कहते हैं कातिल कितनी भी चालाकी क्यों ना करे, सबूत छोड़ ही जाता है। कभी-कभी छह महीने की प्लानिंग भी छह मिनट में पकड़ी जाती है। ऐसी ही कहानी है कर्नाटक की एक एनआरआई महिला के मर्डर की।
कर्नाटक के उडुपी जिले में एक महिला विशाला गनिगा सुबह बैंक जाने के लिए निकली, लेकिन वो ना तो बैंक पहुंची और ना ही घर वापस आई। इसके बार परिवार वालों ने उसे खोजना शुरू किया। काफी खोजने का बाद जब घरवाले महिला के पति के फ्लैट पर पहुंचे तो वहां उसकी लाश मिली।
चाय के कप से हुई शंका- विशाला गनिगा अपने बच्चों और पति के साथ दुबई में रहती थी। पति वहां नौकरी करता था। महिला अपने मायके आई हुई थी। एक दिन वो पति के काम से बैंक जाने के लिए निकली। फिर उसकी लाश ही मिली। पुलिस जब जांच के लिए पहुंची तो मौके से कई सबूत हाथ लगे।
पुलिस को फ्लैट से खाली चाय के दो कप मिले और सारा सामान बिखरा हुआ था। शुरूआत में ये मामला सिर्फ लूटपाट का लगा। पति दुबई में था, इसलिए पुलिस को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था, लेकिन खाली कप से ये साफ पता चल रहा था कि घर में जो भी आया है विशाला के जान पहचान वाला ही था, नहीं तो वो चाय बना कर क्यों पिलाती।
खुल गया राज- पुलिस ने अंधेरे में तीर चलाना शुरू कर दिया। पति भी अंतिम संस्कार के लिए भारत आया हुआ था। जब पति से पूछताछ हुई तो उसने गोल मटोल जवाब दिया। पुलिस का तीर सही निशाने पर जा लगा था। पुलिस ने पति रामकृष्ण के मोबाइल का कॉल डिटेल निकलवाया। जिस दिन विशाला का मर्डर हुआ था, रामकृष्ण ने गोरखपुर के एक नंबर पर वाट्सअप कॉल किया था। विशाला, पति के कॉल के बाद ही बैंक ना जाकर फ्लैट पर पहुंची थी। अब पुलिस ने पति को शिकंजे में ले लिया और जब कड़ाई से पूछताछ हुई तो उसने गुनाह कबूल कर लिया।
छह महीने पहले की थी प्लानिंग- छह महीने पहले परिवार के साथ रामकृष्ण दुबई से भारत आया था। उसे पत्नी पर शक था। इसलिए उसने विशाला को मारने का प्लान बनाया। गोरखपुर के एक सुपारी किलर से उसने संपर्क किया और पांच लाख में मर्डर का सौदा तय हो गया। दो लाख रुपया एडवांस भी दे दिया। इस दौरान पत्नी से सुपारी किलरों को दोस्त बनाकर मिलवा भी दिया। पत्नी को बोला कि ये मेरा दोस्त है, कभी कोई बात हो तो कॉल कर लेना।
इस तरह हुआ मर्डर– इस घटना के बाद सारा परिवार दुबई चल गया। छह महीने बाद विशाला इंडिया वापस आई। घटना के दिन विशाला बैंक जाने के लिए जब निकली, तभी पति का फोन आया कि उसके दोस्त आ रहे हैं, फ्लैट पर चली जाओ। विशाला बैंक ना जाकर फ्लैट पर पहुंची, जहां दोनों सुपारी किलर पहुंचे। पति का दोस्त समझकर विशाला ने उन्हें चाय पिलाई। इसके बाद दोनों सुपारी किलर ने विशाला की गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद दोनों ने घर में रखे सामान को बिखेर दिया ताकि मामला लूटपाट का लगे, लेकिन वो चाय का कप हटाना भूल गए और इसी चाय के कप ने इस मर्डर की गुत्थी को सुलझा दिया।