द्वितीय विश्वयुद्ध के समय जब जंग के मैदान में सैनिकों को खाना नहीं मिलने लगा तो वो लाशों को खाकर जिंदा रहने की कोशिश करते थे, तब सैनिकों को ऐसा करना मजबूरी थी।
इस तरह लगी लत- इसी विश्वयुद्ध से निकलकर जब सैनिक असल दुनिया में आए तो सब वापस पुराने रहन-सहन पर आ गए, लेकिन सबके साथ ऐसा नहीं हुआ। एक चीनी सैनिक सी क्वे सई-उंग जो द्वितीय विश्वयुद्ध में लड़ चुका था, उसे इंसानी मांस खाने की आदत लग गई। युद्ध जब खत्म हुआ तो वो चीन से थाईलैंड आ गया।
सी क्वे जब थाईलेंड पहुंचा तो यहां पर वो माली का काम करने लगा। इस दौरान उसे नॉर्मल खाना तो मिलता था लेकिन इंसानी मांस खाने की उसकी तलब दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थी। जब उससे नहीं रहा गया तो उसने आसपास के बच्चों को वहां से उठाना शुरू दिया।
खा जाता था लिवर-दिल- सी क्वे पहले बच्चों को उठाता, फिर उसे तड़पा-तड़पाकर मार देता। इसके बाद उसका लीवर-दिल समेत कई अंग निकालकर खा जाता। एक-एक करके उसने छह बच्चों को अपना शिकार बना डाला। सी क्वे पुलिस और लोगों की नजरों से बचकर वो आसानी से अपना शिकार कर रहा था, लेकिन एक दिन उसे लोगों ने एक शव को जलाते हुए देख लिया।
सी क्वे जो थाईलैंड में अकेले रह रहा था, किसके शव को जला रहा है… यही सोचकर स्थानीय लोगों को शंका हुई और उन्होंने पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस आई और सी क्वे को गिरफ्तार कर थाने ले गई। वहां जब सी क्वे से पूछताछ होने लगी तो उसने पुलिस को भटकाना शुरू कर दिया।
इस तरह से पकड़ाया- सी क्वे ज्यादा समय तक पुलिस से झूठ नहीं बोल पाया और उसने सारी कहानी उगल दी। पुलिस यह जानकर हैरान हो गई कि जिन बच्चों को वो तलाश कर रही थी, उन्हें तो यह हत्यारा मारकर खा चुका था। उस पर छह बच्चों को मारने का आरोप लगा था।
अदालत में सुनवाई हुई और सीरियल किलर को मौत की सजा सुनाई गई। तब थाईलैंड में मौत की सजा गोली मार कर दी जाती थी। सन् 1959 में सी क्वे को गोली मार कर मौत की सजा पूरी कर दी गई, लेकिन इसके बाद भी उसका अंतिम संस्कार नहीं किया गया। 60 साल बाद जाकर उसका अंतिम संस्कार किया गया।
60 साल बाद अंतिम संस्कार- मौत के बाद स्थानीय सिरिराज अस्पताल के एक डॉक्टर ने अनुरोध किया कि सी क्यू के शव को संरक्षित किया जाए ताकि उसके मस्तिष्क का अध्ययन किया जा सके। अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया और उनके शव को सिरिराज मेडिकल संग्रहालय में एक कांच के बक्से के अंदर रख दिया गया। इसके 60 साल बाद सी क्यू के शव का अंतिम संस्कार किया गया।