीर सिंह पहलवान ने एक बैठक बुलाई। यह बैठक मामले में गिरफ्तार किये गये ऊंची जाति के लोगों के समर्थन में थी। यह बैठक गांव से कुछ ही दूरी पर स्थित एक गेस्ट हाउस में आयोजित की गई थी और करीब 500 से ज्यादा लोगों ने इस बैठक में हिस्सा लिया। रविवार (04-10-2020) बैठक में शामिल लोगों ने आरोपियों के समर्थन में नारे लगाए और उनके लिए न्याय की मांग भी की।
पूर्व बीजेपी विधायक ने कहा कि राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है। इस मामले में आरोपी, पीड़ित परिवार और जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों का नारको टेस्ट कराया जाएगा। राज्य सरकार के इसी फैसले का स्वागत करने के लिए यह बैठक आयोजित की गई थी।
उन्होंने कहा कि ‘हमने सभी जातियों की एक बैठक बुलाई और हमने चर्चा की कि सीबीआई से जांच कराने का फैसला अच्छा है। अगर पीड़िता के परिवार वालों ने कुछ नहीं छिपाया है तो उन्हें इससे नहीं डरना चाहिए। इस मामले में जिन्होंने गलत शिकायत दर्ज कराई है उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।’
राजवीर सिंह पहलवान ने दावा किया कि इस मामले के आरोपी संदीप, रवि, लव कुश और रामू को गलत तरीके से फंसाया जा रहा है। पूर्व विधायक ने कहा कि इस बैठक में पीड़ित परिवार का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था। आपको बता दें कि राजवीर सिंह पहलवान साल 1993 में हाथरस से विधायक चुने गए थे और तब से लेकर अब तक वो बीजेपी में सक्रिय हैं।
बीते रविवार को ही भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद, आरएलडी नेता जयंत चौधरी और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी पीड़िता के गांव का दौरा किया और उनसे मुलाकात की। चंद्रशेखर आजाद ने दावा किया है कि वो पीड़िता के परिवार को वहां से लेकर कहीं और जाना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।
चंद्रशेखर ने पीड़ित परिवार के लिए सुरक्षा की मांग भी उठाई है। उन्होंने कहा कि ‘पीड़िता का परिवार वहां सुरक्षित नहीं है। उनके घर से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर महापंचायत आय़ोजित की गई थी…अगर कंगना को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिल सकती है तो पीड़ित परिवार को क्यों नहीं?’
आपको बता दें कि पुलिस ने समाजवादी पार्टी और आरएलडी के कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज भी किया था। पुलिस का कहना था कि पार्टी के कार्यकर्ता बैरिकेडिंग तोड़ रहे थे और शांति व्यवस्था भंग कर रहे थे इसलिए उनपर लाठी चार्ज करना पड़ा।
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