पंजाब और राजस्थान में बीते कई सालों से लॉरेंस बिश्नोई जैसे गैंगस्टर का दबदबा रहा, लेकिन जब वह जेल गया तो अंकित भादू नाम के माफिया ने गैंग संभाला। लॉरेंस के जेल जाने के बाद अंकित भादू ही था जो बिश्नोई के इशारे पर वारदातों को अंजाम दे रहा था। पंजाब के फाजिल्का का रहने वाला अंकित भादू किसान परिवार में जन्मा था और उसने स्कूल बीच में ही छोड़ दिया था।
लॉरेंस के जेल जाने के बाद पंजाब और राजस्थान में अंकित भादू खौफ का दूसरा नाम बन चुका था। बड़े कारोबारियों से रंगदारी और जान से मारने की धमकी के लगभग हर मामले अंकित भादू और बिश्नोई गैंग का नाम आता था। अंकित भादू दोनों राज्यों की पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुका था। ऐसे में पुलिस हर हाल में इस काटें को उखाड़ फेंकना चाहती थी। अंकित का नाम राजस्थान के मोस्टवांटेड अपराधियों की लिस्ट में शामिल था।
अंकित भादू पूरी गैंग को एक साथ लेकर वारदातों को अंजाम दे रहा था। कई बार पुलिस से घिरने के बाद भी वह हर बार बच निकलने में कामयाब हो चला था। बताते हैं कि अंकित भादू के नाम से करीब डेढ़ दर्जन फेसबुक एकाउंट्स थे और 20 हजार से ज्यादा युवा उसे फॉलो भी करते थे। अंकित भादू चर्चित जॉर्डन हत्याकांड, चुरू राजगढ़ कोर्ट शूटआउट सहित आठ मामलों में वांछित था। साल 2015 में उसे गिरफ्तार किया था लेकिन दो साल बाद जमानत लेकर वह कपूरथला जेल से बाहर आ गया था।
अंकित भादू की उम्र 25 की ही थी, लेकिन उस पर डेढ़ दर्जन से ज्यादा मुकदमें थे। इनमें से 4 हत्या और 15 लूटपाट व रंगदारी की वारदात से जुड़े केस थे। साल 2019 के दौरान पुलिस को इनपुट मिला कि वह अपनी प्रेमिका से मिलने चंडीगढ़ के सेक्टर 32 जाता है। सूचना के मुताबिक, उसकी प्रेमिका पंजाब के कुख्यात अपराधी की पूर्व प्रेमिका थी और चंडीगढ़ के एक अपार्टमेंट में रहती थी। चंडीगढ़ इंटेलिजेंस की टीम ने अंकित भादू और उसकी प्रेमिका के बीच हुई बातचीत को रिकॉर्ड किया तो आवाज अंकित की थी। इसके बाद अंकित भादू के मोबाइल की लोकेशन पता कर सर्विलांस में डाला गया।
कुछ दिनों में इनपुट मिला कि वह जीरकपुर में मौजूद है। ऐसे में पुलिस टीम उसे पकड़ने के लिए पहुंची तो एनकाउंटर शुरू हो गया। इस एनकाउंटर में कुख्यात गैंगस्टर अंकित भादू को तीन साथियों के साथ मार गिराया गया। साथ ही उनके पास से कई हथियार भी बरामद हुए थे। बता दें कि, एनकाउंटर से एक दिन पहले ही राजस्थान पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये से इनाम बढ़ाकर 1 लाख रुपये का कर दिया था।
अंकित भादू की मौत के बाद उसके पिता ने अस्पताल से शव ले जाने से इंकार कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंकित के पिता शिव भादू ने कहा था कि उसके बेटे ने जो किया, उसका अंजाम यही होना था। मैं समाज के युवाओं से अपील करता हूं कि कोई भी उसके जैसा न बने। अगर कोई भी बनेगा तो उसका हश्र यही होगा।