4 दिनों में बीजेपी नेता और एयर होस्टेस समेत 3 को मार डाला, फिर जंगलों में भागा, पुलिस ने पकड़ा तो खुद को मार ली गोली
अश्विनी कुमार उर्फ जॉनी दादा ने अपने फेसबुक वॉल पर कई टेक्स्ट मैसेज, Tik Tok वीडियो और तस्वीरें पोस्ट की थीं, पोस्ट में उसने कहा था कि वह ऐसे लोगों को नुकसान पहुंचाएगा, जिन्होंने कथित तौर पर उसका अपमान किया था।

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में तीन लोगों की हत्या के आरोपी अश्विनी कुमार उर्फ जॉनी दादा ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। इसने भारतीय जनता पार्टी के नेता भीम सिंह कश्यप के बेटे चंद्र भूषण उर्फ राहुल (24) और उनके चचेरे भाई कृष्णा उर्फ लाला (25) को कथित तौर पर 26 सितंबर को बिजनौर के बाधपुर में शराब के लिए गोली मारकर हत्या कर दी थी। इन हत्याओं को अंजाम देने के चार दिन बाद ही उसने करने के चार दिन बाद (30 सितंबर) को उसने पूर्व एयर होस्टेस निकिता शर्मा के घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी।
तीन लोगों की हत्या कर फरार चल रहा था : इन हत्याओं के बाद जब पुलिस ने उसके लिए सर्च अभियान शुरू किया तो कुमार कथित तौर पर आसानी से दौलताबाद के जंगलों में घुस गया और उसके बाद से फरार चल रहा था। अश्विनी कुमार उर्फ जॉनी दादा ने अपने फेसबुक वॉल पर कई टेक्स्ट मैसेज, Tik Tok वीडियो और तस्वीरें पोस्ट की थीं, पोस्ट में उसने कहा था कि वह ऐसे लोगों को नुकसान पहुंचाएगा, जिन्होंने कथित तौर पर उसका अपमान किया था।
फरार बदमाश ने खुद को मारी गोली: बिजनौर के एसपी संजीव त्यागी ने बताया कि अश्विनी कुमार बिजनौर से भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन इसी दौरान उसने खुद को गोली मार ली। इसकी पुष्टि उसके रिवॉल्वर से चली गोली से हुई है, जो वह अपने साथ रखता था।
बिजनौर से भागने के फिराक में था आरोपी: त्यागी ने बताया कि एक सामान्य चेकिंग के दौरान पुलिस की एक टीम ने बदलापुर इलाके में, राजमार्ग पर रोडवेज बस को चेकिंग के लिए रोका तो उन्हें एक युवक पर शक हुआ। जो ड्राइवर के बगल वाली सीट पर बैठा था। जब पुलिस उसके पास गई तो उसने अपना रिवॉल्वर निकाल लिया। पुलिस ने उसे सरेंडर करने को कहा तो उसने खुद को गोली मार ली। आगे त्यागी ने बताया कि मृत व्यक्ति की पहचान बाद में जॉनी दादा के रूप में हुई, जो हाल ही में बिजनौर के अलग-अलग हिस्सों में हुई तीन सनसनीखेज हत्याओं में फरार चल रहा था।
बता दें कि अश्विनी उर्फ जॉनी दादा के गिरफ्तारी पर पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम रखा गया था और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को एक लाख रुपये तक की रकम बढ़ाने की सिफारिश भेजी थी।