Supreme Court Collegium Saurabh Kripal: दिल्ली हाई कोर्ट के जज (Delhi High Court) के रूप में सीनियर एडवोकेट सौरभ कृपाल (Senior Advocate Saurabh Kirpal) की नियुक्ति के लिए 11 नवंबर 2021 की अपनी सिफारिश को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium ) ने एक बार फिर दोहराया है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जोर देकर कहा कि इस सिफारिश पर तेजी से काम करने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के मुताबिक सौरभ कृपाल की उम्मीदवारी के बेहद सकारात्मक पहलुओं को देखा जाना चाहिए।
Supreme Court Collegium ने केंद्र की आपत्तियों को नकारा
देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश को दोहराया है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने वरिष्ठ वकील सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाने की अपनी सिफारिश दोहराई है। कॉलेजियम ने 11 नवंबर, 2021 का अपना फैसला फिर से दोहराया है। कृपाल ने स्वीकार किया है कि वह समलैंगिक हैं। इस वजह से केंद्र ने उन्हें जज बनाने पर आपत्ति जताई थी। साथ ही, उनके पार्टनर के विदेशी (स्विस) होने को भी केंद्र ने अपनी आपत्ति का आधार बताया था।
केंद्र की राय को भी Supreme Court Collegium ने सार्वजनिक कर दिया
सुप्रीम कोर्ट ने इन आपत्तियों को न केवल दरकिनार कर अपनी सिफारिश दोहराई, बल्कि केंद्र की राय को सार्वजनिक भी कर दिया। ऐसा पहले शायद ही कभी हुआ हो कि कॉलेजियम की सिफारिशों पर केंद्र की आपत्ति को सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक कर दिया हो। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय कॉलेजियम ने कहा कि कृपाल को हाईकोर्ट का जज बनाने की सिफारिश पांच साल से भी ज्यादा वक्त से लंबित है। इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द पूरी किए जाने की जरूरत है। कॉलेजियम में जस्टिस चंद्रचूड़ के साथ जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ हैं।
कौन हैं Senior Advocate Saurabh Kirpal
50 साल के सौरभ किरपाल सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीएन कृपाल के बेटे हैं। अगर वह जज बनते हैं तो देश के ऐसे पहले जज होंगे जिन्होंने सार्वजनिक रूप से समलैंगिक होने की बात मानी है। सौरभ कृपाल की उम्मीदवारी के लिए 13 अक्टूबर, 2017 को दिल्ली हाई कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा सर्वसम्मति से की गई सिफारिश और 11 नवंबर, 2021 को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा अनुमोदित इस सिफारिश को केंद्र ने पुनर्विचार करने योग्य माना है।
केंद्र ने पुनर्विचार के लिए वापस भेज दी थी सिफारिश
केंद्र ने समलैंगिक वकील सौरभ कृपाल को उनके सेक्स ओरिएंटेशन के बारे में खुलेपन के आधार पर दिल्ली हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव वापस कर दिया था। केंद्र ने आपत्ति जताई थी कि समलैंगिक अधिकारों के लिए उनके ‘लगाव’ के चलते वकील सौरभ कृपाल में पूर्वाग्रह होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। केंद्र ने इसलिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के प्रस्ताव को 25 नवंबर, 2022 को पुनर्विचार के लिए वापस भेज दिया था। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र की इन आपत्तियों से असहमति व्यक्त की है।