पंजाब के कई गैंगस्टर्स में एक नाम दिलप्रीत सिंह बाबा का भी है। दिलप्रीत इस वक्त जेल में है, लेकिन एक वक्त उसके निशाने पर पंजाब के गायक और अभिनेता थे। गिप्पी ग्रेवाल, परमीश वर्मा जैसे सिंगर को कई बार दिलप्रीत सिंह धमकी दे चुका था और एक बार उसका हमले में भी नाम सामने आया था। हालांकि, दिलप्रीत का बैकग्राउंड आपराधिक नहीं था, लेकिन गांव के झगड़ों के चलते वह कुख्यात गैंगस्टर में बदल गया।
दिलप्रीत सिंह बाबा पंजाब के रूपनगर के ढहन गांव का रहने वाला है। शुरुआती समय में वह रोपड़ के कॉलेज में पढ़ता था और औसत दर्जे का छात्र रहा। पढ़ाई के बीच गांव लौटे दिलप्रीत का झगड़ा गांव के ही कुछ नौजवानों से हुआ तो पंचायत ने मामला शांत कर दिया। लेकिन कुछ दिनों बाद फिर उसके और उसकी बहन के ऊपर हमला हुआ, जिसमें दिलप्रीत ने भी कुछ लड़कों को बुरी तरह मारा था।
इसी मारपीट के बाद दिलप्रीत सिंह की जिंदगी बदल गई। आए दिन उसका नाम इलाके की मारपीट और आपराधिक वारदातों में आने लगा। अब औसत दर्जे के छात्र दिलप्रीत के अंदर अपराधी का रूप पनप रहा था। साल 2014 के बाद दिलप्रीत सिंह, रंगदारी और फिरौती के कामों को अंजाम देने लगा। वह इन मामलों में पुलिस की पकड़ से दूर रहा, क्योंकि दिलप्रीत वाईफाई के जरिए व्हाट्सएप कॉल करता था।
साल 2016 में 18 मई को एक मामले में दिलप्रीत पुलिस के हत्थे चढ़ा ही था कि तभी कुछ युवाओं ने पुलिस टीम पर हमला कर उसे छुड़ा लिया। पुलिस हिरासत से फरार हुए दिलप्रीत ने इसके बाद लूट, हत्या, अपहरण और फिरौती के कई मामलों को अंजाम दिया। पुलिस उसे ढूंढ रही थी, लेकिन दिलप्रीत पकड़ से दूर रहा। इस दौरान उसने पंजाब में ड्रग स्मगलिंग और गैरकानूनी हथियारों की तस्करी के धंधे में हाथ डाल दिया। इस काम के लिए उसने कई गुर्गों को भी रखा था, जो उसके कामों को अंजाम देते थे।
दिलप्रीत ने इन सालों में पंजाब के कई बड़े गायकों को रंगदारी के लिए धमकी दी थी। इनमें गिप्पी ग्रेवाल और परमीश वर्मा जैसे बड़े नाम शामिल थे। एक बार दिलप्रीत सिंह बाबा का नाम परमीश वर्मा के ऊपर हुए हमले में भी आया था। पंजाबी गायक परमीश पर हुए हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दिलप्रीत सिंह ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली थी। सालों तक गायब रहने के बाद जुलाई, 2018 में दिलप्रीत सिंह को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
दिलप्रीत सिंह बाबा के ऊपर पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में 30 से ज्यादा आपराधिक केस दर्ज थे। इन मामलों में 3 हत्या के और 9 हत्या के कोशिश के केस दर्ज थे। दिलप्रीत सिंह को चंडीगढ़ के सेक्टर 43 में एक सामान्य मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। दिलप्रीत सिंह बाबा का नाम पंजाब के A कैटेगरी अपराधियों में शामिल था और उसे एक संयुक्त ऑपरेशन में पंजाब इंटेलिजेंस विंग और जालंधर पुलिस ने पकड़ा था।
एनकाउंटर के दौरान दिलप्रीत सिंह को भी गोली लगी थी और उसने पंजाबी भाषा में पुलिसकर्मियों से कहा था कि “मैनू मारियो ना यानी मुझे मारना मत”। मुठभेड़ के बाद दिलप्रीत सिंह बाबा को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, फिर उसे रोपड़ जेल भेज दिया। वहीं कुछ महीनों बाद सुरक्षा कारणों के चलते उसे भटिंडा जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।