पुलिस ने दावा किया कि श्रद्धा वालकर किसी अन्य दोस्त से मिलने गई थी, जो आफताब को पसंद नहीं आया और उसने हिंसक होकर घटना को अंजाम दिया। आफताब पर अपनी सहजीवन साथी श्रद्धा वालकर की हत्या करने और उसके शव के 35 टुकड़े कर उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में अलग-अलग हिस्सों में फेंकने का आरोप है।
पुलिस ने बताया कि मंगलवार को भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 302 और 201 के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया। जब मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अविरल शुक्ला ने पूछा कि आरोपपत्र कितने पन्नों का है, तो जांच अधिकारी ने कहा कि इसमें 6,629 पन्ने हैं। इस पर जज ने कहा, यह बहुत बड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि आखिरकार अदालत के समक्ष आरोपपत्र दाखिल कर ही दिया गया।
संयुक्त पुलिस आयुक्त(दक्षिण) मीनू चौधरी ने कहा, ‘घटना वाले दिन श्रद्धा वालकर अपने एक दोस्त से मिलने गई थी, जो आफताब को पसंद नहीं आया, जिसके बाद वह हिंसक हो गया और उसने इस घटना को अंजाम दिया।’ पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपपत्र में आरोपी आफताब और मृतका श्रद्धा वालकर के मोबाइल फोन के विवरण (सीडीआर रपट), उनके साझा दोस्तों के वाट्सऐप काल का ब्योरा, आफताब के नार्को जांच व पालीग्राफ टेस्ट की रपटों को शामिल किया गया है।
इसके अलावा अभियोजन ने आफताब-श्रद्धा के दोस्तों, परिजनों, दिल्ली के उनके मकान मालिक व आफताब का इलाज करने वाले एक डाक्टर के बयान को भी शामिल किया है। सूत्रों ने बताया कि महरौली व गुरुग्राम से सटे वन क्षेत्रों से बरामद अवशेषों (हड्डियों) की सत्यापन रपट भी पुलिस ने अपने आरोपपत्र में शामिल की है। अभियोजन से जुड़े एक अधिकारी ने कहा- जंगलों से बरामद हड्डियां और मृतका की डीएनए रिपोर्ट, जिसमें पुष्टि हुई कि हड्डियां श्रद्धा की ही थीं, ये सब आरोपपत्र का हिस्सा हैं। इसके अलावा आफताब पूनावाला का कबूलनामा और नार्को टेस्ट की रिपोर्ट भी शामिल है।
इस बीच अदालत ने आफताब की न्यायिक हिरासत की अवधि दो हफ्ते के लिए बढ़ाकर सात फरवरी तक कर दी। मंगलवार को न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने पर आफताब को वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से अदालत में पेश किया गया था। इस दौरान,आफताब ने अदालत से कहा कि वह अपने वकील को बदलना चाहता है।