केरल में सियासी रंजिश की आग तेज हो चुकी है। पलक्कड़ जिले में एक पीएफआई नेता की हत्या का बमुश्किल एक दिन भी नहीं बीता था कि शनिवार को एक स्थानीय आरएसएस नेता की हत्या कर दी गई। पलक्कड़ में हुई इस वारदात में भाजपा के जिला नेतृत्व ने हत्या के पीछे पीएफआई और उसकी राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया का हाथ बताया है।
पुलिस ने घटना में पीड़ित की पहचान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व प्रचारक श्रीनिवासन (45) के रूप में की है। पुलिस के अनुसार, शहर के मेलमुरी में एक गिरोह ने दोपहर में 1 बजे के करीब श्रीनिवासन की दुकान पर धावा बोल दिया और उन पर धारदार हथियार से कई बार हमला किया। पुलिस ने कहा कि वारदात के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका।
पुलिस ने चश्मदीदों के हवाले से कहा कि श्रीनिवासन पर हमला करने वाला पांच सदस्यीय गिरोह दोपहिया वाहनों पर धारदार हथियारों के साथ आया था। पुलिस ने कहा कि शुक्रवार दोपहर, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एलापुल्ली क्षेत्र के प्रमुख ए. सुबैर (44) की स्थानीय मस्जिद के पास हत्या कर दी गई थी। जहां वह और उनके पिता अबूबकर जुमे की नमाज अदा करने गए थे।
पीएफआई नेता के हमलावरों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस ने पाया था कि इन हमलावरों ने वारदात में जिस कार को इस्तेमाल में लिया था, वह आरएसएस नेता एस. संजीत के नाम पर पंजीकृत थी, जिसे पिछले साल नवंबर में पीएफआई-एसडीपीआई के लोगों ने मार दिया था। पुलिस ने कहा कि संजीत के परिवार ने भी पुष्टि की थी कि कार उन्हीं की है, लेकिन संजीत ने मौत से महीनों पहले उसे एक वर्कशॉप में छोड़ दिया था।
हालांकि, संजीत के परिजन इस बात की पुष्टि नहीं कर सके थे कि वर्कशॉप से कार किसने ली थी। जबकि सुबैर हत्या मामले में जांच के बाद पुलिस ने यह पाया था कि हत्यारों द्वारा कथित रूप से छोड़ी गई एक अन्य कार को शुक्रवार सुबह स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता रमेशन ने किराए पर लिया था, जो अभी फरार है।
शनिवार को हुए आरएसएस कार्यकर्ता के हमले पर भाजपा के राज्य महासचिव सी कृष्णकुमार ने दावा किया कि इस घटना के पीछे एसडीपीआई और पीएफआई का हाथ है। उन्होंने कहा कि, पुलिस आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या को नहीं रोक सकी। जबकि कल हमने पीएफआई कार्यकर्ता की हत्या के पीछे अपने कार्यकर्ताओं या संघ परिवार के किसी भी व्यक्ति की भूमिका से इंकार किया था। ज्ञात हो कि, श्रीनिवासन की हत्या पिछले पांच महीनों में केरल के पलक्कड़ जिले में तीसरी राजनीतिक हत्या है।