मुंबई में एक निजी अस्पताल के तीन कर्मचारी और मालिक के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक, आरोप है कि अस्पताल में दो साल के बच्चे को गलत इंजेक्शन लगा दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। बच्चे को अस्पताल के स्वीपर ने इंजेक्शन लगाया था। इस मामले में शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर रजिस्टर्ड कराई है, जिसमें डॉक्टर, नर्स और स्वीपर तीनों के खिलाफ मामजा दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक, 8 जनवरी को दो साल के एक बच्चे को अस्पताल में एडमिट कराया गया था। बच्चे को दस्त लगे थे।
बच्चे को इंजेक्शन लगाने का काम एक स्वीपर को दे दिया गया, जिसकी उम्र 18 वर्ष बताई गई है। स्वीपर ने दो साल के बच्चे को जो इंजेक्शन लगाया, वह उसी वॉर्ड में एडमिट एक मलेरिया के मरीज को लगाया जाना था, लेकिन स्वीपर ने गलती से वो इंजेक्शन बच्चे को लगा दिया। बच्चे की 13 जनवरी को मौत हो गई, यानी एडमिट कराने के पांचवें दिन। बच्चे की मौत के बाद परिवार ने अस्पताल में तोड़फोड़ की। इसके बाद बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर अर्जुन राजन ने बताया कि उस वक्त कोई आरएमओ मौजूद नहीं था। डॉक्टर ने नर्स से मरीज को दवा देने के लिए कहा। नर्स ने बात पर गौर नहीं किया तो स्वीपर को ही इंजेक्शन लगाने की जिम्मेदारी सौंप दी गई। स्वीपर ने 16 साल के मलेरिया पेशेंट को लगने वाला इंजेक्शन दो साल के बच्चे को लगा दिया। इस घोर लापरवाही के चलते बेवजह दो साल के बच्चे की जिंदगी मिनटों में चली गई।
मेडिकल रिपोर्ट और दो साल के बच्चे के पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है, जिसमें डॉक्टर अल्ताफ खान, नर्स सलीमुन्निसा खान और स्वीपर नरगिस के नाम हैं। इनके अलावा अस्पताल के मालिक नसीरुद्दीन सैयद पर भी केस दर्ज किया गया है। इन सभी के खिलाफ सेक्शन 304-A के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो कि लापरवाही के कारण जान जाने के मामलों में लगाई जाती है।
पुलिस के मुताबिक, इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है। अधिकारियों ने बताया कि वह केस की जांच में लगे हैं।