साधु यादव: रेप, हत्या की कोशिश और रंगदारी मांगने समेत कई केस हैं दर्ज, RJD सुप्रिमो के दबंग साले को BSP ने दिया है टिकट
साल 2003 में मशहूर फिल्म निर्देशक प्रकाश झा ने अजय देवगन की मुख्य भूमिका से फिल्म "गंगाजल" का निर्माण किया था। फिल्म का बैकड्रॉप बिहार और वहां के राजनीतिक किरदार थे। फिल्म में खलनायक का नाम साधु यादव था।

बिहार में विधानसभा चुनाव हैं और सभी राजनीतिक पार्टियां सियासी गोटी बिछाने में व्यस्त हैं। बिहार में चुनाव के वक्त अक्सर लालू-राबड़ी राज का जिक्र किया जाता है। आज हम लालू-राबड़ी राज का जिक्र नहीं बल्कि उस राज़ में मशहूर हुए बाहुबली साधु यादव की बात कर रहे हैं। रिश्ते में राबड़ी देवी के भाई और लालू प्रसाद के साले साधु यादव के बारे में कहा जाता है कि दीदी और जीजा के शासनकाल में साधु की तूती बोलती थी। एक जमाने में लालू के नाम पर उनकी न सिर्फ पार्टी बल्कि पूरे बिहार में धाक थी। उन्हें दबंग भी माना जाता था। साधु कि गणना बाहुबली के रूप में ही होने लगी थी। कहा जाता है कि लालू की वजह से ही साधु विधानपरिषद और विधानसभा में आरजेडी विधायक के रूप में पहुंचे। 2004 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने पार्टी उम्मीदवार के रूप में गोपालगंज से लोकसभा का चुनाव जीता था।
बहरहाल अब ना तो बिहार में लालू राज है और ना ही साधु से लालू खानदान की नजदीकियां। साधु फिलहाल बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर गोपालगंज विधानसभा सीट से मैदान में हैं। साधु यादव पर दबंगई, व्यापारियों को परेशान करने समेत कई आरोप लालू-राबड़ी राज में लगते रहे हैं। यह भी कहा गया कि वो बिहार में बाहुबलियों को राजनीतिक प्रश्रय भी देते हैं।
इतना ही नहीं साधु के एक साले पर तो हत्या तक के आरोप लगे हैं। आज भी साधु यादव की दबंगई के किस्से लोग भूले नहीं है। साल 2003 में मशहूर फिल्म निर्देशक प्रकाश झा ने अजय देवगन की मुख्य भूमिका से फिल्म “गंगाजल” का निर्माण किया था। फिल्म का बैकड्रॉप बिहार और वहां के राजनीतिक किरदार थे। फिल्म में खलनायक का नाम साधु यादव था। इस फिल्म में साधु यादव की दबंगई को दिखाया गया था।
बाद में साधु यादव के समर्थक फिल्म को लेकर अदालत तक पहुंच गए थे, हालांकि प्रकाश झा ने साफ किया था कि उनकी इस फिल्म का लालू प्रसाद यादव के साले साधु यादव औऱ उनकी जिंदगी से कोई लेना-देना नहीं है यह सिर्फ एक किरदार का नाम है।
अब जरा रियल लाइफ के साधु यादव पर लगे गंभीर आपराधिक आरोपों के बारे में भी जान लीजिए।
– साल 2016 में पटना में एक बिल्डर से 50 लाख रुपए की रंगदारी मांगने का आरोप लगा।
– साधु यादव का नाम राज्य के चर्चित बाढ़ राहत घोटाले में उछला। इस मामले में उन्होंने सरेंडर किया और फिर बाद में बेल भी लिया।
– बिहार के चर्चित शिल्पी जैन मर्डर केस में भी लालू के साले का नाम आया था। इस मामले में सीबीआई ने साधु यादव से जब डीएनए टेस्ट कराने के लिए कहा था तब उन्होंने इनकार कर दिया था।
– बिहार भवन में जेएनयू के एक छात्र पर हमला करवाने का आरोप भी साधु यादव पर लगा था।
इन सभी आरोपों के अलावा गोली चलाकर दहशत फैलाने, हत्या का प्रयास, रंगदारी ना देने पर पिटाई, दंगा फैलाने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने समेत कई आरोप हैं।
हाल ही में साधु यादव उर्फ अनिरुद्ध प्रसाद यादव ने बीएसपी के प्रत्याशी के तौर पर गोपालगंज विधानसभा सीट से नामांकन किया है। आरोप है कि उनके नामांकन करने के दौरान पूरे शहर में हजियापुर से लेकर मौनिया चौक तक रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में करीब 300 से लेकर 400 लोग शामिल हुए।
सदर सीओ विजय कुमार सिंह ने बताया कि साधु यादव की ओर से रैली के इजाजत नहीं ली गई थी। चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू है और पूरे जिले में धारा 144 लगाई गई है। जिसकी वजह से बिना इजाजत के कोई भी सभा या जूलूस करने की इजाजत नहीं है।
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