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ऑपरेशन थंडरबोल्ट: सबसे जांबाज सैन्य मिशन जिसमें शहीद हो गए थे बेंजामिन नेतन्याहू के भाई

इस हैरतअंगेज सैन्य ऑपरेशन में इजराइल और उसकी खुफिया एजेंसी मोसाद का पूरी दुनिया ने लोहा माना था। साथ ही मोसाद ने अकेले दम पर पूरी दुनिया को दिखा दिया कि उसकी ताकत क्या है।

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तस्वीर का इस्तेमाल प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (Photo Credit – Pixabay)

दुनिया में कई बार ऐसे संकट आए जिन्होंने पूरी दुनिया को चौंका कर रख दिया। संकट से उबरने के लिए देशों ने कुछ सैन्य अभियान चलाए जिनमें इजराइल के जांबाज सैन्य मिशन “ऑपरेशन थंडरबोल्ट” का नाम भी शामिल है। हालांकि, इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने अकेले दम पर पूरी दुनिया को दिखा दिया कि उसकी ताकत क्या है और किस तरह वह किसी मिशन को अंजाम देती है।

27 जून, 1976 को इजराइल की राजधानी तेल अवीव के बेंगुरियन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से रात 11 बजे दर्जन भर क्रू मेंबर और 246 यात्रियों के साथ फ्रांस की एयरबस 139 ने उड़ान भरी। यह फ्लाइट ग्रीस की राजधानी एथेंस के लिए उड़ी। एथेंस पहुंचने के बाद 58 यात्री और सवार हुए लेकिन पेरिस जाने वाली इस फ्लाइट को उड़ते ही 4 आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया। यह सभी एथेंस एयरपोर्ट से सवार हुए थे।

आतंकवादियों ने पेरिस जाने वाली इस फ्लाइट को लीबिया के बेनगाजी में उतारा और ईंधन भरा फिर युगांडा के एंतेबे हवाईअड्डे पर विमान को उतारा गया। उस समय युगांडा का राष्ट्रपति ईदी अमीन था जिसका इजराइल से छत्तीस का आंकड़ा हुआ करता था। उसने इन आतंकियों को युगांडा में पनाह दी और बंधकों को ट्रांजिट हॉल में कैद करवाकर अपनी सेना तैनात कर दी।

यात्री विमान के हाईजैक की घटना से इजराइल समेत पूरी दुनिया में सनसनी फ़ैल गई। वहीं, आतंकियों ने बंधकों को छोड़ने के बदले कुल 53 कैदियों को रिहा करने और 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मांग की। इसके लिए इजराइली सरकार को 48 घंटे का समय दिया गया। हालांकि, इजराइली सरकार ने गुपचुप तरीके से आतंकियों से डील करने पर इंकार कर दिया लेकिन बंधकों को आजाद कराना भी जरूरी था। ऐसे में सरकार ने आतंकियों से कहा कि उन्हें मांगों को पूरा करने के लिए 4 जुलाई तक थोड़ा और समय चाहिए।

आतंकियों को लगा कि सरकार उनकी मांगे पूरी कर देगी इसलिए 30 जून को करीब 48 लोगों को रिहा कर दिया गया। इनमें से अधिकतर बुजुर्ग और बीमार लोग शामिल थे। फिर सौ और गैरइजराइली नागरिकों को भी रिहा कर दिया गया। उधर इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद पूरे मिशन पर काम कर रही थी। 3 जुलाई को इजराइली कैबिनेट ने ‘ऑपरेशन थंडरबोल्ट’ लांच किया। इसके बाद 100 इजराइली कमांडों की टीम ने युगांडा के एंतेबे हवाईअड्डे के लिए उड़ान भरी।

इन हरक्यूलिस विमानों में काली मर्सिडीज कारें भी लोड की गईं क्योंकि युगांडा का राष्ट्रपति ईदी अमीन उन दिनों काली मर्सिडीज से चलने के लिए मशहूर था। मोसाद का प्लान था कि ऑपरेशन थंडरबोल्ट में सैनिक आतंकियों और युगांडा के सैनिकों को चकमा देने के लिए इन्हीं कारों से हवाईअड्डे तक जाएंगे। सैनिकों के पहुंचने के बाद मोसाद से एक इनपुट में चूक हो गई। पता चला कि ईदी अमीन उन दिनों देश से बाहर था, साथ ही वह अब काली की जगह सफेद मर्सिडीज से चलने लगा था।

इजराइली सैनिक जैसे ही एंतेबे एयरपोर्ट पर काली मर्सिडीज से उतरे तो युगांडा के सैनिकों को शक हो गया। वे जब तक कुछ भांप पाते तब तक इजराइली सैनिकों ने कईयों को ढेर कर दिया। फिर इजराइली सैनिक ट्रांजिट हॉल में कैद बंधकों तक जा पहुंचे और चिल्लाकर हिब्रू और टूटी-फूटी अंग्रेजी में कहा हम इजराइली सैनिक हैं और आपको बचाने आए हैं आप सभी लोग लेट जाइए। फिर बंधकों की निशानदेही पर आतंकियों के कमरे में ग्रेनेड फेंक दिया और तीन आतंकी मारे गए।

इस 53 मिनट की पूरी कार्रवाई में आतंकी समेत कई युगांडा के सैनिक मारे गए लेकिन तीन बेगुनाह नागरिकों की जान चली गई। बंधकों को ले जाते वक्त इजराइली सैनिकों ने युगांडा एयरफ़ोर्स के 30 से ज्यादा विमानों को भी ध्वस्त कर दिया। 4 जुलाई को सफलता पूर्वक खत्म हुए इस जांबाज सैन्य मिशन में इजराइल के 10 कमांडो घायल हुए जबकि एक कमांडो की मौत हो गई, यह कोई और नहीं बल्कि इजराइल के प्रधानमंत्री रहे बेंजामिन नेतन्याहू के बड़े भाई योनातन नेतान्याहू थे।

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First published on: 01-03-2022 at 14:36 IST
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