उत्तर प्रदेश कैडर के IPS अधिकारी मणिलाल पाटीदार (Manilal Patidar) की गिनती अब भगौड़ों में होती है, अपराधियों की तरह उन पर भी एक लाख का इनाम घोषित किया गया है। मूलरुप से राजस्थान के डूंगरपुर इलाके के रहने वाले मणिलाल पाटीदार (Manilal Patidar) पर एक कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी (indrakant tripathi mahoba) से रंगदारी मांगने, आत्महत्या के लिए उकसाने और भ्रष्टाचार से संबंधित कई मुकदमे दर्ज हैं। वह पिछले 9 महीनों से उत्तर प्रदेश पुलिस को छका रहे हैं।
क्या है पूरा मामला: मामले की शुरुआत सिंतबर 2020 में हुई थी, जब एक क्रेशर कारोबारी इंद्रकांत का एक वीडियो वायरल हुआ था, इस वीडियो में कारोबारी ने महोबा एसपी मणिलाल पाटीदार पर 6 लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। वीडियो वायरल होने के दूसरे ही दिन कारोबारी सुनसान सड़क पर घायल अवस्था में मिला था, इलाज के दौरान 13 सितंबर को इंद्रकांत की मौत हो गई थी। जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एसपी को सस्पेंड कर दिया। जांच में पाटीदार के साथ कुछ और पुलिसकर्मियों का नाम सामने आया, जिनकी या तो गिरफ्तारी हो गई या फिर खुद-ब-खुद सरेंडर कर दिया लेकिन पाटीदार का कोई अता पता नहीं चला।
जैसे-जैसे वक्त बीतता जा रहा है वैसे-वैसे पाटीदार पर ऐलान की गई इनाम की राशि भी बढ़ती जा रही है। 15 नवंबर 2020 को भगौड़ा घोषित किया गया था, उस समय ईनामी राशि 25 हजार रुपये थी, जोकि अब बढ़कर एक लाख पहुंच चुकी है। इसकी घोषणा एडीजी जोन प्रयागराज ने की थी। इतना ही नहीं, पूर्व एसपी की संपत्तियों को भी कुर्क किया जा रहा है। लेकिन किसी भी हालत में पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लग पाया है।
जानकार बताते हैं कि महोबा के पूर्व पुलिस अधिक्षक रातों रात अमीर होना चाहते थे। अधिकारी की कुर्सी पर पहुंचते ही जब उन्हें अपनी ताकतों का एहसास हुआ तो उन्होंने कारोबारियों को निशाना बनाना चाहा। इंद्रकांत से हर महीने 6 लाख रुपये की मांग की गई, जब कारोबारी ने इसे नहीं दे पाने की विवशता जाहिर की तो उसे मारने की धमकी दी और यह भी कहा कि ऐसी मौत दी जाएगी जो आत्महत्या लगेगी। इस बात का जिक्र कारोबारी ने अपने वीडियो में किया था।
बताते चलें कि मणिलाल बचपन से ही मेधावी छात्र रहा था। 25 नवंबर 1989 को जन्में मणिलाल ने मात्र 24 साल की उम्र में UPSC की परीक्षा पास कर ली थी। साल 2013 में उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 188वां रैंक हासिल की थी। इससे पहले उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन से बीटेक किया था। बीटेक के बाद सिविल सेवा की तैयारी शुरू की और शुरुआती कोशिश में ही सफलता अर्जित करने में कामयाब रहे थे, कुछ दिन लखनऊ में रहने के बाद पाटीदार को महोबा का एसपी बनाकर भेजा गया था। लेकिन किसे पता था कि कम उम्र में सफलता पाने के बाद उनकी गिनती सूबे के टॉप भगौड़ों में होने लगेगी।