हर दिन दुनिया के किसी न किसी हिस्से में अनोखी घटनाएं घटती रहती हैं। इनमें से कुछ ऐसी होती है जो सबका ध्यान खींचती हैं। एक ऐसी ही घटना ब्रिटेन से सामने आई है, जहां एक चिल्लाकर पढ़ाने वाली टीचर को यूनिवर्सिटी से निकाल दिया गया। लेकिन जब वह यूनिवर्सिटी के खिलाफ कोर्ट पहुंची तो उन्हें 1 करोड़ रूपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया।
मामला ब्रिटेन की एक्सेटर यूनिवर्सिटी से जुड़ा है। यहां पर एनेट प्लाट नाम की एक महिला टीचर 29 साल से फिजिक्स पढ़ाती थी। लेकिन एक दिन यूनिवर्सिटी ने उन्हें अचानक नौकरी से निकाल दिया। जब महिला टीचर द्वारा कारण पूछा गया तो यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा कहा गया कि उनकी आवाज़ काफी तेज है और उन्हें चिल्लाकर पढ़ाने की आदत थी। ऐसे में नए छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
यूनिवर्सिटी के इस तर्क के खिलाफ महिला जब कोर्ट पहुंची तो घटना में एक ट्विस्ट सामने आया। कोर्ट में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बताया कि एनेट प्लाट को उनकी तेज आवाज नहीं बल्कि पीएचडी के दो स्टूडेंट्स के साथ बुरा बर्ताव करने की वजह से हटाया गया है। उक्त महिला टीचर इससे पहले भी दो बार सस्पेंड हो चुकी है और तनाव के चलते वह दवाइयां ले रही हैं। साथ ही उन्हें इस बात का कतई अंदाजा नहीं रहता कि किसके सामने कैसे बोलना है?
वहीं महिला टीचर ने अपने पक्ष में कोर्ट में कहा कि उनकी आवाज शुरुआत से ही ऐसी है। ऐसे में उन्हें यह नहीं पता होता कि वह कब ज्यादा लाउड बोल जाती हैं। उनके परिवार में अधिकतर लोग ऐसे ही बोलते हैं। महिला ने बताया कि वह इससे पहले न्यूयॉर्क और जर्मनी में भी टीचर रही हैं, लेकिन इस तरह की शिकायत कभी नहीं आई। महिला टीचर ने बताया कि वह नौकरी से हटाए जाने के बाद अवसाद से गुजर रही हैं। वह हर हाल में अपनी नौकरी वापस पाना चाहती हैं।
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने यूनिवर्सिटी को कड़ी फटकार लगाते हुए फैसला सुनाया और आदेश दिया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन महिला को 1 करोड़ रूपये का मुआवजा देगा। हालांकि, अब यूनिवर्सिटी प्रबंधन के प्रवक्ता द्वारा कहा गया है कि वे इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।