Hyderabad Crime News: तेलंगाना की साइबराबाद पुलिस (Cyberabad Police) ने शुक्रवार को शहर में वेश्यावृत्ति का रैकेट (prostitution racket) चलाने के आरोप में मुंबई के एक फिल्म लेखक (Mumbai-based film writer) सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि साइबराबाद में अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम (Immoral Traffic (Prevention) Act) के तहत दर्ज कम से कम चार मामलों में आरोपी फरार थे। एक सप्ताह के अभियान में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
Bangladesh की महिला भी गिरफ्तार
गिरफ्तार अभियुक्तों में बांग्लादेश (Bangladesh) की एक महिला भी शामिल है। बांग्लादेशी महिला की पहचान 26 साल की मुल्ला नसरीन के रूप में हुई है। यह महिला पहले अवैध व्यापार के गिरोह की शिकार हुई थी। उसके बाद वह खुद वेश्यालय (Brothel) चलाने लगी थी। इस महिला ने भी कई राज्यों में अपने नेटवर्क बना रखे हैं।
Mumbai से गिरफ्तार दो आरोपी में एक फिल्म लेखक
Cyberabad Police ने जांच के हवाले से कहा कि मुंबई के 28 वर्षीय मोहित सतपाल गर्ग ने कई फिल्मों के लिए कहानियां (Film Writer) लिखीं है। इस बीच उसने मानव तस्करी का एक नेटवर्क (Human Trafficking Network) चलाया और 2020 से अब तक मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और कोलकाता से लगभग 300 से 400 पीड़ित महिलाओं को वेश्यावृत्ति में धकेल दिया है। वहीं, मुंबई में रहने वाला एक अन्य आरोपी 40 वर्षीय जय साहा 2018 से ऐसा ही कर रहा है और देश के विभिन्न शहरों से महिलाओं को बहला-फुसलाकर या अगवा कर हैदराबाद के होटलों में भेजता है।
आरोपियों के पास से मिला E-Gadgets का जखीरा
अन्य गिरफ्तार आरोपियों की पहचान झंवर विशाल (33), मोहम्मद सोहेल अहमद (38), मोहम्मद खलील (40), मुंथा श्रीकांत (29), मेहदी दास (38) और पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से 35 फोन, पांच लैपटॉप, दो टैबलेट पीसी, एक स्वाइपिंग मशीन, दो स्कैनर, तीन बाइक, एक कार, 25 पैन कार्ड और डेबिट कार्ड जब्त किए हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया, “गिरफ्तार किए गए लोग माधापुर और गाचीबोवली पुलिस स्टेशनों में दर्ज मामलों में आरोपी हैं और फरार थे। पुलिस की विशेष टीमों ने मुंबई का दौरा किया और वहां भी दो आरोपियों को गिरफ्तार किया।’
Websites और Whatsapp का भरपूर इस्तेमाल
पुलिस ने कहा कि ग्राहकों के चयन के लिए पीड़ितों की तस्वीरें व्हाट्सएप ग्रुपों (Whatsapp Groups) में पोस्ट की गईं। उन्होंने मुख्य आयोजक को 40 प्रतिशत आय का भुगतान किया, जबकि पीड़ित और दलाल ने 30 प्रतिशत रकम साझा किया। जांच करने वाली पुलिस टीम ने कहा कि अपराध में कई वेबसाइटों (Websites) का इस्तेमाल किया गया था और हैदराबाद से कॉल सेंटर (Call Centre) संचालित किए गए थे। उन्होंने कहा कि उनके संचार का मुख्य माध्यम व्हाट्सएप था।
कई राज्यों की पुलिस से संपर्क कर रही जांच टीम
साइबराबाद पुलिस की एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (Anti-Human Trafficking Unit, AHTU) के मुताबिक आरोपी देश के अलग-अलग हिस्सों से महिलाओं को बहलाता-फुसलाता या अगवा करता था। उन्होंने वेबसाइटों पर विज्ञापन पोस्ट किए, अपने कॉल सेंटरों के माध्यम से संभावित और पिछले ग्राहकों से संपर्क किया और पैसे के बदले में विभिन्न होटलों में देह व्यापार की सुविधा दी। पुलिस इस मामले की और गहरी तहकीकत जारी रखने वाली है। कई राज्यों की पुलिस से इस मामले में संपर्क भी किया जा रहा है।