Delhi Girl Accident Case: बाहरी दिल्ली के कंझावला में एक कार में 12 किलोमीटर तक घसीटकर लड़की की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने उसकी चश्मदीद सहेली को पूछताछ के लिए बुलाया है। पुलिस उसके मोबाइल फोन की भी तलाश कर रही है। इसके पहले दिल्ली पुलिस ने कंझावला केस के छठे आरोपी आशुतोष को गिरफ्तार कर लिया है। आशुतोष की कार के नीचे ही 20 साल की लड़की को घसीटा गया था। वहीं, मामले के सातवें आरोपी अंकुश की पुलिस को अब भी तलाश है। पुलिस की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि पहले से गिरफ्तार पांच आरोपियों में कार चलाने का दावा करने वाला दीपक खन्ना हादसे के वक्त कार में नहीं बल्कि अपने घर में था।
Driving License होने की वजह से बनाया दीपक का नाम लेने का दबाव
पुलिस का कहना है कि पांचों में सिर्फ दीपक के पास ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) था। इसलिए दबाव बनाकर उसका नाम लिया गया। पुलिस को उसके मोबाइल का लोकेशन (Location) हादसे की जगह से दूर का मिला है। जांच के मुताबिक आशुतोष ने ही कार अमित को दी न्यू ईयर पार्टी के लिए दी। अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने की वजह से उसने दीपक का नाम लिया था। आशुतोष समेत कई लोगों ने दीपक का नाम लेने के लिए दबाव बनाया था।
आशुतोष को कार में लड़की के फंसे होने के बारे में मालूम था
विशेष पुलिस आयुक्त (Law and Order) सागर प्रीत हुड्डा ने कहा कि आशुतोष नोएडा में एक टेक फर्म में काम करता है। उसके बारे में कहा जाता है कि वह लड़की के कार में फंसे होने के बारे में जानता था और ड्राइवर के बारे में पुलिस से झूठ बोला था। मामले की प्राथमिकी में कहा गया है कि कार मालिक की पहचान लोकेश के रूप में हुई, जिसने पुलिस को बताया कि कार उसके साले आशुतोष के पास है। प्राथमिकी के मुताबिक आशुतोष ने पुलिस को बताया कि उसने कार दीपक और अमित को दी थी। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “उसने कुछ नहीं कहा और यह भी झूठ बोला कि दीपक ड्राइवर था।”
Delhi Police के पास कार चलाने वाले के खिलाफ सबूत
सागर प्रीत हुड्डा (Sagar Preet Hooda) ने कहा कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान पता चला कि प्राथमिकी (FIR) में नामजद पांच लोगों में से एक अमित खन्ना कथित तौर पर कार चला रहा था। हुड्डा ने कहा कि इस बात को साबित करने के लिए उनके पास वैज्ञानिक सबूत हैं। हादसे के बाद अमित ने अपने भाई अंकुश खन्ना को इस बारे में बताया। फिर अंकुश ने दोष लेने के लिए उनसे दीपक (उनके चचेरे भाई) से संपर्क करने को कहा, जिसके पास लाइसेंस है।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने दिए विरोधाभाषी बयान
जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “पूछताछ के दौरान आरोपी ने विरोधाभासी बयान दिए। पहले सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) खंगाले गए, लेकिन यह साफ नहीं हो पाया कि गाड़ी कौन चला रहा था। हमने पाया है कि उस रात दीपक की फोन लोकेशन उसके घर की थी। पुलिस के लगातार पूछताछ के दौरान दीपक टूट गया और कबूल कर लिया।” कार में सवार लोगों पर गैर इरादतन हत्या, तेज गति से वाहन चलाने और आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज किया गया है।
Knajhawala से दूर घर पर मिला दीपक के Mobile Phone का लोकेशन
पुलिस जांच में पाया गया है कि जिस व्यक्ति (दीपक खन्ना) पर लड़की को घसीटकर ले जाने वाली कार चलाने का आरोप है, वह बाहरी दिल्ली के कंझावला में दुर्घटना के समय वाहन के अंदर नहीं था। पुलिस ने कहा कि आरोपी दीपक खन्ना को उसके चचेरे भाई और दोस्तों ने पुलिस को यह बताने के लिए कहा कि वह उस समय उनके साथ था, क्योंकि वह ड्राइविंग लाइसेंस वाला एकमात्र व्यक्ति है। पुलिस ने पाया कि दीपक की उस समय की फोन लोकेशन मामले के अन्य चार आरोपियों से मेल नहीं खाती थी। पुलिस ने कहा कि उसकी फोन लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह पूरे दिन घर पर था। 26 वर्षीय दीपक खन्ना ग्रामीण सेवा चालक है और पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में से एक था।
Kanjhawala Car Dragged Girl Death पूरा मामला
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक सुल्तानपुरी (Sultanpuri) में भाजपा के पदाधिकारी मनोज मित्तल ने मुरथल (Murthal) में एक साथ नए साल की पूर्व संध्या मनाने की योजना बनाई थी। इसके बाद सभी आरोपी शाम करीब 6 बजे अपने घरों से निकले और सुल्तानपुरी में मित्तल की राशन की दुकान पर गए। वहां उन्होंने कथित तौर पर शराब पी ली। वे वहां रात 10 बजे तक रहे और फिर मुरथल के लिए रवाना हो गए। मुरथल से लौटते समय 1.40 से 2 बजे के बीच वे उसी रास्ते पर थे जिस रास्ते से अंजलि और उसकी सहेली जा रही थी। बोलेनो कार और जुपिटर स्कूटर एक संकरी गली में प्रवेश कर रहे थे, तभी कार ने सामने से टक्कर मार दी। इससे दोनों लड़कियां सड़क पर गिर पड़ीं। स्कूटी चला रही लड़की कार के नीचे आ गई और उसके पैर का निचला हिस्सा टायर के पास फंस गया। इसके बाद उसे घसीटा गया।