झारखंड विधानसभा चुनाव: बीजेपी ने 130 करोड़ के घोटाले और कत्ल के आरोपियों को भी दिया है टिकट
भाजपा ने भानू प्रताप शाही को भावनाथपुर विधानसभ सीट से पार्टी उम्मीदवार बनाया है। भानू प्रताप शाही 130 करोड़ के मेडिकल घोटाले के आरोपी भी हैं।

बीजेपी ने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए दूसरी सूची 13 नवंबर को जारी की है। इसमें केवल एक नाम सुखदेव भगत का है। उन्हें लोहरदगा (सुरक्षित) से उममीदवार बनाया गया है। पार्टी के केंद्रीय कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी गई है। पार्टी ने अब तक जो उम्मीदवार घोषित किए हैैं, उनमें कई दागदार हैं। दूसरे दलों से हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए दागी नेताओं को भी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है।
आपको बता दें कि हाल ही में भानू प्रताप शाही ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) ज्वायन किया है। भानू प्रताप शाही कभी राज्य की मधु कोड़ा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। लेकिन इस बार भाजपा ने भानू प्रताप शाही को भावनाथपुर विधानसभ सीट से पार्टी उम्मीदवार बनाया है। भानू प्रताप शाही 130 करोड़ के मेडिकल घोटाले के आरोपी भी हैं।
वहीं पार्टी ने शशि भूषण मेहता को भी इस बार के चुनाव में उम्मीदवार बनाया है। शशि भूषण मेहता को पांकी से मैदान में उतारा गया है। शशि भूषण मेहता पर एक शिक्षक की हत्या का आरोप है। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और यहां तक की प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपी चार्जशीट में भानू प्रताप शाही का नाम लिया है।
क्या है मेडिकल घोटाला?: साल 2008 का यह मेडिकल घोटाला काफी चर्चित रहा था। बता दें कि इस बार झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 52 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है उसमें भानू प्रताप शाही का नाम है। दरअसल सरकार ने National Rural Health Mission के तहत नियम बनाया था कि दवाइयों की खरीदारी सार्वजनिक दुकानों से की जाएगी।
लेकिन मधु कोड़ा सरकार के दौरान शाही ने निजी कंपनियों से बड़ी मात्रा में दवाइयां खरीदी। इस मामले में शाही को साल 2011 में गिरफ्तार भी किया गया था लेकिन साल 2013 में वो जमानत पर जेल से बाहर आ गए।सूत्रों के मुताबिक शाही मनी लॉन्ड्रिंग केस में भी आरोपी हैं। पार्टी के कई नेता शाही को टिकट दिए जाने से खुश नहीं हैं।
इधऱ शिक्षक की हत्या के आरोपी मेहता ने अक्टूबर के महीने में भारतीय जनता पार्टी ज्वायन किया था। मेहता को पांकी से टिकट दिये जाने के पार्टी के फैसले ने सबको चौंका दिया था। क्योंकि सभी को उम्मीद थी कि यहां से पार्टी सरयू राय को टिकट देगी। सरयू राय पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और खाद्य घोटाले के व्हिस्लब्लोअर भी रहे हैं। (और…CRIME NEWS)
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