Sikar Gangwar: राजस्थान के सीकर (Sikar) में गैंगवार (Gangwar) एक बार फिर से हावी होता दिखाई दे रहा है। दो गुटों के बीच पिछले दो दशकों से गैंगवार जारी थी जिसका शनिवार (3 दिसंबर) को अंत हो गया। ‘सीकर बॉस’ (Sikar Boss) के नाम से मशहूर राजू ठेहट (Raju Thehat) की गोलीमारकर हत्या कर दी गई। सीकर में वर्चस्व को लेकर दो गुटों राजू ठेहाट और आनंदपाल (Anand Pal) के बीच गैंगवार चल रही थी। आनंदपाल के एनकाउंटर (Encounter) के बाद लगातार राजू ठेहट का वर्चस्व सीकर में बढ़ता ही जा रहा था। इस हत्या की जिम्मेदारी लॉरेन्स विश्नोई गैंग (Lawrence Vishnoi Gang) ने ली है।
CCTV फुटेज में दिखा, बदमाश कर रहे थे हवाई Firing
हत्या के बाद बदमाशों ने हवाई फायरिंग कर इलाके में दहशत फैलाने की कोशिश की जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। हत्यारों ने हत्या के बाद हवाई फायरिंग की जिसकी वजह से पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि कैसे हत्यारों ने फायरिंग कर लोगों को भागने पर मजबूर किया था। सीकर में आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद राजू ठेहट का शेखावटी में वर्चस्व हो गया था। बताया जा रहा है कि ये रंजिश तब शुरू हुई, जब राजू ठेहट ने अपने ही दोस्त के साले की हत्या कर दी थी। उसके बाद राजू का दोस्त ही उसकी जान का दुश्मन गया था।
Illegal Liquor के कारोबार से Crime में की एंट्री
ये साल 1995 का मामला है तब राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के भैरो सिंह शेखावत की सरकार संकट में चल रही थी। राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका था सीकर का एसके कॉलेज शेखावटी के लिए राजनीतिक सेंटर बन चुका था। यहीं पढ़ाई करने वाले एबीवीपी कार्यकर्ता गोपाल फोगावट शारब के अवैध धंधे से जुड़ा उसी की छत्रछाया में राजू ठेहट भी शराब के अवैध कारोबार में आ गया। समय के साथ राजू ठेहट और आनंदपाल के बीच शेखावटी की जमीन पर कई गैंगवार हुए। यहीं से राजू ठेहट के अपराध की दुनिया में कदम रखा था।
Bhebharam Murder Case से शुरू हुआ सीकर में गैंगवार
एबीवीपी के नेता गोपाल फोगावट के संरक्षण में राजू ने अपना काम शुरू कर दिया था और इस दौरान उसे फोगावट के नाम के दबदबे का फायदा भी मिलता रहा। इसी समय राजू की मुलाकात दूध के व्यापारी बलबीर बानुडा से हुई। बानुडा ने जब सीकर में राजू का दबदबा, पैसा और रसूख देखा तो वो भी अवैध शराब के धंधे में राजू ठेहट के साथ मिलकर उतर गया। साल 1998 में दोनों ने मिलकर भेभाराम हत्याकांड को अंजाम दे दिया। यहीं से शेखावाटी में गैंगवार की शुरुआत हो गई। इस धंधे में जो भी उनके आगे नहीं झुका उसे उन लोगों ने मिलकर रास्ते से हटा दिया।