सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 1988 के रोड रेज मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल जेल की सजा सुनाई। इसके बाद क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को पटियाला कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के बाद पटियाला सेंट्रल जेल भेजा गया है। जेल भेजने से पहले सिद्धू को चिकित्सकीय परीक्षण के लिए पटियाला के माता कौशल्या अस्पताल ले जाया गया, क्योंकि उन्होंने स्वास्थ्य को लेकर शिकायत की थी।
सिद्धू को मिली ये सुविधाएं: सूत्रों के मुताबिक, पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सिद्धू को पटियाला सेंट्रल जेल में दो चादरें, चार जोड़ी कुर्ता-पायजामा और दो तकिए के कवर मिले हैं। इसके अलावा उन्हें बैरक में एक टेबल, एक कुर्सी, दो पगड़ी, एक अलमारी, एक कंबल, तीन सेट अंडरवियर, दो तौलिए, एक मच्छरदानी, एक पेन, एक नोटबुक, एक जोड़ी जूते की सुविधा दी जाएगी।
कैदी नंबर 241383 और बैरक नंबर 7: बता दें कि, इस केस में सिद्धू को पहले मार्च 2018 में 1,000 रुपये के जुर्माने के साथ छोड़ दिया गया था। हालांकि, अब सिद्धू को आईपीसी की धारा 323 के तहत अधिकतम संभव सजा दी गई है। सूत्रों ने बताया कि उनका कैदी नंबर 241383 है और उन्हें बैरक नंबर 7 में रखा गया है। 15 मई 2018 को, शीर्ष अदालत ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें सिद्धू को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया गया था।
सिद्धू को जारी हुआ था नोटिस: पूर्व में सिद्धू को रोड रेज मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी, जिसमें उन्हें एक वरिष्ठ नागरिक गुरनाम सिंह को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने का दोषी ठहराया गया था। बाद में सितंबर 2018 में, शीर्ष अदालत ने पीड़ित परिवार द्वारा दायर एक समीक्षा याचिका की जांच करने के लिए सहमति व्यक्त की और सिद्धू को नोटिस जारी किया था।
सिद्धू की पत्नी ने लगाया था आरोप: इस साल की शुरुआत में पंजाब चुनाव से ठीक पहले, उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने कहा था कि इस मामले को शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रमजीत मजीठिया के इशारे पर आगे बढ़ाया जा रहा है। हालांकि, बिक्रम मजीठिया भी मादक पदार्थों से जुड़े मामले में इसी जेल में बंद हैं। वह अमृतसर-पूर्व से सिद्धू के खिलाफ हाल में हुए विधानसभा चुनाव लड़े थे पर हार गए थे।